मांग की अवधारणा (Concept of Demand)

मांग की अवधारणा (Concept of Demand)

                     

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. गिफिन वस्तुओं का अर्थ बताइए।
उत्तर: गिफिन वस्तुओं से आशय ऐसी घटिया वस्तुओं से लगाया जाता है जिन पर उपभोक्ता अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा खर्च करता है तथा ऐसी वस्तुओं की कीमत कम होने पर मांग बढ़ने के स्थान पर घट जाती है।


प्रश्न 2. मांग के नियम को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: मांग का नियम यह बताता है कि अन्य बातें समान रहने पर, एक वस्तु की कीमत घटने पर उसकी मांग बढ़ जाती है तथा कीमत के बढ़ने पर उसकी मांग घट जाती है।

प्रश्न 3. वस्तु के वैयक्तिक मांग वक्रों से बाजार मांग वस्तु को कैसे निकाला जाता है?
उत्तर: बाजार मांग वक्र वैयक्तिक मांग वक्रों के क्षैतिज (Horizontal) योग से प्राप्त होता है।

प्रश्न 4. यदि उपभोक्ता की आय बढ़ने पर वह किसी वक्र की मांग की मात्रा को बढ़ाता है तो वह वस्तु कैसी होगी?
उत्तर: विलासिता की वस्तु।

प्रश्न 5. यदि मांग वक्र आय के बढ़ने के फलस्वरूप नीचे बायीं ओर खिसक जाता है तो यह क्या कहलायेगा?
उत्तर: इसे मांग की कमी कहते हैं।

                    

प्रश्न 6. एक मांग वक्र पर एक बिन्दु से नीचे के बिन्दु पर जाने का अर्थ बताइए।
उत्तर: एक ही मांग वक्र पर एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु पर जाना मांग के नियम को दर्शाता है क्योंकि इस अवस्था में केवल वस्तु की कीमत के परिवर्तन का प्रभाव ही उसकी मांग की मात्रा पर देखा जाता है।

प्रश्न 7. आवश्यकता एवं मांग में क्या अन्तर है?
उत्तर: आवश्यकता प्रभावपूर्ण इच्छा को कहते हैं जबकि मांग का सम्बन्ध सदैव समय एवं कीमत से होता है। बिना इन दोनों तत्त्वों के इसका कोई मतलब नहीं होता।

प्रश्न 8. व्यक्तिगत मांग अनुसूची तथा बाजार मांग अनुसूची में अन्तर बताइए।
उत्तर: व्यक्तिगत मांग अनुसूची एक उपभोक्ता विशेष द्वारा किसी वस्तु की विभिन्न मूल्यों पर खरीदी जाने वाली मात्रा को दर्शाती है जबकि बाजार मांग अनुसूची वस्तु के विभिन्न मूल्यों पर समस्त उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जाने वाली मात्रा के योग को दर्शाती है।

प्रश्न 9. मांग के कोई तीन निर्धारक तत्त्व बताइए।
उत्तर: मांग के तीन निर्धारण तत्त्व निम्न हैं

1. वस्तु विशेष की कीमत

2. उपभोक्ता की आय

3. उपभोक्ता की पसंद।

प्रश्न 10. कीमत वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा में कैसा सम्बन्ध होता है?
उत्तर: अन्य बातें यथावत रहने पर वस्तु की कीमत उसकी मांगी जाने वाली मात्रा के बीच ऋणात्मक सम्बन्ध होता है।

प्रश्न 11. पूरक वस्तुएँ कौन-सी होती हैं?
उत्तर: पूरक वस्तुओं से आशय ऐसी वस्तुओं से लगाया जाता है जो किसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए साथ-साथ प्रयोग में लाई जाती हैं;
जैसेस्कूटर एवं पेट्रोल, चाय एवं चीनी आदि।

प्रश्न 12. स्थानापन्न वस्तुओं से क्या आशय है?
उत्तर: स्थानापन्न वस्तुएँ वह होती हैं जिनमें से किसी एक के प्रयोग से दूसरी वस्तु की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है; जैसे-चाय कॉफी, चीनी बूरा आदि।

प्रश्न 13. पूरक वस्तु के सम्बन्ध में मांग वक्र का ढाल कैसा होता है?
उत्तर: पूरक वस्तु की स्थिति में मांग वक्र का ढाल ऋणात्मक होता है।f

प्रश्न 14. स्थानापन्न वस्तु के लिए मांग वक्र का ढाल कैसा होता है?
उत्तर: स्थानापन्न वस्तु की स्थिति में मांग वक्र का ढाले धनात्मक होता है।

प्रश्न 15. राष्ट्रीय आय के वितरण का मांग पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: राष्ट्रीय आय का वितरण यदि समान है तो आवश्यक वस्तुओं की मांग ज्यादा होगी। इसके विपरीत यदि राष्ट्रीय आय का वितरण असमान है तो विलासिता की वस्तुओं की मांग ज्यादा होगी।

प्रश्न 16. मांग का विस्तार किसे कहते हैं?
उत्तर: किसी वस्तु की कीमत घटने पर उस वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा में वृद्धि को मांग का विस्तार कहते हैं।

प्रश्न 17. मांग का संकुचन क्या होता है?
उत्तर: किसी वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर उस वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा में कमी को मांग का संकुचन कहते हैं।

प्रश्न 18. मांग में कमी से क्या आशय है?
उत्तर: जब किसी वस्तु की कीमत स्थिर रहने पर किसी अन्य कारण; जैसेआय में कमी के कारण मांग में गिरावट आती है। और मांग वक्र बायीं ओर नीचे की ओर खिसक जाता है तो इसे मांग की कमी कहते हैं।

प्रश्न 19. मांग में वृद्धि से क्या आशय है?
उत्तर: जब किसी वस्तु का मूल्य स्थिर रहता है तथा उपभोक्ता की आय में वृद्धि के कारण मांग बढ़ जाती है तो इसे मांग में वृद्धि कहते हैं। इस अवस्था में मांग वक्र ऊपर की ओर दायीं ओर खिसक जाता है।

प्रश्न 20. आय प्रभाव से क्या आशय है?
उत्तर: जब किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन होता है तो उपभोक्ता की वास्तविक आय अथवा क्रय शक्ति भी परिवर्तित हो जाती है। इससे वस्तु की मांग भी प्रभावित होती है। इसे ही आय प्रभाव कहते हैं।

प्रश्न 21. सामान्य वस्तु से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: सामान्य वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती हैं जिनकी मांग उपभोक्ता की आय से प्रभावित होती है। ऐसी वस्तुओं की मांग उपभोक्ता की आय बढ़ने पर बढ़ जाती है तथा आय घटने पर कम हो जाती है।

प्रश्न 22. स्थानापन्न वस्तुओं के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर: निम्न वस्तुएँ स्थानापन्न वस्तुएँ हैं

1. चाय कॉफी

2. वनस्पति घी रिफाइन्ड

3. चीनी गुड़

4. कोका कोला पेप्सी।

प्रश्न 23. पूरक वस्तुओं के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर: निम्न वस्तुएँ पूरक वस्तुएँ हैं

1. चाय चीनी

2. जूते मोजे

3. स्कूटर पेट्रोल

4. पैन इंक।

प्रश्न 24. मांग वक्र किसे कहते हैं?
उत्तर: मांग वक्र एक वस्तु की कीमत और उसकी मांगी जाने वाली मात्रा के बीच के सम्बन्ध का रेखाचित्र के रूप में प्रस्तुतीकरण है। यह कीमत एवं मांग के बीच विपरीत सम्बन्ध को स्पष्ट करता है।

प्रश्न 25. मांग के नियम की दो मान्यताएँ बताइए।
उत्तर: मांग के नियम की दो मान्यताएँ

1. उपभोक्ता की आय में परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

2. उपभोक्ता के स्वभाव, रुचि एवं अधिमान में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 26. मांग के नियम के लागू होने का कोई एक कारण बताइए।
उत्तर: मांग का नियम प्रतिस्थापन प्रभाव के कारण लागू होता है। जब कोई वस्तु सापेक्ष रूप से सस्ती हो जाती है तो उपभोक्ता महँगी वस्तु के स्थान पर उसका प्रयोग बढ़ा देते हैं जिससे उसकी मांग बढ़ जाती है।

प्रश्न 27. क्या प्रतिष्ठा सूचक वस्तुओं पर मांग का नियम लागू होता है?
उत्तर: प्रतिष्ठासूचक वस्तुओं पर यह नियम लागू नहीं होता क्योंकि ऐसी वस्तुओं का उपभोग उनकी कीमत ज्यादा होने पर अधिक होता है।

प्रश्न 28. मांग फलन किस बात पर निर्भर करता है?
उत्तर: मांग फलन किसी वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा तथा इसे प्रभावित करने वाले कारकों पर निर्भर करता है।

प्रश्न 29. मक्का, ज्वार बाजरा किस श्रेणी की वस्तुएँ हैं?
उत्तर: मक्का, ज्वार बाजरा गिफिन वस्तुएँ अथवा घटिया श्रेणी की वस्तुएँ हैं।

प्रश्न 30. यदि उपभोक्ता को किसी वस्तु का मूल्य भविष्य में कम होने की आशा हो तो वह उस वस्तु की वर्तमान में मांग ज्यादा करेगा या कम।
उत्तर: ऐसी अवस्था में उपभोक्ता वर्तमान में उस वस्तु की मांग कम करेगा अर्थात् उसका उपभोग घटा देगा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. किसी एक मांग वक्र पर चलन तथा मांग वक्र में विवर्तन को चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर: मांग वक्र पर चलनकिसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन (कमी अथवा वृद्धि) से उस वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा में परिवर्तन को एक ही मांग वक्र पर चलने (movement) से दिखाया जाता है। यह निम्न चित्र से स्पष्ट है

चित्रसे स्पष्ट है कि जब सेब का मूल्य ₹100 प्रति किग्रा होता है तो सेब की मांग 1 किग्रा होती है लेकिन जब सेब को मूल्य घटकर ₹50 प्रति किग्रा हो जाता है तो मांग बढ़कर 3 किग्रा हो जाती है। इसे मांग का विस्तार कहते हैं। उपभोक्ता A बिन्दु से B बिन्दु पर खिसक जाता है।

चित्रमें जब कीमत ₹50 प्रति किग्रा होती है तो उपभोक्ता 3 किग्रा सेब खरीदता है लेकिन जब कीमत बढ़कर ₹100 प्रति किग्रा हो जाती है तो मांग घटकर 1 किग्रा रह जाती है। उपभोक्ता मूल्य परिवर्तन के कारण A से B बिन्दु पर उसी वक्र पर खिसक जाता है। इसे मांग का संकुचन कहेंगे।

मांग वक्र में विवर्तनमांग वक्र में विवर्तन का आशय है उपभोक्ता की आय में परिवर्तन होने के फलस्वरूप (जबकि वस्तु का मूल्य अपरिवर्तित रहता है) उसके एक वक्र दूसरे वक्र पर खिसक जाने से है। यह निम्न चित्रों से स्पष्ट है -

चित्रमें आय बढ़ने पर मांग वक्र DD से D1 D1 हो जाता है। उपभोक्ता द्वारा वस्तु की खरीदी जाने वाली मात्रा OQ से बढ़कर OQ1 हो जाती है। आय बढ़ने पर उपभोक्ता DD के A बिन्दु से D1D1 में B बिन्दु पर खिसक जाता है। यह मांग में वृद्धि को दर्शाता है।

चित्रमें उपभोक्ता आय घटने पर मांग वक्र DD से D1D1 जो बायीं ओर है पर खिसक जाता है अर्थात् A बिन्दु से B बिन्दु पर जाता है और उसकी मांग घटकर OQ से OQ1 रह जाती है। मांग में इस गिरावट को मांग में कमी कहते हैं।

प्रश्न 2. सामान्य वस्तु एवं घटिया वस्तु के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: सामान्य वस्तु से आशय ऐसी वस्तु से लगाया जाता है जिसकी मांग मूल्य बढ़ने पर घटती है तथा मूल्य घटने पर बढ़ती है। अर्थात् ऐसी वस्तुओं के सम्बन्ध में मूल्य एवं मांग में विपरीत या ऋणात्मक सम्बन्ध होता है।

घटिया या गिफिन वस्तुएँ वह होती हैं जिनकी मांग कीमत बढ़ने पर बढ़ती है तथा कीमत घटने पर घटती है।

गेहूँ सामान्य वस्तु की श्रेणी में आता है तथा मोटे अनाज घटिया वस्तु की श्रेणी में आते हैं। इसी प्रकार देशी घी सामान्य वस्तु है। तथा डालडा घटिया वस्तु है।

प्रश्न 3. यदि x वस्तु एवं Y वस्तु प्रतिस्थापन वस्तु है तो Y वस्तु की कीमत में कमी का X वस्तु की मांग पर क्या प्रभाव होगा? चित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: प्रतिस्थापन प्रभाव में जो वस्तु सस्ती हो जाती है उस वस्तु को अपेक्षाकृत महँगी वस्तु के स्थान पर प्रतिस्थापित किया जाता है। यदि Y वस्तु की कीमत में कमी हो जाती है तो X वस्तु की मांग घट जायेगी क्योंकि उपभोक्ता उसके स्थान पर Y वस्तु का प्रतिस्थापन करेंगे।

चित्र से स्पष्ट है कि Y वस्तु की कीमत जब OP थी तो X वस्तु की मांग OQ थी। जब Y वस्तु की कीमत घटकर OP1 हो गई तो X वस्तु की मांग घटकर OQ1 रह गई। स्थानापन्ने वस्तुओं में मांग वक्र धनात्मक होता है।

प्रश्न 4. इच्छा, आवश्यकता तथा मांग से क्या आशय है? समझाइए।
उत्तर: इच्छा का आशय किसी वस्तु को प्राप्त करने के बारे में सोचने मात्र से लगाया जाता है लेकिन जब उपभोक्ता के पास इच्छा पूर्ति के लिए वस्तु खरीदने के साधन हों तथा वह उन साधनों को खर्च करने के लिए तत्पर हो तो यह इच्छा आवश्यकता बन जाती है। मांग का सम्बन्ध कीमत समय के साथ होता है अर्थात किसी वस्तु की मांग किसी समय विशेष पर किसी निश्चित मूल्य से सम्बन्धित होती है। जब आवश्यकता को किसी मूल्य समय के साथ जोड़ दिया जाता है तो वह आवश्यकता मांग का रूप ले लेती है।

प्रश्न 5. बाजार मांग से क्या आशय है?
उत्तर: बाजार में अनेक उपभोक्ता होते हैं। किसी दी गई कीमत पर सभी उपभोक्ताओं द्वारा मांगी जाने वाली वस्तु की मात्राओं का योग बाजार मांग कहलाता है। उदाहरण के लिए यदि बाजार में A, B, C तीन उपभोक्ता हैं तथा ये ₹4 कीमत पर किसी समय विशेष पर किसी वस्तु की क्रमशः 10, 15 20 इकाइयाँ खरीदते हैं तो ₹4 कीमत पर वस्तु की बाजार मांग
10 + 15 + 20 = 45 इकाइयाँ होगी।

प्रश्न 6. दी हुई कीमत पर एक उपभोक्ता द्वारा वस्तु की कम मात्रा कब खरीदी जाती है?
उत्तर: दी हुई कीमत पर यदि उपभोक्ता वस्तु की कम मात्रा खरीदता है तो उसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे

1. उपभोक्ता की आय में अचानक कमी हो जाये

2. स्थानापन्न वस्तु सस्ती हो जाय तथा

3. वस्तु की कीमत के भविष्य में कम होने की सम्भावना हो।

प्रश्न 7. वैयक्तिक मांग अनुसूची को उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर: किसी समय विशेष पर एक व्यक्ति विशेष द्वारा विभिन्न कीमतों पर वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा को सारणी बद्ध करने से मांग अनुसूची प्राप्त हो जाती है जो कि निम्न उदाहरण से स्पष्ट है


प्रश्न 8. बाजार मांग अनुसूची को उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर: बाजार मांग अनुसूची एक समय विशेष पर विभिन्न कीमतों पर सभी उपभोक्ताओं द्वारा मांगी जाने वाली वस्तुओं की मात्रा के योग का तालिका के रूप में प्रस्तुतीकरण है। बाजार मांग अनुसूची का उदाहरण निम्न प्रकार है


प्रश्न 9. प्रतिस्थापन प्रभाव क्या होता है।
उत्तर: प्रतिस्थापन प्रभाव का आशय है महँगी वस्तु के स्थान पर सस्ती वस्तु को आवश्यकता पूर्ति के लिए प्रतिस्थापित करना। उदाहरण के लिए यदि X वस्तु की कीमत Y वस्तु की तुलना में कम हो जाती है तो उपभोक्ता Y वस्तु के लिए सस्ती वस्तु X को प्रतिस्थापित करता है और X वस्तु की मांग बढ़ जाती है। इसे ही प्रतिस्थापन प्रभाव कहते हैं।

प्रश्न 10. क्या प्रतिष्ठासूचक वस्तुओं के सम्बन्ध में मांग का नियम लागू होता है?
उत्तर: प्रतिष्ठासूचक वस्तुएँ वह होती हैं जिन्हें लोग समाज में अपना प्रभाव दिखाने के लिए प्रयोग करते हैं जब ये वस्तुएँ महँगी होती है तथा जन सामान्य की पहुंच से दूर हो जाती है। ऐसी स्थिति में धनवान लोग इन वस्तुओं को ज्यादा खरीदते हैं। जब ऐसी वस्तुएँ सस्ती हो जाती हैं तो धनवान व्यक्ति इन वस्तुओं को कम खरीदते हैं। इस कारण ऐसी वस्तुओं के सम्बन्ध में मांग का नियम लागू नहीं होता है।

प्रश्न 11. मांग वक्र से क्या आशय है?
उत्तर: मांग वक्र (Demand Curve) – मांग वक्र मांग अनुसूची का रेखाचित्र के रूप में प्रस्तुतीकरण मात्र है। मांग वक्र से भी वही जानकारी प्राप्त होती है जो कि मांग अनुसूची से प्राप्त होती है। मांग वक्र विभिन्न कीमतों पर किसी वस्तु की उपभोक्ता द्वारा मांगी जाने वाली मात्रा को व्यक्त करता है। यह कीमत मांग के बीच विपरीत अथवा ऋणात्मक सम्बन्ध को बताता है।

प्रश्न 12. व्यक्तिगत मांग वक्र क्या है?
उत्तर: व्यक्तिगत मांग वक्र किसी उपभोक्ता विशेष द्वारा विभिन्न मूल्यों पर किसी वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा को व्यक्त करता है। निम्न चित्र में मांग वक्र को दर्शाया गया है


चित्र में DD मांग वक्र है जिसके विभिन्न बिन्दु विभिन्न कीमतों पर वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा को व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 13. मांग के नियम की चार मान्यताएँ बताइये।
उत्तर: मांग के नियम की मान्यताएँ

1. उपभोक्ताओं की आय में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

2. उपभोक्ताओं की रुचि एवं स्वभाव में कोई बदलाव नहीं होता है।

3. अन्य सम्बन्धित वस्तुओं के मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

4. भविष्य में वस्तु के मूल्य में और परिवर्तन की संभावना नहीं होती है।

प्रश्न 14. मांग फलन से क्या आशय है?
उत्तर: मांग फलन किसी बाजार में एक निश्चित समय पर किसी वस्तु की खरीदी जा सकने वाली विभिन्न मात्राओं और उन मात्राओं को निर्धारित करने वाले तत्त्वों के बीच के सम्बन्ध को स्पष्ट करता है।

प्रश्न 15. आय परिवर्तन का मांग वक्र पर पड़ने वाले प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: सामान्य वस्तुओं के सम्बन्ध में आय और मांग में धनात्मक सम्बन्ध होता है अर्थात् आय बढ़ने पर वस्तु की मांग में वृद्धि होती है तथा आय घटने पर मांग में कमी होती है। आय बढ़ने पर मांग वक्र दाहिनी ओर खिसक जाता है तथा आय घटने पर बायीं ओर खिसक जाता है जोकि निम्न चित्रों से स्पष्ट है

प्रश्न 16. गिफिन विरोधाभास क्या है? समझाइए।
उत्तर: सामान्यतः जब किसी वस्तु की कीमत में वृद्धि होती है तो उसकी मांग में कमी तथा कीमत में कमी होती है तो मांग में वृद्धि हो जाती है लेकिन गिफिन वस्तुओं में ऐसा नहीं होता है क्योंकि ऐसी वस्तुओं की मांग कीमत कम होने पर घट जाती है तथा कीमत बढ़ने पर बढ़ जाती है। इसी को गिफिन का विरोधाभास कहते हैं।

प्रश्न 17.बाजार मांग वक्र क्या है?
उत्तर: बाजार मांग वक्र किसी निश्चित समय पर सभी उपभोक्ताओं द्वारा विभिन्न कीमतों पर मांगी जाने वाली मात्राओं के योग को ग्राफ के रूप में चित्रित करने पर प्राप्त होता है। यह मांग वक्र किसी वस्तु की विभिन्न मूल्यों पर कुल मांग को दर्शाता है।

प्रश्न 18. बताइए निम्न वस्तुएँ किस श्रेणी की वस्तुएँ हैं

() चाय एवं कॉफी
() कार एवं पेट्रोल
() स्वर्ण एवं हीरे
() रागी एवं बाजरा

उत्तर:

() चाय एवं कॉफी स्थानापन्न वस्तुएँ हैं।
() कार एवं पेट्रोल पूरक वस्तुएँ हैं।
() स्वर्ण एवं हीरे प्रतिष्ठासूचक वस्तुएँ हैं।
() रागी एवं बाजरा घटिया किस्म अर्थात् गिफिन वस्तुएँ हैं।

प्रश्न 19. वस्तु की मांग का उपभोक्ता की पसंद से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर: वस्तुओं की मांग केवल उनकी कीमतों पर ही निर्भर नहीं होती है बल्कि उपभोक्ताओं की पसंद से भी प्रभावित होती है। नये-नये आविष्कार तथा विज्ञापन, बदलते फैशन के कारण उपभोक्ता की पसंद भी बदलती जाती है। उदाहरण के लिए, पहले उपभोक्ता रेडियो की मांग करता था अब टेलीविजन की मांग करता है।

प्रश्न 20. यदि किसी वस्तु के मूल्य में भविष्य में कमी होने की संभावना हो तो उसकी वर्तमान मांग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: यदि किसी कारण से किसी वस्तु के मूल्य में भविष्य में कमी होने की उम्मीद हो तो उस वस्तु की वर्तमान में मांग कम हो जायेगी क्योंकि उपभोक्ता अपनी आवश्यकता को भविष्य के लिए टालने का प्रयास करेंगे।

प्रश्न 21. जनसंख्या की संरचना मांग को किस प्रकार प्रभावित करती है?
उत्तर: विभिन्न वस्तुओं की मांग पर जनसंख्या की संरचना का भी प्रभाव पड़ता है। जिस देश की जनसंख्या में युवाओं का प्रतिशत ज्यादा होता है ऐसे देश में आधुनिक वस्त्रों, फैशन की वस्तुओं की मांग ज्यादा होती है। जिस देश में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा होती है उन देशों में परम्परागत वस्तुओं की मांग ज्यादा होती है।

प्रश्न 22. मांग को प्रभावित करने वाले कोई दो प्रमुख कारक बताइए।
उत्तर: मांग को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक निम्न हैं

1. वस्तु की कीमत वस्तु की कीमत कम होने पर मांग ज्यादा होती है तथा कीमत ज्यादा होने पर मांग कम होती. है।

2. उपभोक्ता की आय उपभोक्ता की आय में कमी होने पर मांग घट जाती है तथा उपभोक्ता की आय बढ़ने पर वस्तु की मांग बढ़ जाती है।

प्रश्न 23. मुद्रा प्रसार की अवस्था मांग को किस प्रकार प्रभावित करती है?
उत्तर: मुद्रा प्रसार की अवस्था में व्यापार एवं उद्योग धंधों का विकास होता है जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। इस अवस्था में लोगों की आय में वृद्धि होती है। इस कारण मुद्रा प्रसार की अवस्था में वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है।

प्रश्न 24. एक वस्तु की मांग पर पूरक वस्तु की कीमत में वृद्धि के प्रभाव को रेखाचित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर: यदि पूरक वस्तु की कीमत में वृद्धि होती है तो उस वस्तु की मांग में कमी हो जायेगी क्योंकि पूरक वस्तुएँ साथ-साथ खरीदी जाती हैं। उदाहरण के लिए कार एवं पेट्रोल पूरक वस्तुएँ हैं। यदि कार की कीमत बढ़ जाती है तो कार की मांग तो कम होगी ही, पूरक वस्तु पेट्रोल की मांग भी कम हो जायेगी। यह निम्न रेखाचित्र से और स्पष्ट हो जाता है

रेखाचित्र से स्पष्ट है कि जब कार की कीमत OP थी तो पेट्रोल की मांग OQ थी। कार की मांग की कीमत बढ़कर जब OP1 हो जाती है तो पेट्रोल की मांग घटकर OQ से OQ1 हो जाती है।

प्रश्न 25. एक वस्तु की मांग पर स्थानापन्न वस्तु के मूल्य में वृद्धि के प्रभाव को रेखाचित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर: स्थानापन्न वस्तुओं के सम्बन्ध में मांग वक्र धनात्मक होता है। यदि एक स्थानापन्न वस्तु के मूल्य में वृद्धि होती है तो उपभोक्ता दूसरी स्थानापन्न वस्तु की मांग बढ़ा देते हैं; जैसे-चाय महंगी होने पर उपभोक्ता कॉफी की मांग ज्यादा करेंगे। यह निम्न रेखाचित्र से स्पष्ट है

चित्र से स्पष्ट है कि जब चाय की कीमत OP है तो कॉफी की मांग OQ के बराबर है। लेकिन जब चाय की कीमत बढ़कर OP1 हो जाती है तो उपभोक्ताओं द्वारा कॉफी की मांग बढ़कर OQ1 हो जाती है।

प्रश्न 26. मांग के नियम की विभिन्न मान्यताएँ बताइए।
उत्तर: मांग का नियम कुछ मान्यताओं पर आधारित है। ये मान्यताएँ निम्नलिखित हैं

1. उपभोक्ताओं की आय अपरिवर्तित रहनी चाहिए।

2. उपभोक्ताओं की रुचि स्वभाव में परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

3. अन्य सम्बन्धित वस्तुओं के मूल्यों में परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

4. किसी नई स्थानापन्न वस्तु की खोज नहीं होनी चाहिए।

5. भविष्य में वस्तुओं के मूल्य में और अधिक परिवर्तन की संभावना नहीं होनी चाहिए।

6. वस्तु प्रतिष्ठा सूचक नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न 27. मांग के नियम के अपवाद बताइए।
उत्तर: मांग के नियम के निम्न अपवाद हैं

(i) गिफिन वस्तुएँ गिफिन वस्तुएँ प्रायः निम्न कोटि की या घटिया वस्तुओं को कहते हैं जिन पर उपभोक्ता अपनी आय का बड़ा हिस्सा व्यय करता है; जैसे-देशी घी की तुलना में डालडा, गेहूं की तुलना में बाजरा, मांस की तुलना में रोटी आदि। ऐसी वस्तुओं की मांग उनकी कीमत बढ़ने पर बढ़ती है तथा घटने पर घट जाती है। इस कारण इन वस्तुओं पर मांग का नियम क्रियाशील नहीं होता है।

(ii) प्रतिष्ठासूचक वस्तुएँ- प्रतिष्ठासूचक वस्तुएँ वह होती हैं जिनके प्रयोग से व्यक्ति की समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है। ऐसी वस्तुओं की मांग कीमत बढ़ने पर ज्यादा होती है और मांग का नियम क्रियाशील नहीं होता है।

प्रश्न 28. मांग के नियम के लागू होने का कारण बताइए।
उत्तर: मांग का नियम इसलिए लागू होता है क्योंकि जब वस्तु का मूल्य बढ़ता है तो उसकी सीमान्त उपयोगिता कीमत से कम हो जाती है। अत: उपभोक्ता उस वस्तु की मांग तब तक घटाता है जब तक कि वस्तु की सीमान्त उपयोगिता कीमत के बराबर हो जाय। इस कारण कीमत बढ़ने पर मांग घटती है। इसके विपरीत जब वस्तु की कीमत घट जाती है तो वस्तु की सीमान्त उपयोगिता कीमत से ज्यादा हो जाती है। इससे उपभोक्ता उस वस्तु की ज्यादा मात्रा खरीदने के लिए प्रेरित होता है। अत: कीमत कम होने पर मांग बढ़ जाती है। मांग में कमी एवं वृद्धि का क्रम तब तक चलता है जब तक कि वस्तु की सीमान्त उपयोगिता कीमत के बराबर नहीं हो जाती है।

प्रश्न 29. आय प्रभाव को समझाइए।
उत्तर: जब निजी वस्तु के मूल्य में परिवर्तन होने पर उपभोक्ता की वास्तविक आय बदल जाती है और इसका प्रभाव वस्तु की मांग पर पड़ता है तो इसे आय प्रभाव कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि उपभोक्ता X वस्तु पर ₹ 50 खर्च करता है और X वस्तु सस्ती हो जाने के कारण वह अब X की उतनी ही मात्रा के 40 में खरीद सकता है तो उसकी वास्तविक आय ₹10 बढ़ जाती है। अब उपभोक्ता इस 10 से या उसके कुछ भाग से उस वस्तु की कुछ अतिरिक्त मात्रा और खरीद सकता है। इस कारण उस वस्तु की मांग बढ़ जायेगी। इसे आय प्रभाव कहते हैं। आय प्रभाव धनात्मक होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. मांग के नियम को सारणी चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर: मांग का नियम (Law of Demand) – वस्तु की मांग अनेक बातों से प्रभावित होती है; जैसे-वस्तु की कीमत, उपभोक्ता की आय, अन्य सम्बन्धित वस्तुओं की कीमतें, उपभोक्ता की पसंद आदि। मांग का नियम केवल मांग एवं मूल्य के सम्बन्ध को व्यक्त करता है। इस नियम के क्रियाशील होने के लिए अन्य बातों को समान या अपरिवर्तित मान लिया जाता है। मांग का नियम मांग एवं मूल्य के सम्बन्ध को व्यक्त करता है तथा यह मांग एवं मूल्य के विपरीत अथवा ऋणात्मक सम्बन्ध को बताता है इस नियम के अनुसार अन्य बातें समान रहने पर कीमत बढ़ने पर मांग घटती है तथा कीमत घटने पर वस्तु की मांग बढ़ती है।

मांग का नियम मूल्य एवं मांग में विपरीत सम्बन्ध को व्यक्त करता है लेकिन यह सम्बन्ध आनुपातिक हो ऐसा आवश्यक नहीं है। मूल्य परिवर्तन के फलस्वरूप मांग में परिवर्तन अनुपात से कम, आनुपातिक तथा अनुपात से ज्यादा हो सकता है। लेकिन यह परिवर्तन होगा ऋणात्मक ही। मांग के नियम को निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट किया का सकता है

नीचे दी गई तालिका में वस्तु का मूल्य तथा विभिन्न मूल्यों पर उसकी मांगी जाने वाली मात्रा को दर्शाया गया है


तालिका से स्पष्ट है कि जब वस्तुकी कीमत प्रति इकाई ₹1 है तो उस वस्तु की मांग 5 हजार इकाइयां प्रतिदिन है। जब मूल्य बढ़कर ₹2, 3, 4 और 5 हो जाता है तो उसकी मांग घटकर क्रमशः 4 हजार, 3 हजार, 2 हजार 1 हजार रह जाती है अर्थात् मूल्य जैसे-जैसे बढ़ता जाता है, मांग वैसे ही वैसे घटती जाती है।

तालिका के आँकड़ों को रेखाचित्र के रूप में भी प्रस्तुत किया जा सकता है। रेखाचित्र के रूप में प्रस्तुत करने पर हमें मांग वक्र प्राप्त होगा जिससे विभिन्न मूल्यों परवस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा का पता चलेगा। यह मांग वक्र ऊपर से नीचे दाहिनी ओर गिरता हुआ होगा क्योंकि मूल्य एवं मांग में ऋणात्मक सम्बन्ध होता है।


उक्त चित्र में X-अक्ष परवस्तु की मांग (हजार में) दिखाई गई है तथा Y-अक्ष परवस्तु की कीमत (प्रति इकाईमें) दिखाई गई है। जबवस्तु की कीमत ₹5 है तो उसकी मांग केवल 1 हजार वस्तुएँ है लेकिन जब मूल्य घटकर ₹4 प्रति हजार हो जाती है तो मांग बढ़कर 2 हजार वस्तुएँ हो जाती है। इसी प्रकार मूल्य और गिरने पर जब यह ₹3, ₹2, ₹1 हो जाती है तोवस्तु की मांग क्रमश: बढ़ती हुई 3 हजार, 4 हजार 5 हजार वस्तुएँ हो जाती है। अतः मूल्य घटने के साथ-साथ मांग बढ़ती जाती है। इसे दूसरे रूप में इस प्रकार भी कह सकते हैं कि मूल्य बढ़ने पर मांग लगातार घटती जाती है। इसी सम्बन्ध को ऋणात्मक सम्बन्ध कहते हैं।

मांग के नियम की मान्यताएँ (Assumptions of Law of Demand) – मांग का नियम निम्न मान्यताओं पर आधारित है

1. उपभोक्ता की आय में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

2. उपभोक्ता की पसंद अपरिवर्तित रहनी चाहिए।

3. अन्य सम्बन्धित वस्तुओं; जैसेपूरक एवं स्थानापन्न वस्तुओं, के मूल्य में भी कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

4. किसी नई स्थानापन्न वस्तु का उपभोक्ता को पता नहीं चलना चाहिए।

5. वस्तु प्रतिष्ठा वाली नहीं होनी चाहिए।

6. भविष्य में वस्तु के मूल्य में ज्यादा परिवर्तन की संभावना नहीं होनी चाहिए।

7. देश की जनसंख्या का आकार पूर्ववत रहना चाहिए।

8. राष्ट्रीय आय के वितरण में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 2. एक मांग वक्र के लिए मांग में परिवर्तन एवं मांग मात्रा में परिवर्तन में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर: मांग में परिवर्तन तथा मांग मात्रा में परिवर्तन
() मांग में परिवर्तन (Change in Demand) – मांग में परिवर्तन से आशय वस्तु की कीमत के अतिरिक्त अन्य कारणों से मांग में बदलाव आने से लगाया जाता है। इस अवस्था में मांग वक्र ऊपर या नीचे की ओर विवर्तित हो जाती है। ऐसी स्थिति में वस्तु की मांग में परिवर्तन आय में परिवर्तन के कारण हो सकता है, उपभोक्ता की पसंद में परिवर्तन के कारण या अन्य किसी कारण से हो सकता है। मूल्य इस स्थिति में अपरिवर्तित रहता है। मांग वक्र में विवर्तन दो प्रकार का हो सकता है

1. जब मांग वक्र दाहिनी अथवा आगे की ओर खिसक जाता है।

2. जब मांग वक्र बाएँ अथवा नीचे की ओर खिसक जाता है।

1. मांग वक्र का दाहिनी ओर ऊपर की ओर खिसकनामांग वक्र दाहिनी ओर तब खिसकता है जब कीमत स्थिर रहते हुए उपभोक्ता की आय में वृद्धि होने के कारण उसकी वस्तु की मांग बढ़ जाती है। यह निम्न चित्र से स्पष्ट है

जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है वस्तु की कीमत OP ही रहती है लेकिन उपभोक्ता की मांग OQ से बढ़कर OQ1 हो जाती है जो आय में वृद्धि के कारण है। इसे मांग में वृद्धि (Increase in Demand) कहते हैं।

2. जब मांग वक्र बायें नीचे की ओर खिसक जाता हैयह तब होता है जब वस्तु का मूल्य तो अपरिवर्तित रहता है लेकिन उपभोक्ता की आय कम हो जाती है और आय कम होने के कारण वह पहले से कम मात्रा खरीदपाता है। यह निम्न चित्र में दर्शाया गया है –

चित्र से स्पष्ट है कि उपभोक्ता मूल्य OP रहने की अवस्था में भी वस्तु की मांग OQ से घटाकर OQ1 कर लेता है क्योंकि वह आय कम होने के कारण वस्तु की कम मात्रा ही खरीद पाता है। इस अवस्था में मांग वक्र DD से नीचे की ओर खिसक कर D1D1 हो जाता है। इसको मांग में कमी (Decrease in Demand) कहते हैं।

() मांग मात्रा में परिवर्तन (Change in Quality Demanded) – किसी वस्तु की कीमत में कमी अथवा वृद्धि के फलस्वरूप जब उस वस्तु की मांगी जाने वाली मात्रा में परिवर्तन होता है तो इसे एक ही मांग वक्र पर चलन के रूप में दिखाया जाता है। इस अवस्था में मांग मात्रा की कमी को मांग का संकुचन (Contraction) तथा मांग मात्रा में वृद्धि को मांग का विस्तार (Expansion) कहते हैं। इन दोनों अवस्थाओं को निम्न चित्रों द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है

चित्र () में जब कीमत ₹50 थी तो मांग थी 100 इकाइयाँ लेकिन जब कीमत घटकर ₹30 रह गई तो मांग बढ़कर 300 इकाइयाँ हो गई। यह मांग की मात्रा में वृद्धि या विस्तार कहलाता है।

उपरोक्त चित्र () में जब कीमत ₹30 थी तो वस्तु की मांग थी 300 इकाइयाँ लेकिन जब कीमत बढ़कर ₹50 हो गई तो वस्तु की मांग घटकर 100 इकाइयाँ रह गई। यह मांग की मात्रा में संकुचन या कमी कहलाता है।

प्रश्न 3. किसी वस्तु की मांग पर निम्न के प्रभाव को समझाइए-
1. आय में वृद्धि।
2. सम्बन्धित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि।
उत्तर: 1. आय में वृद्धि का वस्तु की मांग पर प्रभाव-उपभोक्ता की आय बढ़ने पर सामान्य रूप से वस्तु की मांग में वृद्धि होती है। अत: वस्तु की मांग एवं उपभोक्ता की आय के मध्य धनात्मक सम्बन्ध होता है। यह निम्न चित्र से स्पष्ट है


चित्र से स्पष्ट है कि जब उपभोक्ता की आय OI थी तो वस्तु की मांग OQ थी लेकिन है। जब उसकी आय बढ़कर OI1 हो गई तो उसकी मांग बढ़कर OQ1 हो गई। मांग में Q से Q1 तक की वृद्धि आय में वृद्धि के कारण है।

आय बढ़ने पर कुछ वस्तुओं की मांग एक बिन्दु के बाद बढ़ने के स्थान पर घट जाती है ऐसी वस्तुओं को निम्न कोटि की वस्तुएँ या गिफिन गुड्स कहते हैं, जैसे-डालडा घी, मोटा अनाज आदि।

2. सम्बन्धित वस्तुओं की कीमत में वृद्धि का वस्तु की मांग पर प्रभावसम्बन्धित वस्तुओं में वस्तुएँ दो प्रकार की होती है
(i) पूरक वस्तुएँ तथा
(ii) स्थानापन्न वस्तुएँ।

(i) पूरक वस्तु के मूल्य में वृद्धि का वस्तु की मांग पर प्रभावएक पूरक वस्तु के मूल्य में वृद्धि पर दूसरी पूरक वस्तु की मांग घट जाती है, क्योंकि पूरक वस्तुएँ एक आवश्यकता को पूरा करने के लिए साथ-साथ मांगी जाती हैं। जैसेचाय-चीनी, स्कूटर-पेट्रोल आदि। यदि चाय की कीमत बढ़ जाती है तो चीनी की मांग घट जायेगी। इसी प्रकार स्कूटर की कीमत बढ़ने पर पेट्रोल की मांग घट जायेगी। क्योंकि पेट्रोल का प्रयोग स्कूटर के लिए है। अतः पूरक वस्तुओं के मांग वक्र का ढाल ऋणात्मक होता है जो निम्न चित्र से स्पष्ट है-


चाय की कीमत OP से बढ़कर OP1 हो जाती है तो चीनी की मांग घटकर OQ से OQ1 रह जाती है।

(ii) स्थानापन्न वस्तुओं की कीमत में वृद्धि का वस्तु की मांग पर प्रभावस्थानापन्न वस्तुएँ वह होती हैं जिन्हें एक के स्थान पर दूसरी वस्तु को खरीद कर आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है; जैसेचाय काफी। यदि चाय महँगी हो जायेगी तो उपभोक्ता चाय के स्थान पर कॉफी का प्रयोग करने लगेंगे (क्योंकि कॉफी का मूल्य अपरिवर्तित है।) इससे चाय की कीमत बढ़ने पर कॉफी की मांग बढ़ जायेगी। इस प्रकार स्थानापन्न वस्तुओं में मांग वक्र धनात्मक ढाल वाला होता है। यह निम्न चित्र से स्पष्ट है


प्रश्न 4. मांग के विभिन्न निर्धारक तत्वों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मांग के निर्धारक तत्व निम्नलिखित हैं

1. वस्तु की स्वयं की कीमत- वस्तु की कीमत मांग को प्रभावित करने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण तत्व है। वस्तु की कीमत में जब परिवर्तन होता है तो उस वस्तु की मांग भी बदल जाती है। वस्तु की कीमत एवं मांग में प्रतिकूल सम्बन्ध होता है। अर्थात् कीमत बढ़ने पर मांग घटती है तथा कीमत घटने पर मांग बढ़ती है।

2. आय में परिवर्तन उपभोक्ता की आय भी मांग को प्रभावित करती है। आय बढ़ने पर वस्तु की मांग ज्यादा हो जाती है। तथा आय घटने पर उसकी मांग कम हो जाती है। यह बात तभी लागू होगी जबकि कीमत स्थिर रहे। गिफिन वस्तुएँ इसका अपवाद हैं।

3. उपभोक्ताओं की रुचि-किसी वस्तु की मांग पर उपभोक्ताओं की रुचि, आदत, फैशन तथा रीति-रिवाज का भी प्रभाव पड़ता है। किसी वस्तु के फैशन में आने पर उसकी मांग बढ़ जाती है तथा फैशन से बाहर होने पर उसकी मांग कम हो जाती है। उदाहरण के लिए मोबाइल फोन की मांग आजकल दिनों दिन बढ़ रही है जबकि पहले इसकी मांग बहुत कम थी। पहले उपभोक्ता सामान्य भोजन की मांग करता था आज रुचि बदलने के कारण नूडल्स, पीजा, बर्गर आदि की मांग ज्यादा करता है। इस प्रकार उपभोक्ता की रुचि, फैशन आदि भी वस्तु की मांग को प्रभावित करता है।

4. सम्बन्धित वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन सम्बन्धित वस्तुएँ दो प्रकार की होती है (i) पूरक वस्तुएँ; जैसेमक्खन एवं डबल रोटी, कारं पेट्रोल आदि और (ii) स्थानापन्न वस्तुएँ; जैसे-चाय कॉफी। सम्बन्धित वस्तुओं की कीमतें भी वस्तु की मांग को प्रभावित करती हैं; जैसे-डबल रोटी महँगी होने पर मक्खन की मांग भी घट जायेगी। इसी प्रकार चाय महँगी होने पर कॉफी की मांग बढ़ जायेगी।

5. अन्य तत्व- वस्तु की मांग को उपरोक्त तत्वों के अतिरिक्त अन्य तत्व भी प्रभावित करते है; जैसे-जनसंख्या में परिवर्तन, व्यापार चक्रों के कारण, भविष्य में कीमत परिवर्तन की संभावना, जलवायु में परिवर्तन, समाज में धन वितरण के स्वरूप में परिवर्तन आदि।

प्रश्न 5. मांग के नियम के लागू होने के क्या कारण हैं? समझाइए। अथवा मांग वक्र दाये-नीचे की ओर क्यों झुकता है?
उत्तर: मांग वक्र दाये-नीचे की ओर झुकने अथवा मांग के नियम के लागू होने के निम्न कारण हैं

1. उपयोगिता ह्रास नियम का लागू होना- मांग का नियम सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम पर आधारित है। इस नियम के अनुसार जैसे-जैसे किसी वस्तु की अगली इकाई का प्रयोग किया जाता है वैसे-वैसे उसकी सीमान्त उपयोगिता घटने लगती है। कोई भी उपभोक्ता सीमान्त उपयोगिता से ज्यादा कीमत नहीं दे सकता है। अतः वस्तु की अतिरिक्त मात्रा मूल्य कम होने पर ही खरीदी जाती है। क्योंकि कीमत कम होने पर ही उपभोक्ता द्वारा अगली इकाई को खरीदना लाभप्रद होता है। इस कारण कम कीमत में अधिक मांग होती है तथा ऊँची कीमत पर मांग कम होती है। इसी विशेषता को दायें नीचे की ओर झुकता हुआ मांग वक्र दर्शाता है।

2. प्रतिस्थापन प्रभाव- जब किसी वस्तु की कीमत गिरती है तो अन्य वस्तुओं की तुलना में जिनके मूल्य में कोई कमी नहीं हुई है यह वस्तु सस्ती हो जाती है। इस कारण लोग इस वस्तु का दूसरी वस्तुओं, जो अपेक्षाकृत महँगी हैं, के स्थान पर प्रयोग करने लगते हैं अर्थात् दूसरी वस्तुओं के स्थान पर इसका प्रतिस्थापन करने लगते हैं। इससे इस वस्तु की मांग बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए यदि चाय महँगी हो जाये और कॉफी के मूल्य में कोई बदलाव हो तो यह बात निश्चित है कि कुछ लोग चाय के स्थान पर कॉफी का सेवन करने लगेंगे। इससे कॉफी की मांग बढ़ जायेगी तथा चाय की मांग गिर जायेगी।

3. आय प्रभाव- किसी वस्तु की कीमत में यदि कमी होती है तो इससे उपभोक्ता की वास्तविक आय बढ़ती जाती है।ऐसी अवस्था में उपभोक्ता बढ़ी आय का कुछ हिस्सा उस वस्तु की और मात्रा खरीदने पर खर्च करने लगेगा जिससे उस वस्त की मांग बढ़ जायेगी, इसे आय प्रभाव कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि एक किलो चीनी की कीमत में ₹40 से घटकर ₹30 हो जाये तो उपभोक्ता द्वारा यदि 1 किलों चीनी खरीदी जाती थी तो उसकी वास्तविक आय ₹10 बढ़ जायेगी। अब वह इस बढ़ी हुई आय अर्थात् ₹10 में से ₹7.5 चीनी पर और खर्च करके 1.25 किलोग्राम चीनी खरीद सकता है तथा शेष ₹2.5 को किसी और वस्तु खरीदने पर व्यय कर सकता है। अतः आय प्रभाव के कारण भी वस्तु की कीमत में कमी होने पर वस्तु की मांग बढ़ जाती है।

4. नये क्रेताओं का प्रवेश तथा पुराने क्रेताओं का बहिर्गमन जब किसी वस्तु की कीमत में कमी हो जाती है तो कुछ नये क्रेता भी उस वस्तु को खरीदने लगते हैं जो पहले नहीं खरीद पा रहे थे। इससे उस वस्तु की मांग बढ़ जाती है। इसके विपरीत जब किसी वस्तु की कीमत बढ़ जाती है तो कुछ क्रेता उस वस्तु को खरीदना बंद कर देते हैं और बाजार से बाहर हो जाते हैं जिससे उस वस्तु की मांग कम हो जाती है।

प्रश्न 6. वैयक्तिक मांग वक्र तथा बाजार मांग वक्र को रेखाचित्रों की सहायता से समझाइए।
उत्तर: वैयक्तिक मांग वक्र (Individual Demand Curve) – वैयक्तिक मांग वक्र एक उपभोक्ता द्वारा वस्तु के विभिन्न मूल्यों पर उसकी मांगी जाने वाली मात्रा को दर्शाता है। इसका निर्माण वैयक्तिक मांग तालिका के आधार पर किया जाता है। जब हम वैयक्तिक मांग तालिका को ग्राफ पर प्रस्तुत करते हैं तो हमें मांग वक्र प्राप्त होता है। नीचे एक उपभोक्ता की काल्पनिक मांग तालिका दी गई है

उपरोक्त चित्र में DD मांग वक्र है जिसके प्रत्येक बिन्दु से विभिन्न मूल्यों पर मांगी जाने वाली मात्रा स्पष्ट होती है। जैसे-यदि कीमत के ₹10 प्रति किग्रा है तो वस्तु की मांग 50 किग्रा है। जब कीमत बढ़कर 20 30 हो जाती है तो मांग घटकर क्रमशः 40 30 किग्रा रह जाती है। यह मांग वक्र विभिन्न कीमतों पर किसी उपभोक्ता विशेष की मांग को दर्शाता है।

बाजार मांग वक्र (Market Demand Curve)
बाजार मांग वक्र का निर्माण बाजार मांग तालिका के आधार पर हो सकता है। इसके लिए विभिन्न उपभोक्ताओं की विभिन्न मूल्यों पर किसी समय विशेष पर की जाने वाली मांग को जोड़ कर बाजार मांग ज्ञात की जाती है। इसे निम्न तालिका में दिखाया गया है


बाजार मांग वक्र वैयक्तिक मांग वक्रों के क्षैतिज योग से प्राप्त होता है। चित्र में है ₹10 कीमत पर A की मांग 300 किग्रा तथा B की मांग 250 किग्रा है तो इस कीमत पर बाजार मांग 300 + 250 = 550 किग्रा. हुई। इसी तरह अन्य कीमतों पर भी बाजार मांग को निकाला जा सकता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. यदि कार की कीमत बढ़ जाये तो पेट्रोल की मांग
() बढ़ेगी
() घटेगी
() स्थिर रहेगी
() इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 2. मांग का नियम किसे कहते हैं?
() जब मांग के बढ़ने से कीमत बढ़े
() जब मांग के घटने से कीमत घटे।
() जब अन्य बातें समान रहने पर वस्तु की कीमत में परिवर्तन से उसकी मांग की मात्रा में विपरीत दिशा में परिवर्तन हो,
() जब कीमत घटने से मांग की मात्रा में वृद्धि हो

प्रश्न 3. किसी वस्तु की मांग प्रभावित होती है
() उस वस्तु की कीमत से।
() उपभोक्ता कीआय से।
() उपभोक्ता की पसंद से
() उपरोक्त सभी से

प्रश्न 4. यदि चाय की कीमत बढ़ जाये तो कॉफी की मांग
() घटेगी
() बढ़ेगी।
() स्थिर रहेगी
() उपर्युक्त से कोई नहीं

प्रश्न 5. अगर देश में आय का वितरण असमान है तो मांग ज्यादा होगी
() आवश्यक आवश्यकता की वस्तुओं की
() आरामदायक आवश्यकता की वस्तुओं की
() विलासपूर्ण आवश्यकता की वस्तुओं की
() उपर्युक्त सभी की

प्रश्न 6. मांग वक्र में विवर्तन होता है
() वस्तु की कीमत में परिवर्तन के कारण
() उपभोक्ता की आय में परिवर्तन के कारण
() बिना किसी कारण
() उपर्युक्त में से कोई नहीं

प्रश्न 1. वस्तु की मांग, वस्तु की कीमत एवं उसकी मांगी जाने वाली मात्रा के बीच ………… सम्बन्ध को बताती है।
() धनात्मक
() अनन्त
() शून्य
() प्रतिलोम

प्रश्न 2. बाजार मांग वक्र व्यक्तिगत मांग वक्रों के ………… जोड़ से प्राप्त होता है।
() क्षैतिज
() लम्बवत्
() तिरछी
() इनमें से कोई नहीं

प्रश्न 3. मांग का विस्तार संकुचन निम्न में से किसके द्वारा होता है?
() उस वस्तु की कीमत में बदलाव के कारण
() अन्य वस्तुओं की कीमत में बदलाव के कारण
() उपभोक्ता की रुचि पसन्द बदलने पर
() उपरोक्त की आय में बदलाव के कारण

प्रश्न 4. यदि किसी वस्तु का मांग फलन Dx = 35-4Px से दिया जाता है ₹5 प्रति इकाई कीमत पर वस्तु की मांग होगी
() 20
() 15
() 35
() 0

प्रश्न 5. मांग का नियम कौन-सी वस्तुओं पर लागू नहीं होता है?
() गिफिन वस्तुओं
() सामान्य वस्तुओं
() स्थानापन्न वस्तुओं
() पूरक वस्तुओं



JCERT/JAC REFERENCE BOOK

विषय सूची

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची


Economics Group-A

1. व्यष्टि अर्थशास्त्र परिचय (Micro Economics Introduction)

2. उपभोक्ता का संतुलन (Consumer's Equilibrium)

3. उपभोक्ता व्यवहार एवं माँग (Consumer Behavior and Demand)

4. उपभोग फलन (Consumption Function)

5. उत्पादक व्यवहार एवं पूर्ति (Consumer Behavior and Supply)

6. मांग की अवधारणा (Concept of Demand)

7. मांग की कीमत लोच (Price Elasticity of Demand)

पूर्ति की अवधारणा (Concept of Supply)

9. उत्पादन फलन (Production Function)

10. उत्पादन की अवधारणा (Concept of Production Function)

11. लागत की अवधारणा (Concepts of Cost)

12. फर्म का संतुलन (Firm’s Equilibrium)

13. आगम की अवधारणा (Concepts of Revenue)

14. बाजार सन्तुलन (Market Equilibrium)

15. बाजार के स्वरूप (प्रकार) एवं मूल्य निर्धारण (Forms of Market and Price Determination)

16. बाजार के अन्य स्वरूप (Other Forms of Markets)

17 पूर्ण प्रतियोगी बाजार (Perfect Competition Markets)

Economics Group-B

समष्टि अर्थशास्त्र का परिचय (Introduction to Macroeconomics)

राष्ट्रीय आय का लेखांकन (Accounting of National Income)

मुद्रा और बैंकिंग (Money and Banking)

1.राष्ट्रीय आय(National Income)

2.राष्ट्रीय आय (National Income)

3. राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित समुच्चय (Aggregates related to national income) 

4. राष्ट्रीय आय का मापन (National Income Measurement)

5. आय एवं रोजगार का निर्धारण (Determination of Income And Employment)

6. मुद्रा एवं बैंकिंग (Money and Banking)

7. केन्द्रीय बैंक: कार्य एवं साख नियन्त्रण (Central Bank: Functions & Credit Control)

8. मुद्राः अर्थ, कार्य एवं महत्त्व (Money: Meaning, Functions and Importance)

9. भुगतान संतुलन (Balance of Payment)

10. सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था (Government Budget and The Economy)

11. Government_Budget_And_Economy

12. Commercial-Banks (व्यापारिक बैंकः अर्थ एवं कार्य)

13. Concepts-of-Excess-Deficient-Demand(अधिमाँग एवं न्यून माँग अवधारणा )

14, Income-Production-Determination(आय-उत्पादन का निर्धारण )

15. Foreign Exchange Rate (विदेशी विनिमय दर)

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