18. जहां कोई वापसी नहीं
लेखक - परिचय
नाम - निर्मल वर्मा
पिता का नाम-नंद कुमार वर्मा
राज्य - हिमाचल प्रदेश (एम पी)
जिला - शिमला
जन्म- 1929
काल-आधुनिक काल (नयी कहानी)
मृत्यु- 2005 दिल्ली (73 वर्ष की आयु)
साहित्यिक- परिचय- भारत में अनेक ऐसी प्रतिभाओं ने जन्म लिया जिसके द्वारा
साहित्य को नई दिशा मिली उसमें से एक नाम निर्मल वर्मा जी का भी है। साठोत्तरी कहानी
साहित्य जगत में निर्मल वर्मा जी एक बड़े वैचारिक ऊर्जा के रूप में उभरे। वे नई कहानी
धारा के प्रमुख कहानीकार माने जाते हैं। आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप उनकी कहानियों
के कथ्य और शिल्प देखने को मिलते हैं। हिंदी का पुरानी परिपाटी (परंपरा) से मुक्त कराने
वाले यह रचनाकार हैं। इनकी साहित्यिक विशेषताओं को इन बिंदुओं के साथ देखा जा सकता
है-
1) इनकी कहानियों की कथावस्तु अधूरी और बिखरी प्रतीत होती
है।
2) इनकी कृतियां पूर्वोत्तर रचनाओं से सर्वथा भिन्न है इनकी
लेखन शैली पाठकों को एक रहस्य और चिंतन के घेरे में छोड़ देती है।
3) पत्रों की मानसिक द्वंद्व को उजागर करने की चेष्टा उनकी
प्राया सभी रचनाओं में देखने को मिलता है।
4) इनकी रचना का संबंध किसी देश वर्ग जाति से नहीं है देसी
विदेशी दोनों प्रकार के पात्र इनकी रचनाओं में देखने को मिलता है।
5) इनकी कहानियों में प्रतीक, पीड़ा एवं एकांकीपन नजर आता
है। रोमांटिक प्रेम अवसाद एवं आत्मबोध के साथ-साथ जगत बोध भी दिखता है।
6) इनकी कहानी पाठकों को उत्सुकता के शीर्ष पर अवश्य ले जाती
है पर स्पष्टीकरण के अभाव में पाठकों को स्वयं निर्णय लेना पड़ता है।
प्रमुख रचनाएं-
कहानियां वर्ष
परिंदे -1958
जलती झाड़ी- 1965
पिछली गर्मियों में- 1968
बीच बहस में- 1973
कौवेऔर काला पानी- 1983
सुखा (कहानी संग्रह)- 1995
उपन्यास
उपन्यास का नाम। प्रकाशन वर्ष
वे दिन
लाल टीन की छत- 1958
एक चिथरा सुख- 1974
रात का रिपोर्टर- 1979
अंतिम अरण्य- 2000
निबंध
निबंध के नाम। प्रकाशन वर्ष
शब्द और स्मृति- 1976
कला का जोखिम- 1981
ढलान से उतरते हुए- 1987
आदि अंत और आरंभ- 2001
साहित्य का आत्म सत्य- 2005
यात्रा वृतांत
यात्रा वृतांत प्रकाशन वर्ष
चीड़ो पर चांदनी- 1962
हर बारिश में- 1970
धुंध से उठती धुन- 1996
ट्रिक-निर्मल वर्मा के कुछ रचनाओं को याद करने का ट्रिक-रात का रिपोर्टर ने एक दिन
लाल टीन की छत पर परिंदे को बैठादेखा और कव्वे (कौआ) को काला पानी पीते देखा
इनकी कुछ प्रमुख रचनाओं के विषय वस्तु
परिंदे-अकेलेपन से जूझती युवती की कहानी।
रात का रिपोर्टर-पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रशासनिक दबाव
के साथ मिलने वाली चुनौतियों की कहानी।
चीड़ो पर चांदनी-पहाड़ी सुंदरता का चित्रण।
पुरस्कार एवं सम्मान-ज्ञानपीठ पुरस्कार- भारत में साहित्य
का शीर्ष सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार 1999 में निर्मल वर्मा जी को प्रदान की गई।
पद्मभूषण पुरस्कार-राष्ट्रपति द्वाराभारत की तीसरी सर्वोच्च
नागरिक सम्मान पद्मभूषण 2002 में उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में दिया गया।
साहित्य अकादमी पुरस्कार-1984 में कव्वे और काला पानी के
लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया।
अन्य सम्मान - मनोहर लोहिया अति विशिष्ट सम्मान साधना सम्मान
अन्य उपलब्धियां वर्मा जी एक प्रतिष्ठित पत्रकार भी रह चुके
हैं उन्होंने यूरोप प्रवास के दोरान लंदन में रहते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए सांस्कृतिक
रिपोर्टिंग की। रात का रिपोर्टर पर टीवी सीरियल भी बन चुका है इन्होंने तीन एकांत
1976 नामकएक नाटक की रचना की थी। 1973 में उनकी कहानी माया दर्पण पर बनी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ
हिंदी फिल्म का पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन पर बीबीसी द्वारा डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी
प्रसारित हो चुकी है। वे भारत सरकार द्वारा औपचारिक रूप से नोबेल पुरस्कार के लिए नामित
थे किंतु फेफड़े के संक्रमण से जूझते हुए उनका निधन हो गया औरउनकी दावेदारी पूर्ण ना
हो सकी।
निर्मल वर्मा की कहानियों की विषय वस्तु- प्राया उनकी कहानियों
में प्राया पहाड़ी जीवन से जुड़ी विषय वस्तु देखने को मिलती है
चिड़ो पर चांदनी, परिंदे, अंधेरे में एवं डेढ़ इंच ऊपर ऐसी
ही कहानियां है जिसमें पहाड़ी वातावरण को अधिक चित्रित किया गया है। निर्मल वर्मा जी
ने लंदन की एक रात और कुत्ते की मौत जैसी कहानियों में जीवन की घुटन, अनिश्चिता रंगभेद
को चित्रित किया है।
पाठ- परिचय
जहां कोई वापसी नहीं निर्मल वर्मा जी द्वारा रचित यात्रा
वृतांत है। आइए कुछ प्रमुख बिंदुओं के साथ इस यात्रा वृत्तांत को समझने की कोशिश की
जाए-
1) प्रकृति का मौन सत्याग्रह-लेखक निर्मल वर्मा दिल्ली में
स्थित लोकायतन संस्था की तरफ से सिंगरौली जाते हैं सरकार द्वारा चलाई जा रही अमरोली
प्रोजेक्ट का जायजा लेने जब नवागांव क्षेत्र के अंतर्गत अमझर गांव में जाते हैं तो
उन्हें आभास होता है कि एक हरा-भरा गांव में सूनापन है यह सूनापन केवल लोगों के चेहरे
पर नहीं दिख रही है अपितु पेड़ पौधे भी निराशा के भाव में नजर आते हैं मानो यह पेड़-पौधे
विस्थापन के विरोध में मौन सत्याग्रह पर बैठे हो।
2) लेखक का अनुभव-विस्थापित होने के बाद। मजदूरों की गंदी
अव्यवस्थित बस्तियां, जीवन चक्र में बाधा आदि समस्याओं को लेखक ने नजदीक से देखा था।
विस्थापन की घोषणा के बाद लोगों के जीवन में क्या प्रतिक्रिया आती हैं इसे उन्होंने
पहली बार अमझर गांव जाकर अनुभव किया।
आशा निराशा का विचित्र मिश्रण-अमरोली प्रोजेक्ट की घोषणा
के बाद नवागांव क्षेत्र के 18 गांव प्रभावित हो चुके थे। लोगों के चेहरे पर अपने गांव-घर
छोड़ने का दर्द साफ दिख रहा था। महिलाएं अभी भी धान की रोपाई में लगी हुई थी यह जानते
हुए भी कि उनका अस्तित्व कुछ ही वर्षों में मटिया मेट कर दिया जाएगा लेखक को ऐसा लगा
कि पानी की प्रचुर उपलब्धता इस गांव का दुश्मन बन गया है और लोग इसी जल की प्रचुरता
में डुबा दिए गए हैं अर्थात् उनकी जमीन महज उर्वरता और जल की उपलब्धता के कारण उनसे
छीने जा रहे थे।
महिलाएं एवं कान्हा वन्यस्थल के हिरणियां - मध्य प्रदेश के
सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान कान्हा वनस्थली में पाए जाने वाले युवा हिरणियों की फुर्ती
एवं निर्भीकता की तुलना लेखक सिंगरौली की महिलाओं से करते हैं।
अमझर का अस्तित्व-अमझर गांव के सरोवर, पेड़, आदमी, झोंपड़े,
ढोर डांगर सब का अस्तित्व समाप्त होने वाला है क्योंकि जब प्रोजेक्ट का काम शुरू होगा
तब इनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। खेत-खलियान औद्योगिकरण के चपेट में स्वाहा हो जाएंगे।
इनके बच्चों को कभी नहीं पता चल पाएगा कि इनके पूर्वज कितने समृद्ध थे।
सिंगरौली भौगोलिक परिदृश्य में सिंगरौली का आधा हिस्सा जिसमें
उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के खंड शामिल थे रीवा राज्य के भीतर शामिल कर लिया गया
20 वर्ष पहले तक समूचा क्षेत्र विंध्याचल और कैमूर के पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ
था।
सिंगरौली ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में 1926 से पूर्व यहां खेरवार
जाति के आदिवासी राजा शासन किया करते थे एक पुरानी दंतकथा के अनुसार सिंगरौली का नाम
ही शृंगावली पर्वत माला से निकला है जो पूरब पश्चिम में फैली है।
सिंगरौली की प्राकृतिक संपदा-सिंगरौली की भूमि उर्वरा और
जंगलों से समृद्ध है इस समृद्धि के बदौलत ही शताब्दियों से हजारों बनवासी और किसान
अपना भरण-पोषण करते आए हैं कत्था, महुआ, बाँस, शीशम के पेड़ यहां बहुतायत मात्रा में
पाए जाते थे।
बैकुंठ तथा काला पानी की उपमा (उपाधि) - बैकुंठ का अर्थ कुंठा
रहित होता है। सिंगरौली में संपन्नता की कोई कमी नहीं थी। भूमि जल, जंगल आदि से परिपूर्ण
है यह क्षेत्र सदियों से लोगों को तृप्त और संतुष्ट करते आ रहीथी। यहां के वासियों
को और कुछ पाने की इच्छा नहीं थी और ना ही उन्हें किसी से ईर्ष्या या द्वेष था यहां
की प्राकृतिक सुंदरता के समान है यहां के लोगों के मन भी सुंदर थी इसलिए इन्हीं कारणों
से सिंगरौली को बैकुंठ की उपाधि दी गई। चारों और घने जंगलों के कारण यातायात के साधन
सीमित थे अतः लोग इसके भीतर आने जाने की जोखिम नहींलेते थे इसलिए इसक्षेत्र की तुलना
काले पानी से की जाती थी।
लोगों की गिद्ध दृष्टि में सिंगरौली-देश आजादी के बाद लोग
अधिक से अधिक मालदार और संपन्न होने के लिए संसाधनों का दोहन करना शुरू किया। देश तरक्की
के नाम पर प्रपंच करना प्रारंभ किया जिसमें सिंगरौली जैसे खनिज संपदा से परिपूर्ण क्षेत्र
भी शामिल हो गया सत्ताधारी और उद्योगपतियों के गिद्ध दृष्टि से सिंगरौली बच नहीं पाया।
सिंगरौली धन कमाने का एक जरिया बन गया।
सिंगरौली एवं मानवीय गतिविधियां- सिंगरौलीको एक समय अपनी
सुंदरता एवं यातायात की कमी के कारण बैकुंठ एवं काले पानी की उपाधि से जाना जाता था।
किंतु मानवीय गतिविधियों ने सिंगरौली की इस उपाधि को नष्ट भ्रष्ट कर दिया। सेंट्रल
कोलफील्ड और नेशनल सुपर थर्मल पावर कॉर्पोरेशन आदि जैसी संस्थाओं का निर्माण किया गया।
प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के लिए पक्की सड़कें और पुल बनाई गई। सिंगरौली की घाटी
और जंगल ठेकेदार वन अधिकारियों और सरकारी कारिंदे के चपेट में आ गई।
विकास और विनाश एक साथ एक तरफ जहां सिंगरौली में पुल एवं
पक्की सड़क एवं कोयले की खदानों और उन पर आधारित ताप विद्युत गृहों की एक पूरी श्रृंखला
से सिंगरौली का आधुनिक करण कर दिया गया वही सिंगरौली की प्राकृतिक सुंदरता नष्ट भ्रष्ट
हो गई। लोगों को सिंगरौली से विस्थापित होना पड़ा अपने खेत-खलियान सभी से विदाई लेनी
पड़ी।
आवश्यकताओं पर भारी पड़ती भौतिक लिप्सा-एक समय भारतवासी भौतिक
समृद्धि से अधिक नैतिक समृद्धि को महत्व देते थे आवश्यकताओं के अनुसार जीवन जीने की
कला भारतीयों ने सदैव अपनाई किंतु देश आजादी के बाद लोगों ने इस विकल्प को झुठला दिया।
भौतिक लिप्सा ने औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया और हमारे देश की प्राकृतिक संसाधनों से
खिलवाड़ शुरू हो गया।
आधुनिक भारत के नए शरणार्थी शरण में आए हुए लोगों को शरणार्थी
कहा जाता है। हमारे देश ने विभाजन के समय इस दंश को झेला थाकिंतु आज फिर एक बार औद्योगिकीकरण
के कारण लोग अपने ही देश में शरणार्थी बनते जा रहे हैं उन्हें उनके मूल स्थान से हटाकर
अन्य जगह ढकेल दिया जा रहा है।
नए भारत की ट्रेजेडी (दुख) प्रत्येक की आवश्यकता अलग-अलग
होती है ऐसे में लेखक का मानना है कि पश्चिम के मॉडल का हम अनुसरण नहीं कर सकते परंतु
हम अपना नुकसान कर के भौतिक लिप्सा के साधन को नहीं जुटा सकते परंतु हमारे पश्चिम शिक्षित
सता धारियों को इस बात की तनिक भी परवाह नहीं है।
नाजुक संतुलन-प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति भारत की विरासत
है पर पश्चिमी देशों की सभ्यता की नकल और उनकी योजनाओं का अर्गीकरण करके हमने अपनी
विरासत कीनाजुक संतुलन को कहीं खो दिया है।
शब्दार्थ
धान रोपाई- धान को रोपने का समय, इकट्ठा- जमा होना। अमझर-
आम का झड़ना। सूनापन - शून्य का भाव। प्रोजेक्ट- योजना। उजाड़ना- नष्ट करना, बर्बाद
करना। मौन- चुप रहना। सत्याग्रह- शक्ति के लिए किया गया हठ। अनाथ- जिसका कोई सहारा
न हो। उन्मूलित- उखड़ी हुई। स्लम्स- झुग्गी, झोपड़ी वाली बस्ती। स्वच्छ - साफ सुथरा।
अंतहीन- जिसका कोई अंत ना हो। सरोवर- तालाब। ढोर- डांगर- जानवर, मवेशी। धंस-डूब जाना।
भ्रम - संदेह, संशय। हिम्मत- साहस। बटोरकर- समेटकर। सुडौल - पुष्ट। किश्तीनुमा हैट
- नाव की आकृति की टोपी। वियतनाम-दक्षिणी पूर्वी एशिया का एक देश। चीनी-चीन देश। कान्हा
के वन्यस्थल-मध्य प्रदेश का एक राष्ट्रीय उद्यान। मांसलता-मांस से भरे होने की अवस्था।
तस्वीर - दृश्य। स्वप्न-सपना। धुंधला देश-दिखाओ ना देना, गायब हो जाना।
परिवेश वातावरण।
। अंतहीन-जिसका कोई अंत न हो। बटोरकर
इकट्ठा करके। पाँत पंक्ति। समूचा
सारा, सम्पूर्ण। मटियामेट हो जाना-नष्ट-भ्रष्ट हो जाना। पुरखों-पूर्वजों।
आफत समस्या। आवास रहने का स्थान। निर्ममता-ममता से रहित।
उर्वरा उपजाऊ। भरण पोषण-पालन करने वाला। समृद्धि संपन्न धनवान। आदिवासी-मूलनिवासी।
कत्था एक प्रकार का औषधीय वृक्ष। पौराणिक-पुराण संबंधित। दंतकथा-कल्पना के द्वारा कही
गई बात। कालापानी-मृत्यु का स्थान, जहां कोई वापस नहीं आता। जोखीम - खतरा। बैकुंठ-कुंठा
रहित। झंझावात- चक्रवात, भँवर। निर्वासित मूल स्थान से कहीं और भेज देना। अरसे अवधि,
समय। लोलुप लालची, लोभी। कारिंदों कर्मचारियों। सुखद सुख देने वाला।
स्वातंत्र्योत्तर - स्वतंत्र उत्तर, स्वतंत्रता प्राप्ति
के बाद। कालोनी-उपनिवेश, रहने की बस्ती। पोथी-किताब, विभिन्न प्रकार की धार्मिक पुस्तक।
अदृश्य दिखाई ना देने वाला। मॉडल-नमूना, ढांचा। लिपि लिखने की क्रिया। अतीत-बीता हुआ
समय। समूचा - पूरा। मौजूद - उपस्थित। ट्रेजेडी दुखांत, (Tragedy) । मर्यादाएँ सीमाएँ।
झरना - झड़ना नीचे गिरना। विस्थापन एक जगह - से दूसरी जगह बसना। शरणार्थी- दूसरे देश
से शरण में आए हुए लोग।
जहां कोई वापसी नहीं पाठ का सारांश
अमझर गांव का परिचय- अमझर सिंगरौली जिले के नवागांव क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला
एक गांव है।
अमरौली प्रोजेक्ट- सिंगरौली जिले में अमरोली प्रोजेक्ट के
अंतर्गत नवागांव के अनेक गाँव उजाड़ दिए जाएँगे
यहाँ के लोगविस्थापित हो जाएँगे, इसी कारण अमझर गाँव में
सूनापन है।
आधुनिक भारत के नए शरणार्थी- आधुनिक भारत के औद्योगिकरण की झंझावात ने लोगों को घर जमीन
से उखाड़कर सदा के लिए निर्वासित कर दिया।
(लेखक ने इन्ही लोगों को आधुनिक भारत के 'नए शरणार्थी' कहा
है।
एक भरे पूरे ग्रामीण अंचल को कितनी नासमझी से उजाड़ा जा सकता
है सिंगरौली इसका उदाहरण है।
प्रकृति और औद्योगिकीकरण के विस्थापन में अंतर-लेखक कहते
हैं की प्रकृति आफत टलते ही लोग अपने परिवेश में वापस लौट आते हैं विकास के नाम पर
मूल्य लोग कभी अपने घर वापस नहीं लौट पाते।
यूरोप और भारत की चिंता
यूरोप और भारत की पर्यावरण संबंधी चिंताएं एक दूसरे से भिन्न
हैं।
यूरोप में पर्यावरण का प्रश्न मनुष्य और भूगोल के बीच संतुलन
बनाने का है।
जबकि भारत में यही प्रश्न मनुष्य, संस्कृति के बीच सम्बन्ध
बनाये रखने का है।
स्वातंत्र्योत्तर भारत की ट्रेजिडी (त्रासदी) पश्चिम की देखा
देखी तथा नकल में योजनाएं बनाते समय प्रकृति मनुष्य और संस्कृति के संतुलन परध्यान
नहीं दिया गया।
बहु वैकल्पिक प्रश्न
1. 'जहाँ कोई वापसी नहीं' पाठ के लेखक का नाम
बताएं?
(क) जयशंकर प्रसाद
(ख) जैनेंद्र कुमार
(ग) निर्मल वर्मा
(घ) महादेवी वर्मा
2.' जहाँ कोई वापसी नहीं' पाठ किस विधा की
रचना है?
(क) यात्रा वृतांत
(ख) कहानी
(ग) निबंध
(घ) नाटक
3. 'जहाँ कोई वापसी नहीं' पाठ की मूल संवेदना
क्या है ?
(क) वृक्षारोपण की समस्या
(ख) प्रदूषण की समस्य
(ग) विस्थापन की समस्या
(घ) भ्रष्टाचार की समस्या
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से अमझर क्या है?
(क) आम के पेड़
(ख) गांव का नाम
(ग) प्रोजेक्ट का नाम
(घ) पेड़ का नाम
5. अमझर का क्या अर्थ
है ?
(क) आमो का झरना
(ख) नदी का नाम
(ग) सत्याग्रह का नाम
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
6. अमझार गांव की
आबादी कितनी थी ?
(क) 1 लाख
(ख) 50 हजार
(ग) 25 हजार
(घ) 30 हजार
7. विस्थापन के
विपक्ष (खिलाफ) में कौन- कौन मौन सत्याग्रह कर रहे थे?
(क) नवा गांव के लोग एवं वहां की प्रकृति।
(ख) हर वासी
(ग) बनवासी
(घ) अन्य लोग
8. मौन सत्याग्रह का अर्थ बताएं?
(क) हंगामा करना
(ख) बिना कुछ कहे आंदोलन करना।
(ग) तोड़फोड़ करना
(घ) हिंसा करना
9. लेखक के अनुसार क्या मटियामेट हो जाएगा?
(क) नवागांव का अस्तित्व
(ख) मध्यप्रदेश का अस्तित्व
(ग) सिंगरौली जिले का अस्तित्व
(घ) बस्तर जिले का अस्तित्व
10. लेखक को दिल्ली के किस संस्था के द्वारा
सिंगरौली भेजा गया था?
(क) धार्मिक संस्था के द्वार
(ख) लोकायन संस्था के द्वार
(ग) वाणिज्य संस्था के द्वारा
(घ) औद्योगिक संस्था के द्वारा
11. नवागांव क्षेत्र के करीब कितने छोटे-बड़े
गांव का विस्थापन के बाद अस्तित्व समाप्त हो जाएगा?
(क) दस गांव
(ख) अठारहा गांव
(ग) पांच गांव
(घ) सात गांव
12. नवागांव क्षेत्र में कौन सा सरकारी
प्रोजेक्ट शुरू हो रहा था?
(क) अमरोली प्रोजेक्ट
(ख) सिंगरौली प्रोजेक्ट
(ग) मध्य प्रदेश प्रोजेक्ट
(घ) छिंदवाड़ा प्रोजेक्ट
13. इंसान के उजड़ जाने के दुख के कारण अमझर
गांव में क्या प्रभाव पड़ा?
(क) पेड़ सूखने लगे
(ख) गांव में सूनापन छा गया
(ग) लोगों में निराशा छा गई
(घ) इनमें से सभी
14. कान्हा वन्य स्थल की युवा हिरणियों से
लेखक ने किस की तुलना की है?
(क) गांव की महिलाओं की
(ख) युवतियों की
(ग) ग्रामीण युवतियों की
(घ) शहरी युवतियोंकी
15. विस्थापन के बाद जबलपुर, भोपाल या बैढ़न
की सड़कों पर कौन मजदूरी करते नजर आएंगी?
(क) गांव की महिलाएं
(ख) शहर की महिलाएँ
(ग) सिंगरौली जिले की महिलाएँ
(घ) ग्रामीण युवतियों
16. आधुनिक भारत के नए शरणार्थी कौन है?
(क) विस्थापित लोग
(ख) संबंधी
(ग) परिवार के लोग
(घ) देश के लोग
17. जो अपने देश को छोड़कर किसी अन्य देश में
रहने के लिए जाते हैं उन्हें क्या कहते हैं?
(क) शरणार्थी
(ख) मूलनिवासी
(ग) घर वापसी
(घ) देश के नागरिक
18. विस्थापन के शिकार बच्चे क्या नहीं देख
पाएंगे?
(क) स्कूल
(ख) अपने पुरखों का गांव
(ग) अपना परिवार
(घ) अपना देश
19. एक प्राकृतिक संपदा से भरपूर क्षेत्र को
नष्ट कर देने का उदाहरण है-
(क) सिंगरौली जिला
(ख) बस्तर जिला
(ग) इंदौर
(घ) भोपाल
20. इतिहास और प्रकृति में से कौन लोगों को
दोबारा बसने का मौका देता है?
(क) इतिहास
(ख) प्रकृति
(ग) इतिहास और प्रकृति दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
21. किस स्थिति में सुधार हो जाने के बाद लोग
पुनः अपने घर वापस लौट आते हैं?
(क) प्राकृतिक आपदा
(ख) लड़ाई-झगड़ा
(ग) ऐतिहासिक घटना
(घ) इनमें से कोई नहीं
22. सिंगरौली के जमीन और जंगल कैसे हैं?
(क) बंजर
(ख) उजाड़
(ग) अनुपजाऊ
(घ) समृद्ध
23. खैरवार जाति के आदिवासी राजा कहाँ राज
किया करते थे?
(क) सिंगरौली
(ख) बस्तर
(ग) इंदौर
(घ) उज्जैन
24. सिंगरौली क्षेत्र के जंगल में अधिकतर कौन
से पेड़ पाए जाते थे ?
(क) कत्था, महुआ, बांस, शीशम
(ख) बबूल, खजूर, बांस
(ग) बेर, महुआ, शीशम
(घ) शीशम, नीम, बबूल
25. सिंगरौली का नाम किस पर्वतमाला से निकला
है?
(क) विंध्याचल
(ख) शृंगावली
(ग) कैमूर
(घ) अरावली
26. सिंगरौली को 'सुंदरता' के कारण किसकी
संज्ञा (उपनाम) दी गई थी?
(क) बैकुंठ की
(ख) अजायबघर की
(ग) चिड़ियाघर की
(घ) जैविक उद्यान की
27. सिंगरौली को 'अकेलेपन' के कारण किस की
संज्ञा (उपनाम) दी गई थी?
(क) काला पानी की
(ख) अजायबघर की
(ग) चिड़ियाघर की
(घ) जैविक उद्यान की
28. सिंगरौली किन लोगों से सुरक्षित नहीं रह
पाया?
(क) सत्ताधारियों से
(ख) उद्योगपतियों से
(ग) लालची लोगों से
(घ) इनमें से सभी
29. भारत देश में विस्थापन की एक लहर कहाँ से
आई?
(क) रिहंद बांध बनने के कारण
(ख) नर्मदा बांध बनने के कारण
(ग) नदी घाटी परियोजना के कारण
(घ) विद्युत परियोजना के कारण
30. सिंगरौली भ्रमण के पहले लेखक के देश में
चल रहे औद्योगिक नीति के बारे में क्या सोच थी-
(क) औद्योगीकरणक से समस्या थी
(ख) औद्योगीककरण से समस्या नहीं थी
(ग) औद्योगीकरण से कोई लेना-देना नहीं था
(घ) इनमें से कोई नहीं
31. लेखक का औद्योगीकरण की नीति के संबंध में
विचार है-
(क) आवश्यकता अनुसार होना चाहिए
(ख) भौतिक लिप्सा के अनुसार होना चाहिए
(ग) लाभ के लिए होना चाहिए
(घ) हानी के लिए होना चाहिए
32. विकास के मानचित्र पर राष्ट्रीय गौरव के
साथ कौन प्रतिष्ठित हुआ?
(क) सिंगरौली
(ख) जबलपुर
(ग) रायपुर
(घ) बैढ़न
33. सेंट्रल कोलफील्ड तथा नेशनल सुपर थर्मल
पावर कॉरपोरेशन का निर्माण किसके द्वारा किया गया?
(क) सरकारी योजनाओं के द्वारा
(ख) गैर सरकारी योजनाओं के द्वारा
(ग) विदेशी योजनाओं के द्वारा
(घ) इनमें से कोई नहीं
34. कभी-कभी किसी क्षेत्र की संपदा ही उसके लिए
विनाश का कारण बन जाती है इसका जीवित उदाहरण कौन है?
(क) बैढ़न
(ख) रायपुर
(ग) सिंगरौली
(घ) जबलपुर
35. क्या अंग्रेज राज भारत को अपनी सांस्कृतिक
कॉलोनी बनाने में सफल रहे?
(क) हां
(ख) नहीं
(ग) कहा नहीं जा सकता
(घ) शायद हां
36. किस देश की सांस्कृतिक विरासत यूरोप की तरह
संग्रहालयों में जमा नहीं है?
(क) भारत
(ख) जर्मनी
(ग) फ्रांस
(घ) इंग्लैंड
37. यूरोप में पर्यावरण का संतुलन किसके बीच में
बनाया गया है?
(क) मनुष्य एवं भूगोल के बीच
(ख) मनुष्य एवं संस्कृति के बीच
(ग) मनुष्य एवं प्रकृति के बीच
(घ) मनुष्य एवं समाज के बीच
38. स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रेजडी
क्या है?
(क) शिक्षित होना
(ख) समृद्ध होना
(ग) आत्मनिर्भर होना
(घ) पश्चिमी देशों की नकल करना
39. अमरोली प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से सिंगरौली
क्या बन जाएगा?
(क) औद्योगिक कॉलोनी
(ख) मजदूरों की कॉलोनी
(ग) सांस्कृतिक कॉलोनी
(घ) इनमें से कोई नहीं
40. प्रकृति मनुष्य तथा संस्कृति को बचाने के
उपायों पर किन का ध्यान नहीं गया?
(क) सामाजिक कार्यकर्ता का
(ख) पश्चिम - शिक्षित सता धारियों का
(ग) विपक्ष का
(घ) पर्यावरणविदों का
प्रश्न -अभ्यास
प्रश्न 1) अमझर से आप
क्या समझते हैं अमझर गांव में सूनापन क्यों है?
उत्तर आमों का अत्यधिक (अधिक) झरने
को ही अमझर कहते है। अमरोली प्रोजेक्ट की सरकारी घोषणा के तहत अमझर गांव से लोगों को
विस्थापित किया जा रहा था। लोग अपने मूल निवास को छोड़ने के लिए बाध्य थे अतः गांव
में एक सूनापन छा गया था।
प्रश्न 2) आधुनिक भारत
के नए शरणार्थी किन्हे कहा गया है?
उत्तर - देश आजादी के बाद देश को विकास
देने के लिए बहुत से उद्योग धंधे को स्थापित किया गया। कई सरकारी प्रोजेक्ट के अंतर्गत
लोगों को उनके मूल स्थान से निष्कासित कर दिया गया ऐसे ही लोगों को आधुनिक भारत के
नए शरणार्थी कहा गया है जो अपने ही देश में शरण लेने के लिए बाध्य होते रहे हैं।
प्रश्न 3) प्रकृति के
कारण विस्थापन और औद्योगिकीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है?
उत्तर-प्रकृति अपने में निष्ठुरता धारण
नहीं करती हमारे प्रकृति दोहन के कारण ही प्राकृतिक आपदाएं आती हैं जिनके कारण हमें
अपने जान-माल की रक्षा हेतु पलायन करना पड़ता है। आपदा टल जाने के बाद हम पुनः अपने
मूल स्थान पर वापस आ जाते हैं किंतु जब उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए मूल स्थान
अधिग्रहण किया जाता हैतो हम वापस फिर कभी नहीं लौट पाते क्योंकि स्थान पर अपना कहने
जैसा कुछ भी नहीं बचता।
प्रश्न 4) यूरोप और भारत
की पर्यावरण संबंधी चिंताएं किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर यूरोप और भारत की पर्यावरण चिंताएं
अलग-अलग हैं। यूरोप अपनी पर्यावरण को इसलिए बचाए रखना चाहती हैं क्योंकि वे प्राकृतिक
संसाधनों का उपयोगअधिकतम करना चाहते हैं। भारत अपनी पर्यावरण को इसलिए बचाना चाहता
है क्योंकि पर्यावरण को हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा माना गया है। सदियों से पर्यावरण
में शामिल पेड़- पौधे, पहाड़, नदी, पर्वत, आदि सभी हमारे संस्कृति के अभिन्न हिस्से
माने गए है। इनके बिना भारतीय जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
प्रश्न 5) लेखक के अनुसार
स्वातंत्र्योत्तर ( स्वातंत्र) के बाद भारत की सबसे बड़ी ट्रेजडी (दुखांत) क्या है?
उत्तर - लोगों को अपनी आवश्यकताओं की
पहचान नहीं है। अपनी क्षमताओं पर भरोसा ना करके भेड़ चाल चलते हुए हम पश्चिमी मॉडल
का उपयोग भारतीय विकास के लिए कर रहे हैं। प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति का संतुलन तो
बिगड़ ही रहा है जीवन चक्र में भी बाधा आ रही है, क्योंकि लोगों को अपने मूल स्थान
से पलायन तक करना पड़ जाता है।
प्रश्न 6) औद्योगिक करण
ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है क्यों और कैसे?
उत्तर-औद्योगिकीकरण ने संपूर्ण विश्व
के पर्यावरण को संकट में डाल दिया है, बात अगर हम भारत की करें तो औद्योगिकीकरण ने
यहां की प्रकृति मनुष्य और संस्कृति को सबसे अधिक आघात पहुंचाया है। देश के विकास के
लिए उद्योग धंधों की स्थापना आवश्यक है किंतु यह हमारी आवश्यकता के अनुसार हो तभी हमारा
भला हो पाएंगा। ध्रुवीय शैल खंडों का गायब होना, कार्बन फुटप्रिंट का बढ़ना, ग्रीनहाउस
गैस का बढ़ना इनके भयंकर परिणाम है।
प्रश्न 7) निम्नलिखित
पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
(क) आदमी उजड़ेगे तो पेड़ जीवित रहकर
क्या करेंगे?
उत्तर - यह वाक्यांश 'निर्मल वर्मा'
जी द्वारा रचित 'जहां कोई वापसी नहीं' पाठ से उद्धृत है। अमरेली प्रोजेक्ट कीघोषणा
के बाद विस्थापितों का जायजा लेने के लिए लेखक सिंगरौली जिले के अमझर गांव में जाते
हैं। जहां उन्हें एक अजीब सा सूनापन नजर आता है। विस्थापित भूमि का अधिग्रहण करके सरकार
योजनाओं को पूरा करना चाहती है।
स्थान प्राप्ति के लिए जहां लोगों को हटाया जा रहा है वहीं
पेड़ पौधों को जड़ सहित काटा जा रहा है। ऐसे में लोगों के साथ-साथ पेड़ पौधौ का अस्तित्व
समाप्त होना निश्चित है, क्योंकि पेड़-पौधे, खेत-खलियान का लालन पोषण करने वाला व्यक्ति
ही जब वहां नहीं रहेंगे तो इनकी सेवा भी प्रभावित अवश्य होगी।
(ख) प्रकृति और इतिहास के बीच यह गहरा अंतर है।
उत्तर-प्रस्तुत वाक्यांश 'निर्मल वर्मा' जी द्वारा रचित
'जहां कोई वापसी नहीं' पाठ से उद्धृत है। लेखक ने सिंगरौली में जाकर यह अनुभव किया
की विस्थापन की समस्या कितनी गंभीर है। प्रकृति अपने में निष्ठुरता धारण नहीं करती
है। उजाड़ने की प्रवृत्ति प्रकृति में नहीं है। प्रतिक आपदाएं आती है तो प्रकृति हमें
पुनः स्थापित होने का मौकाभी देती है परंतु इतिहास साक्षी है कि जब मूल स्थान से अन्य
कारणों से अलगाव होता है तो हमारा साक्ष्य (सबूत) हीमिट जाता है। जैसे सिंगरौली में
विस्थापन के कारण समूचे गांव का इतिहास ही समाप्त हो जाएगा। इस गांव के बच्चे यह कभी
नहीं जान पाएंगे की इनके पूर्वज कितने समृद्ध थे। इतिहास का उपयोग हम लोग अतीत के विभिन्न
पहलुओं जैसे सामाजिक, आर्थिक और संस्कृति को जानने के लिए करते हैं।
प्रश्न 8) निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए।
क) आधुनिक शरणार्थी
उत्तर -देश विभाजित हुआ और जातीय
स्तर पर लोग इसका शिकार हुए अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने
के लिए लोग शरणार्थी बन गए। शरणार्थी का अर्थ होता है शरण में आए हुए लोग। आजादी के
समय देश में कई लोगों ने शरणार्थी का दंश (विष) को झेला था औद्योगिकीकरण की नीति ने
दोबारा से इस दंशको झेलने के लिए भारतीयों को विवश कर दिया। इस नीति की चपेट में आकर
कई लोगों को अपनी पैतृक संपत्ति, गांव, खेत-खलियान छोड़ने पड़े, क्योंकि जिस स्थान
पर उनका पीढ़ी दर पीढ़ी इतिहास गुजरा है वह स्थान उन्हें एक झटके में छोड़ना पड़ रहा
था। उन्हें एक नए सिरे से जीवन को दूसरे स्थान पर शुरू करने के लिए बाध्य होना पड़ा
जहां उनकी स्थिति शरणार्थी से कुछ कम नहीं है।
(ख) औद्योगीकरण की अनिवार्यता-
उत्तर - औद्योगीकरण की आवश्यकता आधुनिक विश्व के लिए आवश्यक
हो गई है इसके अभाव में लोग पिछड़ जाएंगे किंतु यह सुनिश्चित करना होगा इस आधुनिक औद्योगीकरण
के कारण हमारा कोई नुकसान ना हो। औद्योगीकरण के कारण भारत में मनुष्य, संस्कृति और
प्रकृति को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। अगर हम अपनी भौतिक लिप्सा को छोड़कर वास्तविक
आवश्यकता के अनुसार औद्योगीकरण की नीति अपनाते हैं तो यह फायदे का सौदा होगा। औद्योगीकरण
के कारण आज जीवन चक्र बाधित हो रहा है लोग पर्यावरण अशुद्धियों के चपेट में आ रहे हैं
साथ ही साथ अपनी संस्कृति से भी दूर होते जा रहे हैं। औद्योगीकरण नीति अपनाते समय इस
बात का विशेष ख्याल रखा जाए कि मनुष्य को इस प्रकार प्रशिक्षित किया जाए कि वे प्रकृति
संस्कृति एवं उपलब्ध साधनों का उचित उपयोग कर सके।
(ग) प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच आपसी संबंध
उत्तर-प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच एक नाजुक संतुलन
है। पूर्वजों ने प्रकृति की पूजा की प्रकृति पर विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से नहीं
अपितु उससे कुछ प्राप्त करने के लिए। मनुष्य आज प्रकृति पर विजेता बनने की कोशिश में
अपनी हदें पार कर दी है प्रकृति और मनुष्य दोनों ही आज असुरक्षित हालत में आ गए हैं।
हमारे पूर्वजों ने प्रकृति को सम्मान दिया इनका मानवीयकरण कर इसे हमारे संस्कृति और
जीवन शैली का एक अभिन्न हिस्सा बनया। प्रकृति पूजा हमारे रीति-रिवाज तीज-त्यौहार और
परंपरा में साफनजर आता है। हमने अपने पूर्वजों से इसे उत्तराधिकारी की तरह प्राप्त
किया, ताकि इसी बहाने हम प्रकृति की रक्षा करते रहे और प्रतिफल (बदले) में प्रकृति
हमारी रक्षा करती रहे। अपनी पुरखों से हमने आवश्यक चीजें अपनाना और गैर आवश्यक चीजों
को छोड़ना भली-भांति सीखा है ऐसे में भौतिक लालसा के लिए प्रकृति पर विजय पाने की प्रवृत्ति
ने प्रकृति को नुकसान पहुंचाया है। आए दिन हम लोग प्रकृति आपदा को झेल रहे हैं भूस्खलन,
बाढ़, भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सारा देश प्रभावित है। प्रकृति मनुष्य और
संस्कृति में एक नाजुक संबंध है जो जरा से धक्का लगने से टूट सकता है और हमारे जीवन
चक्र में बाधा डाल सकता है।
प्रश्न 9) निम्नलिखित पंक्तियों का भाव सौंदर्य
लिखिए।
(क) कभी-कभी किसी इलाके की संपदा ही उसका अभिशाप बन जाती
है।
उत्तर-भारत में भौतिक समृद्धि ही अंतिम लक्ष्य कभी नहीं रहा
है। हमारे पूर्वजों आवश्यक और गैर आवश्यक चीजों में अंतर करना भली- भांति जानते थे।
एक तरफ देश आजादी के बाद लोगों ने अधिक मालामाल होने के चक्कर में प्रकृति का दोहन
करना शुरू किया तो दूसरी तरफ उपभोक्तावाद की संस्कृति ने हमारे प्राकृतिक संसाधनों
का सत्यानाश करना शुरू किया। भौतिक लिप्सा में संलिप्त लोगों को देश के जिस भी कोने
में संसाधनों का भंडार मिला उस पर गिद्ध और चील की भांति मंडराने लगे। ऐसे लोगों की
लिप्सा पूर्ति के लिए अक्सर वहां के निवासियों कोअपने मूल स्थान से विस्थापित होकर
कीमत चुकानी पड़ती है।
(ख)
अतीत का समूचा मिथक संसार की पोथियों में नहीं, इन रिश्तो की अदृश्य लिपि में मौजूद
रहता था।
उत्तर
- उपरोक्त वाक्यांश 'निर्मल वर्मा' जी द्वारा रचित पाठ कोई वापसी नहीं से उद्धृत है।
लेखक कहते हैं कि प्रकृति को बचाने के लिए हमारे यहां बहुत सी दंत कथाओं को पौराणिक
पुस्तकों में स्थान दिया गया है किंतु देश के कई क्षेत्र में प्रचलित दंत कथाओं को
लिपिबद्ध नहीं किया गया है सदियों से हमारे देश में प्रकृति मनुष्य और संस्कृति के
बीच में एक रिश्ता निभाया जा रहा है अपने अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक विशेषताएं अलग-
अलग है जो प्रकृति के रक्षा हेतु ही की जाती है। कहीं खेतों की, कहीं गौशालाओं, कहीं
जानवरों, और नदी नालोकी पूजा ऐसे कई सारी मान्यताएं हैं जिसे कहीं लिपिबद्ध नहीं किया
गया है। सदियों से प्रकृति मनुष्य और संस्कृति के बीच यह परंपराएं निभाए जा रहे है।
लघु उत्तरीय प्रश्न-
1. विस्थापन के विपक्ष (खिलाफ) में कौन- कौन मौन सत्याग्रह कर रहे थे?
उत्तर
- नवागांव के लोग एवं वहां की प्रकृति।
2. मौन सत्याग्रह का अर्थ बताएं?
उत्तर
- बिना कुछ कहे आंदोलन करना।
3. प्रकृति और नवागांव के लोग विस्थापन के खिलाफ में क्यों थे?
उत्तर
- अपने मूल स्थान से कोई भी व्यक्ति
बिछड़ना नहीं चाहता है। लोगों के घर द्वार छोड़ देने के बाद वहां के पेड़ों की देखभाल
करने वाले भी नहीं रहते इसलिए लोगों के साथ-साथ वहां की पेड़ पौधे भी विस्थापन के खिलाफ
खड़े थे।
4. लेखक सिंगरौली में आकर क्या अनुभव करते
हैं?
उत्तर
- विस्थापन की बाद की स्थिति तो उन्होंने
देखी थी किंतु विस्थापन के पूर्व एक गांव कैसा होता है उसे उन्होंने नहीं देखा था यह
दृश्य देखना लेखक को पीड़ा देती है।
5. लेखक को ऐसा क्यों प्रतीत होता है कि आधा
गांव जल में है और आधा जल के ऊपर तैर रहा है?
उत्तर
- कुछ बरसों के बाद जैसा सिंगरौली
दिख रहा है वैसा नहीं दिखेगा क्योंकि यहां पर अमरोली प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद गांव
का अस्तित्व समाप्त कर दिया जाएगा जो भी लोग यहांरह रहे हैं आशा निराशा के बीच में
लटके हुए हैं इसलिए लेखक ऐसा कहते हैं।
6. गांव की महिलाओं की तुलना लेखक ने किस से
की है?
उत्तर
- गांव की महिलाओं की तुलना लेखक ने
कान्हा वन्य स्थल में पाए जाने वाले युवा हरिणियों से किया हैं।
7. लेखक के अनुसार क्या मटियामेट हो जाएगा?
उत्तर
- नवागांव क्षेत्र के करीब 18 छोटे
बड़े गांव का विस्थापन के बाद अस्तित्व समाप्त हो जाएगा
8. सिंगरौली की महिलाएं विस्थापन के बाद कहां
मजदूरी करते नजर आएंगी?
उत्तर
- सिंगरौली की औरतें जबलपुर, भोपाल
या बैढ़न की सड़कों पर मजदूरी करते नजर आएंगी।
9. लेखक ऐसा क्यों कहते हैं कि यहां के बच्चे
भी नहीं जान पाएंगे कि इनके पुरखों के भी गांव थे ?
उत्तर
- सिंगरौली अपने आप में समृद्ध थी
किंतु विस्थापन के बाद इन्हें ये स्थान छोड़कर जाना पड़ेगा। आने वाले भविष्य के बच्चे
अपने पुरखों के गांव को नहीं देख पाएंगे इसलिए लेखक ऐसा कहते हैं।
10. आधुनिक भारत के नए शरणार्थी कौन है?
उत्तर
- जो लोग विस्थापन के शिकार होते हैं
उन्हें लेखक आधुनिक भारत के नए शरणार्थी कह रहे हैं।
11. शरणार्थी का अर्थ बताएं।
उत्तर
- शरण में आए हुए लोग शरणार्थी कहलाते
हैं। यह शब्द उन लोगों के लिए व्यवहार में लाए जाते हैं जो दूसरे देश से किसी अन्य
देश में रहने के लिए आते हैं।
12. शरणार्थी और विस्थापन में क्या अंतर है।
उत्तर
- शरणार्थी का अर्थ है किसी अन्य देश
में जाकर बसना और विस्थापन का अर्थ है अपने ही देश में अपने मूल स्थान से निकल कर किसी
अन्य जगह रहने के लिए जाना।
13. प्रकृति और इतिहास के बीच में क्या अंतर
है?
उत्तर
- प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप बाढ़
आदि के कारण जब लोग अपने मूल घर द्वार को छोड़कर जाते हैं तो वह वापस आपदाएं ठीक हो
जाने के बाद आ जाते हैं किंतु जो विस्थापित लोग होते हैं उनका गांव-घर सब का नामोनिशान
मिट जाता है अतः तो इतिहास बन कर रह जाते हैं।
14. सिंगरौली किस बात का उदाहरण है?
उत्तर
- एक प्राकृतिक संपदा से भरपूर क्षेत्र को नष्ट कर देने का उदाहरण सिंगरौली है।
15. सिंगरौली के जमीन और जंगल कैसे हैं?
उत्तर
- सिंगरौली के जमीन और जंगल इतनी समृद्ध है कि कई शताब्दियों तक इन्होंने यहां के लोगों
का भरण पोषण किया।
16. सिंगरौली में किस जाति के आदिवासी राजा राज किया करते थे?
उत्तर
- खैरवार जाति के आदिवासी राजा।
17. सिंगरौली का आधा हिस्सा किस में शामिल कर लिया गया?
उत्तर
- रीवा राज्य के अंदर।
18. सिंगरौली 20 साल पहले किससे घिरा हुआ था?
उत्तर
- विंध्याचल एवं कैमूर के पहाड़ तथा जंगलों से घिरा हुआ था।
19. सिंगरौली के प्राकृतिक वनस्पति की क्या विशेषता है?
उत्तर
- यहां अधिकांश कत्था, बांस, महुआ तथा शीशम के पेड़ पाए जाते हैं।
20. सिंगरौली का नाम किस पर्वतमाला से निकला है?
उत्तर
- सिंगरौली का नाम शृंगावली पर्वतमाला से निकला है जो पूरब पश्चिम में फैली है।
21. सिंगरौली को काला पानी की संज्ञा क्यों दी गई है?
उत्तर
- सिंगरौली की भूमि सिंगरौली की जमीन
प्राकृतिक बनावट जंगलों पहाड़ों झीलों, नदियों से घिरा हुआ है ऐसे में यातायात की कमी
होने के कारण लोग इसे कालापानी माना करते थे।
22. सिंगरौली किन लोगों से सुरक्षित नहीं रह
पाया?
उत्तर
- दिल्ली के सत्ता धारियों, उद्योगपतियों
एवं स्वार्थी लोलुप लोगों से सिंगरौली सुरक्षित नहीं रह पाया।
23. सिंगरौली जिले के नष्ट होने के क्या कारण
माने जाते हैं?
उत्तर
- सिंगरौली का प्राकृतिक तौर पर समृद्ध
होना।
24. भारत देश में विस्थापन की एक लहर कहां
से आई?
उत्तर
- रिहंद बांध बनने के कारण कई गांव
को उजाड़ा गया।
25. नई योजनाओं के दौरान क्या बनाए गए?
उत्तर
- सेंट्रल कोलफील्ड तथा नेशनल सुपर
थर्मल पावर कॉरपोरेशन का निर्माण किया गया।
26. अपने अतुलनीय सुंदरता के कारण सिंगरौली
को क्या माना गया है?
उत्तर
- बैकुंठ कुंठासे रहित स्थान।
27. सिंगरौली को अपने अकेलेपन के कारण क्या
संज्ञा मिली?
उत्तर
- जहां से वापस आना आसान नहीं है उसे
काला पानी कहां जाता है सिंगरौली अपनी प्राकृतिक बनावट के कारण काला पानी के ही समान
था।
28. विकास के मानचित्र पर राष्ट्रीय गौरव के
साथ कौन प्रतिष्ठित हुआ?
उत्तर
- कोयले की खदानों तथा उन पर आधारित
ताप विद्युत घरों की एक पूरी श्रृंखला सिंगरौली में स्थापित की गई जिसके कारण सिंगरौली
को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
29. जिस स्थान पर कोई नहीं फटकता था आज वहां
लोगों की भीड़ है क्यों?
उत्तर
- अपनी प्राकृतिक संसाधनों के कारण
सिंगरौली में कई योजनाएं शुरू की गई ऐसे में लोगों को यह स्थान धन कमाने का जगह दिखने
लगा इसलिए लोगों की आवाजाही शुरू हो गई।
30. कभी-कभी किसी क्षेत्र की संपदा ही उसके
लिए विनाश का कारण बन जाती है कैसे?
उत्तर
- उपभोक्तावादी और औद्योगिकरण की संस्कृति
में जिन क्षेत्रों में खनिज संपदा का भंडार मिलता है वहां लोग उसे अपने उपभोग के लिए
नष्ट कर देते हैं सिंगरौली भी इसका जीवित उदाहरण है।
31. लेखक को किस संस्था के द्वारा सिंगरौली
भेजा गया था और क्यों?
उत्तर
- दिल्ली में स्थित लोकायन संस्था
की तरफ से लेखक को सिंगरौली भेजा गया था ताकि लेखक विस्थापन के पूर्व लोगों के जीवन
का जायजा ले सके।
32. लेखक का औद्योगिकरण की नीति के संबंध में
क्या विचार है?
उत्तर
- लेखक का मानना है कि मानव सुख की
कसौटी भौतिक लिप्सा ना होकर जीवन की आवश्यकताओं के द्वारा निर्धारित होनी चाहिए। जितनी
आवश्यकता है हमें उतना ही प्रकृति का उपभोग करना चाहिए ऐसा लेखक का मानना है।
33. अंग्रेज राज भारत को अपनी सांस्कृतिक कॉलोनी
बनाने में असफल क्यों रहे?
उत्तर
- भारत अंग्रेजों के लिए उपनिवेश का
स्थान था वह अपने देश की संस्कृति सभ्यता हमारे यहां लेकर आएं। अंग्रेजों ने भारत को
अपना आर्थिक उपनिवेश बनाया किंतु वे देश को सांस्कृतिक उपनिवेश बनाने से वंचित रह गए
क्योंकि हमारे हमारे देश की संस्कृति प्रकृति और मनुष्य के बीच मेंएक घनिष्ठ संबंध
है।
34. भारत की सांस्कृतिक विरासत यूरोप की तरह
संग्रहालयों में जमा नहीं है ऐसा क्यों?
उत्तर
- सदियों से हमारे देश में प्रकृति
मानव और संस्कृति के बीच एक घनिष्ठ संबंध रहा है यहां पर प्रकृत को मानवीय रूप दिया
गया है।। प्रकृति से संबंधित संस्कृति हमारे जीवन का आधार रहा है इसलिए यह संग्रहालयोंमें
नहीं बल्कि हमारे रीति-रिवाजों, जंगलों और नदियों में नजर आते है।
35. रिश्तो की अदृश्य लिपि क्या है?
उत्तर
- भारत में सदियों से प्रकृति मानव
और संस्कृति के बीच एक गहरा रिश्ता रहा है। हमारे पौराणिक दंत कथाओं में प्रकृति, संस्कृति
और मनुष्य के रिश्तो को लिपिबद्ध किया गया है किंतु बहुत सी मान्यताएं ऐसी भी हैं जिन्हें
लिपिबद्ध नहीं किया गया है किंतु हमारे पूर्वजों ने जो रिश्ता प्रकृति और संस्कृति
के साथ निभाया हम लोग उसे अपने उत्तराधिकारी के रूप में सुरक्षित रखे हुए हैं और निभा
रहे हैं।
36. यूरोप में पर्यावरण का सवाल मनुष्य एवं
भूगोल के बीच संतुलन बनाए रखने का है कैसे?
उत्तर
- यूरोपीय देशों की आधुनिक जीवन शैली
में प्राकृतिक संसाधनों का जमकर दोहन किया जाता है। ऐसे में वे अपने प्रकृति की रक्षा
का उपाय इसलिए करते हैं कि उन्हें संसाधन की आवश्यकता है प्रकृति उनके लिए उपभोग मात्र
का जरिया है।
37. भारत में मनुष्य और उसकी संस्कृति के बीच
में कैसा संबंध है?
उत्तर
- भारत में मनुष्य और उसकी संस्कृति
के बीच एक पारंपरिक संबंध है। यह संबंध वर्षों से हमारे पूर्वजों के द्वारा निभाया
जा रहा है जिसे हमने उत्तराधिकार के रूप में स्वीकार किया है कहने का अर्थ है कि हम
लोग अपने आपको संस्कृति का एक अंग मानते हैं।
38. स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रेजडी
क्या है?
उत्तर
- स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़ी
ट्रेजडी यह है की देश ने भेड़ चाल चलते हुए अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से योजनाएं ना
बनाकर पश्चिमी देशों की योजनाओं की नकल की है।
39. पश्चिम - शिक्षित सत्ताधारीओं का क्या
अर्थ है?
उत्तर
- ऐसे सत्ताधारी लोग जिन्होंने अपनी
शिक्षा पश्चिमी देशों में पूरी की हो उन्हें लेखक पश्चिम-शिक्षित सत्ताधारी कहा है
40. हमारे पश्चिम शिक्षित सत्ताधारीओं का ध्यान
किस पर नहीं गया?
उत्तर
- मनुष्य, प्रकृति तथा संस्कृति को
बचाने के उपायों पर हमारे पश्चिम शिक्षित सता धारियों का ध्यान नहीं गया।
41. लेखक देश के सत्ताधारी वर्ग को किस बात
के लिए फटकार लगाते हैं?
उत्तर
- अपने देश की आवश्यकताओं को ध्यान
में ना रखते हुए पश्चिमी देशों की योजनाओं का नकल करने के कारण देश के सत्ताधारी वर्गों
पर अपना निशाना साधते हुए फटकार लगाते हैं।
42. सिंगरौली आधुनिक औद्योगिक कॉलोनी किस प्रकार
से बन जाएगी?
उत्तर -अमरोली प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से कई लोगों को
प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए बसाए जाएंगे। उनके आवासीय, यातायात आदि की सुविधा देने
के कारण सिंगरौली एक औद्योगिक कॉलनी बन जाएगी।
पाठ के आसपास
औद्योगीकरण औद्योगीकरण एक सामाजिक तथा आर्थिक प्रक्रिया है,
जिसमें उद्योग-धन्धों की बहुलता होती है।
सेंट्रल कोलफील्ड-सेण्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (Central
Coalfields Limit- ed (CCL)), कोल इण्डिया लिमिटेड की सहायक कम्पनी है जो भारत के केन्द्रीय
प्रभाग की खानों का प्रबन्धन करती है। इसका मुख्यालय 'दरभंगा भवन' राँची, झारखण्ड है।
नेशनल सुपर थर्मल पावर कॉरपोरेशन-भारत की सबसे बड़ी विद्युत
उत्पादक कंपनी है। जिसे एनटीपीसी के नाम से भी जाना जाता है। सिंगरौली में पहला पिटहैड
सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हुआ।
कान्हा वन्यस्थल मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान।
कान्हा टाइगर रिजर्व के नाम से भी जाना जाता है।
रिहंद बांध-उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य के सीमा पर
रिहंद नदी पर स्थित एक नदी घाटी परियोजना।
इन्हें भी जाने
कार्बन फुटप्रिंट-कार्बन पदचिह्न (कार्बन फुटप्रिंट) उन सभी ग्रीनहाउस गैसों (कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, और अन्य) का योग है जो मानवीय गतिविधियों द्वारा वातावरण में छोड़ी जाती है। अमेरिका में प्रति व्यक्ति 20 टन का कार्बन उत्सर्जन करते हैं।
JCERT/JAC REFERENCE BOOK
Hindi Elective (विषय सूची)
भाग-1 | |
क्रं.सं. | विवरण |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
9. | |
10. | |
11. | |
12. | |
13. | |
14. | |
15. | |
16. | |
17. | |
18. | |
19. | |
20. | |
21. | |
भाग-2 | |
कं.सं. | विवरण |
1. | |
2. | |
3. | |
4. |
JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
अंतरा भाग 2 | ||
पाठ | नाम | खंड |
कविता खंड | ||
पाठ-1 | जयशंकर प्रसाद | |
पाठ-2 | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | |
पाठ-3 | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय | |
पाठ-4 | केदारनाथ सिंह | |
पाठ-5 | विष्णु खरे | |
पाठ-6 | रघुबीर सहाय | |
पाठ-7 | तुलसीदास | |
पाठ-8 | मलिक मुहम्मद जायसी | |
पाठ-9 | विद्यापति | |
पाठ-10 | केशवदास | |
पाठ-11 | घनानंद | |
गद्य खंड | ||
पाठ-1 | रामचन्द्र शुक्ल | |
पाठ-2 | पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी | |
पाठ-3 | ब्रजमोहन व्यास | |
पाठ-4 | फणीश्वरनाथ 'रेणु' | |
पाठ-5 | भीष्म साहनी | |
पाठ-6 | असगर वजाहत | |
पाठ-7 | निर्मल वर्मा | |
पाठ-8 | रामविलास शर्मा | |
पाठ-9 | ममता कालिया | |
पाठ-10 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | |
अंतराल भाग - 2 | ||
पाठ-1 | प्रेमचंद | |
पाठ-2 | संजीव | |
पाठ-3 | विश्वनाथ तिरपाठी | |
पाठ- | प्रभाष जोशी | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | ||
1 | ||
2 | ||
3 | ||
4 | ||
5 | ||
6 | ||
7 | ||
8 | ||
Class 12 Hindi Elective (अंतरा - भाग 2)
पद्य खण्ड
आधुनिक
1.जयशंकर प्रसाद (क) देवसेना का गीत (ख) कार्नेलिया का गीत
2.सूर्यकांत त्रिपाठी निराला (क) गीत गाने दो मुझे (ख) सरोज स्मृति
3.सच्चिदानंद हीरानंद वात्सयायन अज्ञेय (क) यह दीप अकेला (ख) मैंने देखा, एक बूँद
4.केदारनाथ सिंह (क) बनारस (ख) दिशा
5.विष्णु खरे (क) एक कम (ख) सत्य
6.रघुबीर सहाय (क) वसंत आया (ख) तोड़ो
प्राचीन
7.तुलसीदास (क) भरत-राम का प्रेम (ख) पद
8.मलिक मुहम्मद जायसी (बारहमासा)
11.घनानंद (घनानंद के कवित्त / सवैया)
गद्य-खण्ड
12.रामचंद्र शुक्ल (प्रेमघन की छाया-स्मृति)
13.पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी (सुमिरिनी के मनके)
14.ब्रजमोहन व्यास (कच्चा चिट्ठा)
16.भीष्म साहनी (गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफात)
17.असगर वजाहत (शेर, पहचान, चार हाथ, साझा)
18.निर्मल वर्मा (जहाँ कोई वापसी नहीं)
19.रामविलास शर्मा (यथास्मै रोचते विश्वम्)
21.हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (कुटज)
12 Hindi Antral (अंतरा)
1.प्रेमचंद = सूरदास की झोंपड़ी
3.विश्वनाथ त्रिपाठी = बिस्कोहर की माटी