प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11 Hindi Core
आरोह भाग -1 काव्य-खंड
पाठ 4. चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती - त्रिलोचन
जीवन-सह-साहित्यिक परिचय
कवि-
त्रिलोचन
मूल नाम- वासुदेव सिंह
जन्म-
सन् 1917 चिरानी पट्टी, जिला- सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)
निधन-
सन् 2007
प्रमुख रचनाएँ- धरती, गुलाब और बुलबुल, दिगंत, ताप के ताए हुए दिन, शब्द,
उस जनपद का कवि हूँ, अरघान, तुम्हें सौंपता हूँ, चैती, अमोला, मेरा घर, जीने की कला
(काव्य संग्रह), देशकाल, रोजनामचा, काव्य अर्थबोध, मुक्तिबोध की कविताएं (गद्य)
प्रमुख सम्मान- साहित्य अकादमी, शलाका का सम्मान, महात्मा गांधी पुरस्कार
(उत्तर प्रदेश)
साहित्यिक विशेषताएँ
कवि त्रिलोचन हिंदी साहित्य के प्रगतिशील काव्य धारा के प्रमुख
कवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं। रागात्मक संयम और लयात्मक अनुशासन के कवि होने के साथ-साथ
ये बहुत सारे भाषाओं के ज्ञाता भी हैं, इसलिए उनके नाम के साथ शास्त्री भी जुड़ गया
है। लेकिन यह शास्त्रीयता उनकी कविता के लिए बोझ नहीं बनती। त्रिलोचन जीवन में निहित
मंद-लय के कवि हैं।
त्रिलोचन का कविपन बोलचाल की भाषा को चुटिला और नाटकीय बनाकर
कविताओं को नया आयाम देता है। कविता की प्रस्तुति का अंदाज कुछ ऐसा है कि वस्तु और
रूप की प्रस्तुति का भेद नहीं रहता।
पाठ-परिचय
'चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती' नामक कविता "धरती"
संग्रह में संकलित है। यह पलायन के लोक अनुभवों को मार्मिकता से अभिव्यक्त करती है।
कविता में 'अक्षरों' के लिए 'काले-काले' विशेषण का प्रयोग किया गया है, जो एक ओर शिक्षा-व्यवस्था
के अंतर्विरोध को उजागर करता है तो दूसरी ओर उस दारुण यथार्थ से भी हमारा परिचय कराता
है, जहां आर्थिक मजबूरियों के चलते घर टूटते हैं। काव्य की नायिका चंपा अनजाने ही उस
शोषण व्यवस्था के प्रति पक्ष में खड़ी हो जाती है, जहां भविष्य को लेकर उसके मन में
अनजान खतरा है। वह कहती है 'कलकत्ते पर बजर गिरे। कलकत्ते पर वज्र गिरने की कामना,
जीवन के खुरदरे यथार्थ के प्रति चंपा के संघर्ष और जीवट को प्रकट करती है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
1. चंपा
ने ऐसा क्यों कहा कि कलकत्ता पर बजर गिरे?
उत्तर- चंपा नहीं चाहती कि उसका बालम उसे छोड़कर कहीं दूर पैसा कमाने
के लिए जाए। कवि ने उसे बताया कि कलकत्ता जो बहुत दूर है वहाँ लोग धन कमाने जाते हैं।
चंपा चाहती है कि कलकत्ते का अस्तित्व ही समाप्त हो जाए तो उसका बालम उसी के पास रहेगा।
इसलिए वह कहती है कि कलकत्ते पर बजर गिरे।
2. चंपा को इस पर क्यों विश्वास नहीं होता
कि गाँधी बाबा ने पढ़ने-लिखने की बात कही होगी?
उत्तर- चंपा के मन में यह बात बैठी हुई है कि शिक्षित व्यक्ति अपने
घर को छोड़कर बाहर चला जाता है। इस कारण वह पढ़ाई-लिखाई को अच्छा नहीं मानती। गाँधी
जी का ग्रामीण जीवन पर बहुत अच्छा प्रभाव है। वे लोगों की भलाई की बात करते हैं। अतः
वह गाँधी जी द्वारा पढ़ने-लिखने की बात कहने पर विश्वास नहीं करती, क्योंकि पढ़ाई-लिखाई
परिवार को तोड़ती है। उनसे लोगों का भला नहीं होता। यह गाँधी जी के चरित्र के विपरीत
कार्य है।
3. कवि ने चंपा की किन बिशेषताओं का उल्लेख
किया है?
उत्तर- चंपा एक छोटी बालिका है जो काले काले अक्षरों को नहीं पहचानती।
कवि के अनुसार वह चंचल और नटखट है। दिन भर पशुओं को चराने का काम करती है; वह जो करना
चाहती है, वही करती है। उसे पढ़ना पसंद नहीं तो नहीं पढ़ती। वह नहीं चाहती कि उसका
पति उससे दूर जाए, तो कहती है कलकत्ते पर बजर गिरे।
4. आपके विचार में चंपा ने ऐसा क्यों कहा होगा
कि मैं तो नहीं पढ़ेंगी?
उत्तर- चंपा को विश्वास है कि पढ़-लिखकर व्यक्ति अपने परिवार को
छोड़कर परदेश जाकर रहने लगता है। इससे घर बिखर जाते हैं। शिक्षित होकर लोग चालाक, घमंडी
व कपटी हो जाते हैं। वे परिवार को भूल जाते हैं। महानगरों में जाने वाले लोगों के परिवार
बिछोह की पीड़ा सहते हैं। इसलिए उसने कहा होगा कि वह नहीं पढ़ेगी।
कविता के आस-पास
1. यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती तो कवि से कैसे
बातें करती?
उत्तर- यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती तो कवि से पूछती कि आप क्या
लिख रहे हैं? मैं भी वह पढ़ना चाहती हैं। पढ़ने के लिए कोई किताब माँगती और पढ़ी हुई
किताबों के विषय में बातें करती। गांधी जी की धारणा को समझती।
2. इस कविता में पूर्वी प्रदेशों की स्त्रियों
की किस विडंबनात्मक स्थिति का वर्णन हुआ है?'
उत्तर- इस कविता में पूर्वी प्रदेशों की स्त्रियों की व्यथा
को व्यक्त करने का प्रयास किया गया है। रोजगार की तलाश में युवक कलकत्ता जैसे बड़े
शहरों में जाते हैं
और वहीं के होकर रह जाते हैं। पीछे उनकी स्त्रियाँ व परिवार
के लोग अकेले रह जाते हैं। स्त्रियाँ अनपढ़ होती हैं, अतः वे पति की चिट्ठी भी नहीं
पढ़ पार्टी और न अपना संदेश भेज पाती हैं। उनका जीवन पिछड़ा रहता है तथा वे पति का
वियोग सहन करने को विवश रहती हैं।
3. संदेश ग्रहण करने ओर भेजने में असमर्थ होने
पर एक अनपढ़ लड़की को जिस वेदना और विपत्ति को भोगना पड़ता है, अपनी कल्पना से लिखिए।
उत्तर- संदेश ग्रहण न कर पानेवाली अनपढ़ लड़कियों को सदैव दूसरों
पर निर्भर रहना पड़ता है। वे अपने मन की बात अपने हिसाब से अपने पति या अन्य किसी संबंधी
को नहीं लिख पार्टी। उन्हें कोई भी संदेश या पत्र किसी और से ही लिखवाना या पढ़वाना
पड़ता है। इससे उनके अपने हाथ में कुछ नहीं रहता। विपरीत परिस्थितियों में या कठिनाइयों
के समय वे असहाय होकर अपनों तक अपनी दशा की सूचना तक नहीं भेज पार्टी। कभी-कभी ऐसी
अबोध लड़कियों की उपेक्षा करते हुए परिवारों में दरार पड़ जाती है। अनपढ़ रहकर स्त्री
हो या पुरुष अनेक कष्टों को सहन करने के लिए विवश हैं।
4. त्रिलोचन पर एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा बनाई
गई फ़िल्म देखिए।
उत्तर- यह फ़िल्म एन.सी.ई.आर.टी. के पुस्तकालय से लेकर देखी जा सकती
है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. 'चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती' रचना
साहित्य के किस विधा में लिखा गया है?
क. कहानी
ख. निबंध
ग. कविता
घ. संस्मरण
2. कवि त्रिलोचन का मूल नाम क्या है?
क. सुखदेव सिंह।
ख. वासुदेव सिंह।
ग. सुदामा सिंह।
घ. भवानी मिश्र
3. हारे गाढ़े काम सरेगा' में "हारे गाढ़े"
क्या है ?
क. हर समय
ख. कठिनाई में
ग. मिलने पर
घ. प्रदेश जाने पर
4. चंपा किसकी लड़की है ?
क. सुंदर की
ख. मुंदर की
ग. इंद्र की
घ. सतेंद्र की
5. कवि
क्या गायब देखकर परेशान हो जाता है ?
क. चंपा
ख. कागज़
ग. चौपाये
घ. लकड़ी
6. कवि त्रिलोचन का जन्म कब हुआ था?
क. 1817
ख. 1917
ग. 1925
घ. 1815
7. विवाह के विषय में चंपा का क्या विचार था ?
क. वह कभी विवाह नहीं करेगी
ख.
वह अभी विवाह करेगी
ग.
वह अभी विवाह नहीं करेगी
घ.
उपरोक्त में से कोई नहीं
8. 'चंपा चौपायों को लेकर चरवाही करने जाती है' में कौन-सा अलंकार है
?
क.
उपमा
ख.
रूपक
ग.
श्लेष
घ. अनुप्रास
9. चंपा ने किसे झूठा कहा है ?
क. कवि को
ख.
अपने पिता को
ग.
गाँधी जी को
घ.
उपरोक्त में से कोई नहीं
10. 'बजर' शब्द का क्या अर्थ है ?
क. वज्रपात
ख.
हिमपात
ग.
बजना
घ.
सुनना
11. चंपा क्या काम करती है
क. चरवाही का
ख.
मज़दूरी का
ग.
पढ़ाई-लिखाई का
घ.
घरेलू-नौकरी का
12. चिह्नों से स्वर निकलते सुनकर चंपा को क्या होता है?
क.
प्रसन्नता
ख.
संदेह
ग. आश्चर्य
घ.
भय
13. कवि ने पढ़ाई करना किसकी इच्छा बताई थी ?
क.
नेहरू जी की
ख.
बोस जी की
ग. गाँधी जी की
घ.
पटेल जी की
14. चंपा के पिता क्या काम करते हैं ?
क.
जुलाहे का
ख.
किसान का
ग.
मजदूर का
घ. चरवाहे का
15. कवि को पढ़ता देख चंपा कैसे सुना करती है ?
क.
बोलते हुए
ख.
शोर करते हुए
ग. चुप-चाप
घ.
फुसफुसाते हुए
16. चंपा कहाँ तक पढ़ी-लिखी है?
क. अशिक्षित
ख.
अर्द्धशिक्षित
ग.
शिक्षित
घ.
उच्च शिक्षित
17. चंपा क्या छिपा देती है ?
क.
जूता टोपी
ख.
रोटी सब्जी
ग. कलम कागज
घ.
स्याही दवात
18. कवि के अनुसार चंपा का पति नौकरी के लिए कहाँ चला जाएगा?
क.
मुंबई
ख. कोलकाता
ग.
दिल्ली
घ.
नागपुर
19. प्रस्तुत कविता में कौन-सी शैली का प्रयोग हुआ है ?
क.
आत्मकथात्मक शैली
ख. संवाद शैली
ग.
हास्य व्यंग्य शैली
घ. रीति शैली
20. प्रस्तुत
कविता में कवि ने किस व्यथा को उभारा है ?
क. शिक्षित वर्ग की पलायनवादी प्रवृति को
ख. किसानों की व्यथा को
ग. छात्रों की व्यथा को
घ. मजदूरों की व्यथा को
21. चंपा
किसको लेकर चरवाही करने जाती है -
क. भेड़ों को
ख. दौपायों को
ग. पक्षियों को
घ. चौपायों को
22. चंपा
का स्वभाव कैसा है -
क. सुशील
ख. संस्कारी
ग. चंचल
घ. बड़बोला
23. चंपा क्या चुरा लेती है -
क. कलम-कागज़
ख. किताबें
ग. चश्मा
घ. कहानियाँ
24. कवि
को पढ़ता देख चंपा को क्या होता था -
क. ख़ुशी
ख. दुः
ग. परेशानी
घ. अचरज
25. चंपा
को इस बात की हैरानी होती थी कि -
क. इन काले काले अक्षरों से ये सभी ध्वनियाँ
कैसे निकलती है
ख. कवि कैसे पढ़ता और लिखता है
ग. कवि क्या पढ़ता और लिखता है
घ. कवि क्यों पढ़ता और लिखता है, इससे क्या लाभ
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. जब
कवि पढ़ रहा होता है तब चंपा क्या करती है ?
उत्तर- जब कवि कोई पुस्तक पढ़ रहा होता है तो चंपा वहाँ आती
है और चुपचाप खड़ी हो जाती है, और वह कवि को पढ़ते हुए सुना करती है।
2. चंपा
को किस बात पर आश्चर्य होता है ?
उत्तर- चंपा को यह देखकर आश्चर्य होता है कि पुस्तक में छपे
हुए छोटे-छोटे काले चिह्नों से तरह-तरह के अनेक स्वर कैसे निकलते हैं ?
3. काले
चिन्हों का क्या प्रतीक है?
उत्तर- चिह्न निशान को कहते हैं। लिखने अथवा पुस्तक के रूप
में छपने पर उनमें काले रंग की स्याही लगने से उनकी काली छाप कागज पर बन जाती है। चंपा
इसी छाप को काले चिन्ह कहती है।
4. चंपा किसकी पुत्री है ? उसका पिता क्या
काम करता है?
उत्तर- चंपा सुन्दर की पुत्री है। उसका पिता सुन्दर एक ग्वाला
है। वह गायें-भैंसे पालता है। गायों तथा भैंसों का दूध बेचना उसका व्यवसाय है।
5. पिता के काम में चंपा किस प्रकार सहायता
करती है?
उत्तर- चंपा अपने पिता के काम में सहायता इस प्रकार करती
है। वह गायों तथा भैंसों को लेकर जंगल में जाती है तथा उनको चराती है।
6. चंपा
के मन में अक्षरों के प्रति क्या जिज्ञासा है?
उत्तर- चंपा एक अनपढ़ ग्रामीण लड़की है। उसके लिए काला अक्षर
भैंस बराबर है। वह जब कवि को पढ़ते-लिखते हुए देखती है तो उसे यह बात अजूबा-सी लगती
है कि इन काले काले अक्षरों में स्वर कैसे निकलते हैं? क्या यह (लिखना) काम बहुत अच्छा
है?
7. चंपा कवि को गाँधी जी के बारे में क्या
तर्क देती है?
उत्तर- चंपा कवि से कहती है कि अगर गाँधी जी अच्छे हैं तो
वे कभी पढ़ने-लिखने के लिए नहीं कहेंगे।
8. कविता
में हमारे समाज की किस समस्या को उकेरा गया है?
उत्तर- कविता में अत्यंत सरल ढंग से हमारे देश की गंभीर समस्या
निरक्षरता को चित्रित किया गया है। विशेषतः स्त्रियों में शिक्षा के प्रति उपेक्षा
भाव को उकेरने का सुंदर तथा सार्थक प्रयत्न किया गया है।
9. चंपा कवि से क्या प्रश्न करती है?
उत्तर- चंपा कवि से प्रश्न करती है कि वह दिनभर कागज को काला
करते हैं। क्या उन्हें यह कार्य बहुत अच्छा लगता है।
10. यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती तो कवि से कैसे
बातें करती?
उत्तर- यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती तो वह कवि को उसकी योग्यता
के लिए उचित सम्मान देती।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. कविता में हमारे समाज की किस समस्या को
उकेरा गया है?
उत्तर- कविता में अत्यंत सरल ढंग से हमारे देश की गंभीर समस्या निरक्षरता
को चित्रित किया गया है। विशेषतः स्त्रियों में शिक्षा के प्रति उपेक्षा भाव को उकेरने
का सुंदर तथा सार्थक प्रयत्न किया गया है।
2. कवि त्रिलोचन ने सामान्य बोलचाल की भाषा
में भी अलंकारों को स्थान दिया है, उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर- सामान्य बातचीत के रूप में कही गई कविता में जब दो-तीन पंक्तियों
में कवि चंपा, चौपायों, चरवाही आदि शब्द कहता है तो पाठक अनुप्रास की छवि देखता है। काले-काले,
खड़ी-खड़ी, कभी-कभी आदि शब्द-युग्मों का प्रयोग किया गया है। बात को प्रभावशाली बनाने
के लिए पुनरुक्ति प्रकाश (झूठे हो, नहीं पढ़ेंगी) का प्रयोग किया गया है।
3. कविता में से उन स्थानों का उल्लेख कीजिए
जिनसे आपको यह ज्ञात होता है कि चंपा पढ़ाई की उपेक्षा करती है।
उत्तर- सर्वप्रथम तो चंपा कवि से यही पूछती है कि क्या ये बहुत अच्छा
काम है?' फिर वह कहती है कि 'तुम तो कहते थे कि गांधी जी अच्छे हैं फिर वे पढ़ने की
बात कैसे कर सकते हैं?' अंत में तो वह साफ कह देती है कि मैं तो नहीं पढ़ेंगी'। इन
सभी बातों से पढ़ने के प्रति चंपा की उपेक्षा झलकती है। तुम
4. कविता की नायिका चंपा किसका प्रतिनिधित्व
करती है?
उत्तर- चंपा हमारे देश की सभी अनपढ़ और अबोध स्त्रियों का प्रतिनिधित्व
करती है। ये अबोध बालिकाएँ जो उपेक्षा की शिकार हैं और स्वयं अवसर मिलने पर भी पढ़ाई-
लिखाई की उपेक्षा करती हैं, उसके महत्त्व को नहीं समझती।
5. विवाह और पति के प्रति चंपा की क्या धारणा
है?
उत्तर- ब्याह की बात सुनते ही चंपा लजाकर अपनी प्रसन्नता
व्यक्त करती है कि मैं तो ब्याह नहीं करूंगी। जब पति की बात आती है तो वह स्पष्ट करती
है कि मैं तो अपने बालम को सदा साथ रखेंगी उसे कलकत्ते ना जाने देंगी, कलकत्ते पर बजर
गिरे। स्त्री सुलभ स्वभाव, लज्जा, विरह की अनिच्छा और विरह के कारण को ही नष्ट करने
की धारणा का बोध होता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. कवि चंपा को किस प्रकार पढ़ने लिखने के
लिए प्रभावित करने की कोशिश करते है?
उत्तर- कवि चंपा को पढ़ाई लिखाई का महत्त्व समझाते हुए उसे कहते
है कि पढ़ाई कठिन समय में काम आती है। गाँधी बाबा की भी इच्छा थी कि सभी लोग पढ़े-लिखें।
साथ ही कवि चंपा को समझाता है कि एक-न-एक दिन तुम्हारी शादी होगी और तुम्हारा पति रोजगार
की तलाश में कलकत्ता (कोलकाता) जाएगा। तो तुम उसको अपने मन का हाल कैसे बताओगी। यदि
तुम थोड़ा पढ़ लिख लोगी तो कम से कम अपने पति का हाल जान कर उसके पत्र का जवाब तो दे पाओगी। अपना संदेश पत्र
के माध्यम से उसे दे पाओगी।
2. कवि त्रिलोचन की भाषा को 'ठेठ का ठाठ' क्यों
कहा गया है? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर- कवि त्रिलोचन बहआषाविज शास्त्री है, लेकिन यह शास्त्रीयता
उनकी कैविता के लिए बोझ नहीं बनती। वे मंद लय के कवि हैं। इस कविता में उन्होंने बोलचाल
की भाषा को नाटकीय बनाकर कविता को नया आयाम दिया है; जैसे-कलकत्ते पर बजर गिरे', 'हाय
राम! कितने झूठे हो', 'काले काले अच्छर', 'गाँव की जमीन से जुड़ी बातें' ठेठ गाँव की याद दिलाती हैं। इसलिए उनकी
भाषा को 'ठेठ का ठाठ' कहा गया है।
3. इस कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट करें।
उत्तर- 'चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती' कविता में कवि ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाँव की एक भोली-भाली अनपढ़ लड़की का चित्रण किया है। चंपा निरक्षर है जो वह पढ़ने लिखने को व्यर्थ समझती है। अक्षरों के लिए कवि 'काले-काले' विशेषण का प्रयोग करके शिक्षा- व्यवस्था की कलाई खोलता है। कविता की नायिका चंपा शोषक व्यवस्था के विरोध में खड़ी हो जाती है वह 'कलकत्ते पर बजर गिरे' कहकर अपने जीवन की सुरक्षा के प्रति सचेत होने का संकेत दे जाती है। शोषक व्यवस्था का अंत होना ही चाहिए।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग-1 | |
पाठ सं. | अध्याय का नाम |
काव्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | 1. हे भूख ! मत मचल, 2. हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर- अक्कमहादेवी |
7. | |
8. | |
गद्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
वितान | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |