प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11 Hindi Core
आरोह भाग -1 काव्य-खंड
पाठ 3. घर की याद - अवानी प्रसाद मिश्र
जीवन-सह-साहित्यिक परिचय
कवि- भवानी
प्रसाद मिश्र
जन्म- 1913 ई०
जन्म स्थान- टिगरिया गाँव होशंगाबाद (म.प्र.)
प्रमुख रचनाएँ- सतपुड़ा के जंगल, सन्नाटा, गीत फरोश, (गीतफरोश इनका पहला
काव्य संकलन है।) चकित है दुख, बुनी हुई रस्सी, खुशबू के शिलालेख, अनाम तुम आते हो,
इदं न मम,
प्रमुख सम्मान- साहित्य अकादमी पुरस्कार, मध्य प्रदेश शासन का शिखर सम्मान,
पद्मश्री पुरस्कार, प्रमुख पत्रिका कल्पना पत्रिका,
मृत्यु- 1985 ई०
काव्यगत विशेषताएँ- सहज लेखन और सहज व्यक्तित्व का नाम है- भवानी प्रसाद मिश्र
। ये कविता, साहित्य और राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख कवियों में से एक हैं। भवानी प्रसाद
मिश्र को गाँधीवादी विचार धारा में अखंड विश्वास था। इन्होंने गाँधी वाड्मय के हिंदी
खंडों का संपादन कर कविता और गाँधी जी के बीच सेतु का काम किया। इनकी कविता हिंदी की
सहज लय की कविता है। इस सहजता का संबंध गाँधी जी के चरखे की लय से भी जुड़ता है, इसलिए
उन्हें कविता का गाँधी भी कहा गया है। इनकी कविताओं में बोलचाल के गद्यात्मक से लगते
वाक्य-विन्यास को ही कविता में बदल देने की अद्भुत क्षमता है। इसी कारण इनकी कविता
सहज और लोक के करीब है।
पाठ-परिचय
इस कविता में घर के मर्म का उद्घाटन है। कवि को जेल प्रवास
के दौरान घर से विस्थापन की पीडा सताती है। कवि के स्मृति- संसार में उसके परिवार के
एक-एक सदस्य शामिल होते चले जाते हैं। घर की अवधारणा की सार्थक और मार्मिक याद कविता
की केंद्रीय संवेदना है। सावन के बादलों को देखकर कवि को घर की याद आती है। वह घर के
सभी सदस्यों को याद करता है। उसे अपने भाइयों व बहनों की याद आती है। उसकी बहन भी मायके
आई है। पुत्र के दुख से व्याकुल, परंतु स्नेहमयी अनपढ़ माँ की याद आती है। वह पत्र
भी नहीं लिख सकती।
कवि को अपने पिता की याद आती है जो बुढ़ापे से दूर हैं। वे
दौड़ सकते हैं, खिलखिलाते हैं और वे मौत से नहीं डरते। उनकी वाणी में जोश है। आज जब
वे गीता का पाठ करके, दंड लगाकर जब नीचे आए होंगे, तो अपने पाँचवे बेटे को न पाकर रो
पड़े होंगे और तब माँ ने उन्हें समझाया होगा। कवि सावन से निवेदन करता है कि तुम खूब
बरसो, किंतु मेरे माता-पिता को मेरे लिए दुखी न होने देना। उन्हें संदेश देना कि मैं
जेल में खुश हैं। इस प्रकार कवि ने घर की अवधारणा का चित्र प्रस्तुत किया है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1. पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन
के घिरने में परस्पर क्या संबंध है?
उत्तर- कवि भवानी प्रसाद मिश्र अपने घर से बहुत दूर
कारावास में बन्द हैं। अपने घर और
प्रियजनों से दूर रहने का उन्हें दुःख है। सावन के महीने में जब बादल बरसने लगते हैं।
ऐसे में कवि के मन को स्मृतियों घेर रही हैं। जैसे-जैसे पानी गिर रहा है, वैसे-वैसे
कवि के हृदय में अपने प्रियजनों की स्मृतियों चलचित्र की भाँति उभरती जा रही हैं। पानी
के बरसने के कारण ही उसके प्राण व मन घर की याद में व्याकुल हो जाते हैं।
2. मायके आई बहिन के लिए कवि ने घर को 'परिताप
का घर' क्यों कहा है?
उत्तर- कवि की बहन अपने मायके आई हैं वह यह सोचकर प्रसन्न
है कि मों के घर में उसकी भेंट अपने भाइयों तथा बहनों के साथ-साथ माता-पिता से होगी।
वहाँ पहुँचने पर उन्हें पता चलता है कि उसका एक भाई स्वैतंत्रता आन्दोलन में जेल चला
गया है, तो उसकी प्रसन्नता गायब हो जाती है। उसको अपने एक भाई से न मिल पाना दुःखदायी
लगता है। उसको अपने पिता का घर परिताप अर्थात् दुःखों का घर प्रतीत होता है। लगता है
जैसे कि वह अपने पिता के घर नहीं दुःखर्खा के घर आई है।
3. पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को
उकेरा गया है?
उत्तर- घर की याद कविता में जेल में बन्द कवि ने अपने घर
से सम्बन्धित यादों को चित्रित किया है। इनमें कवि के भाइयों, बहनों, माँ तथा पिता
की यादें सम्मिलित हैं। पिता की स्मृतियों कवि को व्याकुल करती हैं। कवि के पिता के
व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ इस कविता में उकेरी गई हैं-
स्वस्थ एवं साहसी- कवि के पिता वृद्ध हैं परन्तु उनके तन-मन पर वृद्धावस्था
का कोई प्रभाव नहीं है। वे अभी भी दौड़ लगाते हैं, खिल-खिलाकर हँसते हैं, मौत से नहीं
डरते, शेर से बिचकते नहीं। उनकी वाणी में बादल के समान गर्जन है तथा कार्य आँधी-तूफान
जैसे वेग वाले होते हैं।
बोल में बादल गरजता काम में झंझा लरजता।
संयमित जीवन- कवि के पिता का जीवन संयम भरा है। वह प्रातः उठकर गीता का
पाठ करते हैं तथा नियमित रूप से दंड और मुगदर वाला व्यायाम करते हैं। उससे उनका स्वास्थ्य
अच्छा रहता है तथा मन शान्त रहता है।
भावुक व्यक्ति- कवि के पिता अत्यन्त भावुक हैं। अपने पाँचवें बेटे के जेल
में होने के कारण वे व्याक्ल हो उठते हैं, उनके नेत्र आँसुओं से भर जाते हैं। वे अपने
पाँचवें बेटे को सोने पर सुहागा कहकर उसकी तारीफ करते हैं और उससे अत्यन्त स्नेह करते
हैं। उनको रोते देखकर कवि की माँ उनको समझाती हैं-
आँख में किसलिए पानी वहाँ अच्छा है भवानी।
4. निम्नलिखित पंक्तियों में बस शब्द के प्रयोग
की विशेषता बताइए।
मैं मजे में हूँ सही है
घर नहीं हूँ बस यही है
किंतु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है'
उत्तर-
1. इन पंक्तियों में बस शब्द का प्रयोग पहली बार दूसरी पंक्ति
में हुआ है। यहाँ इसका अर्थ केवल यो मात्र है। आशय यह है कि कवि मजे में है, केवल इतनी-सी
बात है कि वह अपने घर पर नहीं है, कारावास में है।
2. तीसरी पंक्ति में बस शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। पहली
बार में इसका अर्थ वही है जो दूसरी पंक्ति में है-केवल घर पर न होना, दूसरी बार इस
शब्द का अर्थ है-बड़ा दुःख या कष्ट। अर्थात् केवल यह कि कवि घर पर नहीं है जेल में
है, कवि के लिए बड़ा दुःखदायी है। उसे घर की याद निरन्तर सताती है।
3. चौथी पंक्ति में 'बस' शब्द का एक बार ही प्रयोग हुआ है।
इस बस का अर्थ है-बड़ा दुःख या कष्ट। आशय यह है कि इस दुःख ने कॅवि के जीवन में सब
कुछ रसहीन या नौरस बना दिया है।
5. कविता
की अन्तिम 12 पंक्तियों को पढ़कर कल्पना कीजिए कि कवि अपनी किस स्थिति व मनःस्थिति
को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है ?
उत्तर- घर की याद कविता की अन्तिम 12 पंक्तियों में कवि ने सावन
के माध्यम से अपने पिता को सन्देश भेजा है और अपनी मनोदशा का वर्णन किया है तथा सावन
को निर्देश दिया है कि कारावास के सच्चाई के बारे उसके पिता को न बताये। भारत छोड़ो
आन्दोलन में भाग लेने के कारण-कवि जेल में है। वहाँ रहते हुए उसे अपने घर की याद बहत
सताती है। इस कारण उसे ठीक से नींद नहीं आती और उसको वहाँ अन्य कैदियों के साथ रहना
अच्छा नहीं लगता। वह उनसे दूर ही रहना चाहता है। वह एकान्त में रहकर अपने परिवार को
याद करता है। वह चुपचाप रहता है, किसी से बात नहीं करता। अपनी इस दशा को वह घरवालों
को बताना नहीं चाहता। कवि का अपने पिता एवं परिवारजनों के प्रति इतना गहरा स्नेह है
कि वह नहीं चाहता कि उसकी वास्तविकता जानकर उसके पिता एवं परिवार के अन्य सदस्य रोये
अथवा दुःखी हों।
कविता के आस पास
1. ऐसे
पाँच रचनाओं का संकलन कीजिए जिसमें प्रकृति के उपादानों की कल्पना संदेशवाहक के रूप
में की गई है।
उत्तर- निम्न रचनाओं में प्रकृति के उपादानों की कल्पना संदेशवाहक
के रूप में की गई है-
1. कालिदास द्वारा लिखित मेघदूत
2. मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा लिखित पद्मावत
3. मीरा के पद
4. नागार्जुन द्वारा लिखित कालिदास की कविता
5. सूर के पद
2. घर से अलग होकर आप घर को किस तरह से याद
करते हैं? लिखें।
उत्तर- घर से यदि मुझे किसी कारणवश अलग होना पड़ता है तो मुझे घर
की बहुत याद आती है। हमें अपने माता-पिता, -पिता, भाई-बहिनों, मित्रों तथा सम्बन्धियों
और पड़ोसियों की याद भी आती है। हमारे घर में जो पालतू पशु-पक्षी हैं, वे भी हमें याद
आते हैं। घर का भोजन, रहन-सहन तथा आपस की हँसी-मजाक भी हमारे मन में निरन्तर घूमते
रहते हैं। हर पल मन में यही विचार आता है कि इस समय हम अपने घर, अपने परिवारवालों के
साथ होते।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. घर की याद कविता किसके द्वारा रचित है?
क. त्रिलोचन
ख. रघुवरदास
ग. प्रेमचंद
घ. भवनी प्रसाद मिस्र
2. कवि ने घर की याद कविता कहाँ लिखी थी?
क. विद्यालय में
ख. घर में
ग. करावास में
घ. स्कूल में
3. कविता का गांधी किसे कहा जाता है?
क. भवानी प्रसाद मिश्र
ख. सुमित्रानंदन पंत
ग. निराला
घ. अजेय
4. किस आंदोलन में भाग लेने के कारण भवानी
प्रसाद मिश्र को जेल जाना पड़ा?
क. सविनय अवज्ञा आंदोलन
ख. असहयोग आंदोलन
ग. भारत छोड़ो आंदोल
घ. खिलाफत आंदोलन
5. भवानी प्रसाद मिश्र को भारत सरकार ने किस
उपाधि से सम्मानित किया था ?
क. मध्य प्रदेश का शिखर सम्मान
ख. साहित्य अकादमी
ग. पद्मश्री सम्मान
घ. इनमें से सभी
6. घर की याद कविता कब लिखी गई है
क. भारत प्रवास के दौरान
ख. जेल प्रवास के दौरान
ग. वनवास के दौरान
घ. इनमें से कोई नहीं
7. भवानी के पिता दंड कितनी बार करते हैं?
क. 260
ख.
360
ग.
160
घ.
60
8. भारत छोड़ो आंदोलन किसके द्वारा चलाया गया था?
क.
नेहरू जी
ख.
भवानी प्रसाद मिश्र
ग. गाँधी जी
घ.
सुभाष चंद्र बोस
9. भवानी प्रसाद मिश्र को निम्न में से कौन सा पुरस्कार मिला
क.
पद्मश्री पुरस्कार
ख.
ग़ालिब पुरस्कार
ग.
शिखर सम्मान
घ. इनमें से सभी
10. मौत के आगे कौन नहीं हिचकता?
क.
भवानी के भाई
ख. उसके पिता
ग.
माता
घ.
बहने
11. भवानी प्रसाद मिश्र के अनुसार खुशी का पूर किसे कहा गया है?
क.
मेला को
ख.
जेल को
ग. परिवार को
घ.
इनमें से कोई नहीं
12. निम्न में से कौन सी रचना भवानी प्रसाद मिश्र की नहीं है?
क.
बुनी हुई रस्सी
ख.
अनाम तुम आते हो
ग.
सन्नाटा
घ. धरती
13. कवि के पिता का बोल कैसा था?
क.
शेर की दहाड़ के समान
ख. बादल के गर्जन के समान
ग.
बिजली की कड़क के समान
घ.
कोयल के समान
14. कवि के पिता ने सोने पर सुहागा किसके लिए कहा है?
क. भवानी के लिए
ख.
पिता के लिए
ग.
भाइयों के लिए
घ.
माता के लिए
15. कवि किसे अपना संदेश वाहक बनाया है?
क.
कोयल को
ख.
डाकिया को
ग. सावन को
घ.
कबूतर को
16. कवि के पिता ने स्वर्ण बेटा किसके लिए कहा है?
क.
कवि के भाइयों के लिए
ख.
सैनिकों के लिए
ग.
कवि के बहनों के लिए
घ. कवि के लिए
17. कवि के माँ का पत्र कवि को क्यों नहीं मिलता है?
क.
कवि का पता नहीं जानती थी
ख. पढ़ना लिखना नहीं जानती थी
ग.
कवि को पसंद नहीं करती थी
घ.
इनमें से कोई नहीं
18. कवि के कितने भाई थे?
क. चार
ख.
पाँच
ग.
आठ
घ.
तीन
19. कवि जेल में क्या करने में व्यस्त रहते थे?
क. कातने में
ख.
चित्रकारी करने में
ग.
सोने में
घ.
पढ़ने में
20. कवि के परिवार में कुल कितने सदस्य थे?
क.
आठ
ख.
नौ
ग.
दस
घ. ग्यारह
21. कवि के पिता को एक क्षण भी क्या नहीं व्यापा है?
क.
दुःख
ख.
क्रोध
ग. बुढ़ापा
घ.
इनमें से सभी
22. कवि किसके गोद में सर रखकर सारे दुःख भूल जाता है
क.
पिता के
ख. माता के
ग.
भाई के
घ.
बहनों के
23. कवि अपने भाइयों को क्या कहा है?
क.
हाथ
ख.
पैर
ग. भुजा
घ.
मुँह
24. कवि के पिता किस ग्रंथ का पाठ करते हैं?
क. रामायण
ख. गीता
ग. महाभारत
घ. हनुमान चालीसा
25. जेल में कवि किससे आगता था?
क. लोगों से
ख. बंदूक से
ग. सिपाही से
घ. शोर से
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. कवि
का जन्म कब और कहां हुआ था ?
उत्तर- कवि का जन्म 1913 ई० टिगरिया गाँव होशंगाबाद में
हुआ था।
2. माँ
के बारे कवि क्या बताते हैं ?
उत्तर- माँ के बारे कवि बताते हैं कि वह दुर्यो में डूबी
हुई है।
वह निरक्षर है और बच्चों से बहुत स्नेह करती है।
3. कवि स्वयं को क्यों अभागा मानता है?
उत्तर- कवि स्वयं को अभागा इसलिए मानता है क्योंकि वह
अपने परिवार के साथ नहीं है।
4. कवि
ने सावन को क्या उपमा दी है?
उत्तर- कवि ने सावन को सजीले, हरे, पुण्य-पावन की उपमा
दी है।
5. उम बड़ी होने पर भी पिता को बुढ़ापा क्यों नहीं छू पाया है?
उत्तर-
कवि के पिता की आयु अधिक थी परंतु वे सरल स्वभाव के थे। रोज व्यायाम करते थे दौड़ लगाते,
खूब काम करते इस कारण उन्हें बुढ़ापा छू नहीं पाया।
6. कवि की माँ की स्नेह की धारा कहाँ तक फैला है?
उत्तर-
कवि की माँ की स्नेह की धारा कारावास तक फैला हुआ है जहाँ भवानी प्रसाद मिश्र कैद है।
7. कवि के परिवार के लोगों में परस्पर कैसा सम्बन्ध है?
उत्तर-
कवि ने अपने परिवार के लोगों के बारे में बताया है कि उसके चार भाई तथा चार बहनें हैं।
भाई सदा एक- दूसरे का सहयोग करते रहते हैं। बहनें भी प्रेम की मूर्ति हैं। वे परिवार
के लोगों से गहरा प्रेम करती हैं। उसके माता-पिता भी सभी को स्नेह करते हैं। आपस में
सभी का सम्बन्ध स्नेहपूर्ण है।
8. माँ के स्नेह का विस्तार कहाँ तक बताया गया है?
उत्तर-
कवि इस समय भारत की स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने के कारण जेल में बंद है। वह जेल
में रहकर भी अपनी माँ के स्नेह का अनुभव सरलता से कर सकता है। इसकी माँ के स्नेह की
नदी का प्रसार जेल के भीतर तक है और कवि वहाँ रहकर भी अनुभव कर पा रहा है।
9. पिताजी के रो पड़ने से उनकी किस विशेषता का पता चलता है ?
उत्तर-
घर के आँगन में अपने पाँचवें पुत्र को न देखकर तथा उसके जेल जाने का स्मरण करके उनका
रोने लगना पुत्र के प्रति अत्यधिक लगाव व वात्सल्य भाव को व्यक्त करता है।
10. हे सजीले हरे सावन में कौन सा अलंकार है?
उत्तर-
हे सजीले हरे सावन में सावन को सम्बोधित करके कवि ने संदेश भेजा है। अतः यहाँ सम्बोधन
अलंकार है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. कवि का भरा-पूरा घर आज 'परिताप का घर' क्यों है?
उत्तर-
कवि के घर में सुख और स्नेह के सब साधन हैं। भुजाओं के समान चार भाई, सदा प्यार करनेवाली
बहनें, ममता बिखेरती माँ और प्रोत्साहन देनेवाले पिता से घर भरा हुआ है। आज जब कवि
जेल में है तो उसके अभाव ने घर के प्रत्येक सदस्य को दुखी कर दिया है, जिससे कवि का
घर अपने-आप में परिताप का घर बन गया है।
2. तुम बरस लो वे न बरसे किसने, किससे और क्यों कहा है?
उत्तर-
कवि ने सावन से कहा है कि तुम बरस लो लेकिन मेरे माता-पिता की आँखों में आँसू न आएँ।
सावन से यह आग्रह करते हुए कवि के मन में यह भाव है कि उसके माता-पिता पाँचवें पुत्र
के लिए दुखी न हों खुश रहें।
3. माँ ने भवानी के पिता को क्या सांत्वना दी?
उत्तर-
माँ ने भवानी के पिता को कहा कि भावुक होकर आँखें नम मत करो, वह जेल में ठीक है। भवानी तुम्हारी मन की बात
समझकर ही आजादी की लड़ाई में कूदा है, तथा तुम्हारी परंपरा का निर्वाह किया है। अतः
दुख जताने की आवश्यकता नहीं है।
4. यह तुम्हारी लीक ही है-का आशय स्पष्ट कीजिए
?
उत्तर- आशय यह है कि उसकी माँ उसके पिता जी को समझाती है कि भवानी
तुम्हारे ही आदशों पर चलकर जेल गया है। अर्थात स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। तुम
भी भारत माता को परतंत्र नहीं देख सकते हो। वह भी अंग्रेजी शासन का विरोध करते हुए
जेल गया है। यह आपकी ही तो परंपरा है।
5. कवि जेल में कौन-कौन सा कार्य करता है?
उत्तर- कवि जेल में लिखने और पढ़ने का काम करता है। सूत कातता है
तथा खेलता-कूदता है। इस प्रकार कवि हर दुखों का डटकर मुकाबला करता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. घर की याद' कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
उत्तर- इस कविता के माध्यम से कवि ने घर के मर्म का उद्घाटन किया
है। कवि को जेल प्रवास के दौरान अपने घर के विस्थापन की पीड़ा सताती है। कवि के स्मृति-संसार
में उसके परिवार के सभी सदस्य एक-एक करें शामिल होते चले जाते हैं। घर की अवधारणा की
सार्थक और मार्मिक याद कविता की केंद्रीय संवेदना है। सावन के बादलों को देखकर कवि
को घर की याद आती है। वह घर के सभी सदस्यों को याद करता है। उसे अपने चार भाइयों एवम्
चारों बहनों की याद आती है। उसकी बहन सावन के महीने में मायके आई हुई हैं। कवि को अपनी
अनपढ़, पुत्र के वियोग में दुख से व्याकुल, परंतु स्नेहमयी माँ की याद आती है। वह सावन
को अपना संदेश वाहक बनाकर अपने माता- पिता के पास अपनी कुशल क्षेम पहुँचाने का प्रयास
करता है ताकि कवि के प्रति उनकी चिंता कम हो सके।
2. कवि अपनी किस दशा को अपने पिताजी पर प्रकट
नहीं करना चाहता तथा क्यों?
उत्तर- कवि अपने पिता को बहुत चाहता है तथा उनका सम्मान करता है।
वह नहीं चाहता कि उसके पिता चिन्तित और दुःखी हों। भवानी जेल में रहकर प्रसन्न नहीं
है। उसे हर समय घर तथा अपने परिजनों की याद सताती है। परन्तु अपनी पीड़ा को वह पिता
तक पहुँचने नहीं देना चाहता। वह सावन से कहता है कि उसकी निराशा और अस्त-व्यस्तता के
बारे में वह उसके पिता को कुछ न बताये। जो सच्चाई है, उसे वह उनको न बताए।
वह उनसे यह न कहे कि जेल में रहकर उसे नींद नहीं आती। वह
लोगों से मिलना-जुलना पसन्द नहीं करते, वह किसी से बातें भी नहीं करते। वह दुःख और
घर की याद में डूबा रहता है। उसे यह भी याद नहीं रहता कि वह कौन है अर्थात् अपनी सुध-बुध
खो बैठा है। सावन कुछ ऐसी बात न कहे कि पिताजी को व्यर्थ की शंका हो। वह कहता है-हे
सावन । तुम बरसो अवश्य परन्तु ऐसा कुछ मत करना कि मेरे पिता की आँखें भी बरसने लगे।
3. घर की याद के आधार पर मिश्रजी की भाषा-शैली का परिचय दीजिए?
उत्तर-
भवानी प्रसाद मिश्र सहज व्यक्तित्व के धनी हैं। उसकी कविता में बोलचाल के गद्यात्मक
से लगते वाक्यों का प्रयोग हुआ है। वे तुकान्त हैं तथा कवि ने उनको कविता की सरसता
में बदल दिया है। वाक्यों के छोटा होने से उनमें अद्भुत प्रवाह है। कवि की कविता की
यह सहज लय गाँधीजी के चरखे की लय से जुड़ती है। अतः मिश्रजी को कविता का गाँधी कहा
गया है। उनकी कविता लोक-जीवन के निकट है तथा उसके विषय जनजीवन के घर-आँगन से सम्बन्धित
हैं।
कवि ने प्रेम की कविताओं में भी श्रृंगार के स्थान पर सहज जीवन तथा घरेलू सुख-दुःख का स्वाभाविक चित्रण किया है। गाँधीवाद पर आस्था होने के कारण अहिंसा तथा सहनशीलता को कविता में स्थान मिला है। कवि की भाषा सरल खड़ी बोली है। उसमें संस्कृतनिष्ठता होने पर भी दुरूहता नहीं है। बोलचाल के शब्दों तथा मुहावरों के प्रयोग ने भाषा को शक्ति प्रदान की है। भाषा भावानुकूल तथा प्रवाहपूर्ण है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग-1 | |
पाठ सं. | अध्याय का नाम |
काव्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | 1. हे भूख ! मत मचल, 2. हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर- अक्कमहादेवी |
7. | |
8. | |
गद्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
वितान | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |