Class 12 Geography Jac Model Paper Solution 2024-25

Class 12 Geography Jac Model Paper Solution 2024-25

Class 12 Geography Jac Model Paper Solution 2024-25

वार्षिक परीक्षा (2024-25)

झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची

मॉडल प्रश्न पत्र (वस्तुनिष्ठ)

कक्षा-12

विषय- भूगोल

समय 1.5 घंटा

पूर्णांक- 25

सामान्य निर्देश:-

> कुल 25 प्रश्न हैं।

> सभी प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य हैं।

> प्रत्येक प्रश्न के लिए। अंक निर्धारित है।

> प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प का चयन कीजिये।

> गलत उत्तर के लिए कोई अंक नहीं काटे जाएंगे।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1) संभववाद की अवधारणा में किस घटक को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है?

a. मानवीय घटक

b. प्राकृतिक घटक

c. मानवीय एवं प्राकृतिक घटक दोनों

d. इनमें से कोई नहीं

2) मेगा नगर की जनसंख्या कितनी होती है?

a. 10 लाख

b. 50 लाख से अधिक

c. 1 करोड़

d. 1 लाख

3) विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या केंद्रित है।

a) पर्वतीय क्षेत्रों में

b) मैदानों में

c) पठार में

d) मरुस्थल में

4) भारतीय जनगणना इतिहास में किस वर्ष को ग्रेट डिवाइड की संज्ञा दी गई है?

a) 1911

b)1981

c) 1951

d)1921

5) मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है?

a. प्रो. अमर्त्य सेन

b. डॉ. महबूब उल हक

c. ऐलन सी. सेम्पल

d. रेटजेल

6) निम्न में से किस कृषि प्रकार का विकास यूरोपीय औपनिवेशिक समूह द्वारा किया गया?

a. कोलखहोज

b. पुष्पोत्पादन

c. मिश्रित कृषि

d. रोपण कृषि

7) हॉर्टिकल्चर किसके उत्पादन से संबंधित है?

a. फूल से

b. दाल से

c. अन्न से

d. फल और सब्जी से

8) निम्न में से कौन सा रोपण कृषि नहीं है?

a. कॉफी

b. गन्ना

c. गेहूं

d. रबड़

9) निम्न में से कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है?

a. पूंजीवादी

b. मिश्रित

c. समाजवाद

d. इनमें से कोई नहीं

10) जापान का डेट्रायट किसे कहा जाता है?

a. टोक्यो

b. नगोया

c. नागासाकी

d. ओसाका

11) नई औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई?

a. 1990

b. 1991

c. 1992

d. 1993

12) एक विकसित अर्थव्यवस्था में, जनसंख्या का बड़ा अनुपात किस पर निर्भर करता है?

a. प्राथमिक क्षेत्र

b. द्वितीयक क्षेत्र

c. तृतीयक क्षेत्र

d. चतुर्थक क्षेत्र

13) कील नहर कहाँ स्थित है?

a. ब्रिटेन

b. जर्मनी

c. बेल्जियम

d. रूस

14) जल किस प्रकार का संसाधन है?

a) अनवीकरणीय

b) चक्रीय संसाधन

c) जैव संसाधन

d) a और b दोनों

15) आर्द्र कृषि में कितनी वार्षिक वर्षा आवश्यक है?

a) 25 सेंटीमीटर से कम

b) 25 से 50 सेंटीमीटर

c) 75 सेंटीमीटर से अधिक

d) इनमें से कोई नहीं

16) अंकलेश्वर खनिज तेल क्षेत्र कहाँ स्थित है?

a) गुजरात

b) महाराष्ट्र

c) असम

d) तमिलनाडु

17) विश्व का सबसे व्यस्त समुद्री मार्ग कौन सा है?

a. उत्तरी अटलांटिक

b. प्रशांत महासागर

c. हिन्द महासागर

d. दक्षिण अटलांटिक

18) WTO का मुख्यालय कहाँ है?

a. जेनेवा

b. जकार्ता

c. वियाना

d. मान्टेवीडियो

19) कोच्चि पत्तन कहाँ अवस्थित है?

a. कर्नाटक में

b. ओडिशा में

c. केरल में

d. तमिलनाडु में

20) किस पंचवर्षीय योजना में समाजवादी समाज की स्थापना का प्रतिरूप प्रस्तुत किया गया?

a) प्रथम

b) द्वितीय

c) तृतीय

d) चतुर्थ

21) निम्नलिखित में से कौन सा भू-उपयोग संवर्ग नहीं है?

a) परती भूमि

b) सीमांत भूमि

c) निवल बोया गया क्षेत्र

d) कृषि योग्य व्यर्थ भूमि

22) जल संसाधनों का संरक्षण क्यों जरूरी है?

a) जल अनुपलब्धता से बचने के लिए

b) निरंतर बढ़ती मांग के लिए

c) स्थानिक और ऋतुवत् असमनाता के कारण

d) इनमें से सभी

23) हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर गैस पाइपलाइन किस राज्य से होकर नहीं गुजरती है?

a. महाराष्ट्र

b. गुजरात

c. मध्य प्रदेश

d. उत्तर प्रदेश

24) किस औद्योगिक नीति में उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया गया?

a. 1991

b. 1952

c. 1948

d. 1989

25) 'द लिमिट टू ग्रोथ' के लेखक कौन है?

a. एहरलिच

b. मीडोज

c. महात्मा गांधी

d. फ्रेडरिक रेटजेल

मॉडल प्रश्न पत्र (वस्तुनिष्ठ)

सामान्य निर्देश (General Instruction)

> परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर दें।

> कुल प्रश्नों की संख्या 23 है।

> प्रश्न संख्या 1 से प्रश्न संख्या 9 तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न है। इनमें से किन्ही सात प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 50 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 1 अंक निर्धारित है।

> प्रश्न संख्या 10 से प्रश्न संख्या 17 तक लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्हीं 6 प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित है।

> प्रश्न संख्या 18 से प्रश्न संख्या 23 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्ही 4 प्रश्नों के उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दीजिए। प्रत्येक प्रश्न का 5 अंक निर्धारित है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. मानव भूगोल को परिभाषित करें।

उत्तर- भौतिक वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं के अंतसंबंधों तथा विभिन्नताओं का अध्ययन करना ही मानव भूगोल है। रेटजेल के अनुसार, 'मानव भूगोल मानव समाजों और धरीतल के मध्य संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है।"

2. मानव विकास के तीन बुनियादी आयाम कौन से हैं?

उत्तर- लंबा और स्वस्थ जीवन; ज्ञान और एक सभ्य जीवन स्तर

3. चलवासी पशुचारण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- इस प्रकार की कृषि में पशुचारक अपने पशुओं के साथ-साथ चारे और पानी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर निश्चित मार्गों से घूमते हैं।

4. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।

उत्तर- स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को चार भागों में बांटा जा सकता है: सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग, निजी क्षेत्र के उद्योग, संयुक्त क्षेत्र के उद्योग, सहकारी क्षेत्र के उद्योग।

5. तृतीयक क्रियाकलाप से आप क्या समझते है?

उत्तर- तृतीयक क्रियाकलाप वे कार्य या सेवाएँ हैं जो पदार्थों के उत्पादन से भिन्न हैं और जो भौतिक पदार्थों का निर्माण, प्रसंस्करण प्रत्यक्ष रूप से नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए; शिक्षक, व्यापारी, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, धोबी, प्लम्बर आदि की सेवाएँ तृतीयक क्रियाकलाप में आती हैं।

6. स्वेज नहर किन दो सागरों को जोड़ती हैं?

उत्तर- भूमध्य सागर - लाल सागर

7. जनसंख्या वृद्धि को परिभाषित करें?

उत्तर- जनसंख्या वृद्धि किसी क्षेत्र में लोगों की संख्या में वृद्धि है।

8. फसल शस्य गहनता से क्या तात्पर्य है?

उत्तर- शस्य गहनता का अर्थ यह है कि एक खेत में एक वर्ष में कितनी बार फसलें ली जाती है।

9. भारत के पूर्वी तट पर स्थित किन्हीं चार पत्तनों के नाम लिखें।

उत्तर- चेन्नई, कोलकाता, पारादीप, विशाखापत्तनम

लघु उत्तरीय प्रश्न

10. प्रवास के प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक में अन्तर

प्रतिकर्ष कारक

अपकर्ष कारक

1. जिन कारणों की वजह से जनसंख्या अन्य क्षेत्रों की तरफ पलायन/प्रवास करती है, 'अपकर्ष कारक' कहलाते हैं।

जो कारक जनसंख्या को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं, 'प्रतिकर्ष कारक' कहलाते हैं।

2. प्रमुख प्रतिकर्ष कारक - बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएँ, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक आपदाएँ, महामारियाँ आदि।

प्रमुख अपकर्ष कारक- रोजगार के अवसर, रहन-सहन की अच्छी दशाएँ, शान्ति एवं स्थायित्व, जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा, उत्तम जलवायु आदि।

प्रतिकर्ष कारकों से किसी क्षेत्र की जनसंख्या का आकार छोटा होता जाता है।

अपकर्ष कारकों से किसी क्षेत्र की जनसंख्या का आकार बड़ा होता जाता है।

11. उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग का वर्णन करें।

उत्तर- निर्माण क्रियाओं में उच्च प्रौद्योगिकी नवीनतम पीढ़ी है। इसमें उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादकों का निर्माण गहन शोध एवं विकास के प्रयोग द्वारा किया जाता है। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में यन्त्र, कम्प्यूटर आधारित डिजायन तथा निर्माण, धातु पिघलाने एवं शोधन के इलेक्ट्रॉनिक नियन्त्रण एवं नये रासायनिक व औषधीय उत्पाद महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

12. भारत में पाइपलाइन परिवहन के पाँच लाभ बताएँ।

उत्तर- भारत में पाइपलाइन परिवहन के पाँच लाभ निम्न हैं -

1. पाइप लाइनों द्वारा जल, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि तरल एवं प्रवाही पदार्थों का लम्बी दूरी तक परिवहन अत्यधिक सुविधापूर्वक एवं सक्षम ढंग से किया जाता है।

2. इसके संचालन तथा रखरखाव में बहुत कम व्यय होता है।

3. यह परिवहन माध्यम परिवहन के अन्य अन्य सभी माध्यमों से सस्ता है तथा

4. इसके द्वारा ठोस पदार्थों को भी द्रवीय अवस्था में परिवर्तित कर परिवहित किया जा सकता है।

5. यह प्रदूषण रहित परिवहन का साधन है।

13. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार उत्पादन में विशिष्टीकरण का परिणाम है। यदि विभिन्न देश वस्तुओं के उत्पादन या सेवाओं की उपलब्धता में श्रम विभाजन तथा विशेषीकरण को प्रयोग में लाते हैं तो अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को लाभ प्रदान करता है। इस प्रकार का विशिष्टीकरण व्यापार को जन्म दे सकता है।

इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार वस्तुओं और सेवाओं के तुलनात्मक लाभ, परिपूरकता व हस्तांतरणीयता के सिद्धांतों पर आधारित होता है। सिद्धांततः यह व्यापारिक भागीदारी समान रूप से लाभदायक होनी चाहिए। वर्तमान समय में व्यापार विश्व के आर्थिक संगठनों का आधार बन गया है तथा यह राष्ट्रों की विदेश नीति से सम्बन्धित हो गया है। आज सुविकसित परिवहन एवं संचार प्रणाली से युक्त कोई भी देश अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में हिस्सेदारी से मिलने वाले लाभों को छोड़ने का इच्छुक नहीं है।

14. भारत के जनसंख्या वितरण प्रतिरूप का वर्णन करें।

उत्तर- भारत में जनसंख्या वितरण का प्रारूप देश की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक, और ऐतिहासिक कारकों से प्रभावित होता है। जनसंख्या वितरण का विश्लेषण करने से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि विभिन्न क्षेत्रों में जनसंख्या कैसे फैली हुई है और किन कारणों से विभिन्न स्थानों पर जनसंख्या की घनत्व में भिन्नता होती है। यहाँ भारत में जनसंख्या वितरण के प्रारूप का विवरण प्रस्तुत है:

1. भौगोलिक वितरणः

उत्तरी क्षेत्रः उत्तरी भारत में, विशेषकर गंगा नदी के मैदानी क्षेत्रों में, जनसंख्या घनत्व अधिक है। यहाँ के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल में जनसंख्या की संख्या अधिक है।

• दक्षिणी क्षेत्रः दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश में भी जनसंख्या घनत्व अधिक है, लेकिन यहाँ के ग्रामीण r क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम घनत्व है।

• पश्चिमी क्षेत्रः गुजरात और महाराष्ट्र में जनसंख्या घनत्व मध्यम है,खासकर शहरी क्षेत्रों में।

• पूर्वी क्षेत्र: ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी जनसंख्या घनत्व अधिक है, जहाँ औद्योगिक और कृषि गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्रः असम, मेघालय, और अरुणाचल प्रदेश जैसे उत्तर- पूर्वी राज्यों में जनसंख्या घनत्व अपेक्षाकृत कम है।

2. जनसंख्या घनत्वः

भारत में औसत जनसंख्या घनत्व लगभग 450 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, लेकिन यह विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न है। जैसे, दिल्ली, मुंबई, और कोलकाता जैसे महानगरों में जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है, जबकि थार रेगिस्तान और हिमालयी क्षेत्रों में यह कम है।

3. शहरी और ग्रामीण वितरण:

शहरी क्षेत्रः भारत की जनसंख्या का लगभग 34% शहरी क्षेत्रों में निवास करता है। बड़े शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, और हैदराबाद में जनसंख्या घनत्व अत्यधिक है।

ग्रामीण क्षेत्रः लगभग 66% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ये क्षेत्र कृषि पर आधारित होते हैं और जनसंख्या वितरण में विविधता देखी जाती है।

(4) सामाजिक और आर्थिक कारकः

• अर्थव्यवस्थाः औद्योगिक और आर्थिक विकास के केंद्रों के आसपास जनसंख्या अधिक होती है। जैसे, औद्योगिक क्षेत्र जैसे सूरत, अहमदाबाद, और पुणे में जनसंख्या अधिक है।

• सामाजिक संरचनाः जातीयता, धर्म, और समुदाय के आधार पर भी जनसंख्या वितरण में भिन्नता देखी जाती है। कुछ क्षेत्रों में विशेष जातियाँ और समुदाय अधिक संख्या में होते हैं।

5. अन्य कारकः

जलवायुः जलवायु का भी जनसंख्या वितरण पर प्रभाव पड़ता है। उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में जनसंख्या अधिक होती है, जबकि शुष्क और ठंडे क्षेत्रों में कम होती है।

परिवहन और आधारभूत संरचनाः अच्छी परिवहन व्यवस्था और आधारभूत संरचना वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है।

6. जनसंख्या की वृद्धि दरः

भारत की जनसंख्या वृद्धि दर पिछले कुछ दशकों में घट रही है, लेकिन अभी भी यह कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। उच्च जन्म दर वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व तेजी से बढ़ रहा है, जबकि विकसित क्षेत्रों में यह स्थिर हो गया है।

15. भारत की पल्ली और परिक्षिप्त ग्रामीण बस्तियों में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

पल्ली बस्तियाँ :

● कई बार बस्ती भौतिक रूप से एक-दूसरे से पृथक अनेक इकाइयों में बँट जाती है किंतु उन सबका नाम एक रहता है।

● विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर पर पान्ना, पाड़ा, पाली, नगला, ढाँणी इत्यादि कहा जाता है।

● किसी विशाल गाँव का ऐसा खंडीभवन प्रायः सामाजिक एवं मानवजातीय कारकों द्वारा अभिप्रेरित होता है।

● ऐसे गाँव मध्य और निम्न गंगा के मैदान, छत्तीसगढ़ और हिमालय की निचली घाटियों में बहुतायत में पाए जाते हैं।

परिक्षिप्त बस्तियाँ :

● भारत में परिक्षिप्त अथवा एकाकी बस्ती प्ररूप सुदूर जंगलों में एकाकी झोपड़ियों अथवा कुछ झोपड़ियों की पल्ली अथवा छोटी पहाड़ियों को ढालों पर खेतों अथवा चरागाहों के रूप में दिखाई पड़ता है।

● इन बस्तियों का यह स्वरूप प्रायः भू-भाग और निवास योग्य क्षेत्रों के भूमि संसाधन आधार को अत्यधिक विखडित प्रकृति के कारण होता है।

● मेघालय, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केरल के अनेक भागों में बस्ती का यह प्रकार पाया जाता है।

16. भूतापीय ऊर्जा किसे कहते हैं? इसका क्या महत्व है?

उत्तर- पृथ्वी की भू-पर्पटी में गहराई के कुछ क्षेत्रों को 'तप्त स्थल' कहते हैं। जब भूमिगत जल (under ground water) इन तप्त स्थलों के सम्पर्क में आता है तो भाप उत्पन्न होती है जिसका उपयोग विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है। इस ऊर्जा को भू-तापीय ऊर्जा कहते हैं।

भूतापीय ऊर्जा का महत्व

भूतापीय ऊर्जा एक अत्यंत महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है, क्योंकि:

अक्षय ऊर्जा स्रोत: यह एक अक्षय ऊर्जा स्रोत है, जिसका अर्थ है कि यह कभी खत्म नहीं होगा।

लगातार उपलब्ध: यह दिन और रात, हर मौसम में उपलब्ध रहती है।

पर्यावरण के अनुकूल: इसका उपयोग करने से अन्य जीवाश्म ईंधनों की तुलना में बहुत कम प्रदूषण होता है।

स्थानीय रोजगार: भूतापीय ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण और संचालन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।

विभिन्न उपयोग: इसका उपयोग बिजली उत्पादन, भवनों को गर्म करने, कृषि और कई अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

17. भारत में सड़क तथा रेल परिवहन एक-दूसरे के पूरक हैं स्पष्ट करें।

उत्तर- सड़क तथा रेल परिवहन एक-दूसरे के पूरक है:

(क) सड़क परिवहन घर तथा रेलवे स्टेशन के बीच एक जोड़ है. क्योंकि यह घर-घर सेवाएँ उपलब्ध कराता है।

(ख) सड़क परिवहन खेतों तथा कारखानों को रेलवे स्टेशन से जोड़ता है। दूरवर्ती स्थानों पर से जायी जाने वाली वस्तुएँ स्टेशन तक ट्रकों में लाई जाती है।

(ग) रेल परिवहन भारी वस्तुओं के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि सड़क परिवहन ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी बाज़ार तक शीघ्र नष्ट हो जाने वाले उत्पादों (फल, सब्जियी, दूध तथा डेरी उत्पाद के परिवहन के लिए महत्त्वपूर्ण है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

18. उद्योगों के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?

उत्तर- वे कारक जो किसी उद्योग की स्थापना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उन्हें स्थानीयकरण के कारकों के रूप में जाना जाता है।

उद्योगों के स्थानीयकरण के प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं -

1. कच्चा मालः कच्चा माल किसी उद्योग का आधार है। कच्चा माल सुगमतापूर्वक पर्याप्त तथा सस्ते दर पर उपलब्ध होना चाहिए। जिन उद्योगों में प्रयुक्त कच्चा माल भारी, सस्ता तथा निर्माण के दौरान वजन कम हो जाता है, वे उद्योग कच्चे माल के स्त्रोत के समीप अवस्थित होते हैं। इसी प्रकार जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं से सम्बन्धित उद्योग फल, सब्जी दूध, मछली आदि कच्चे मालों के स्त्रोत के समीप ही स्थापित होते हैं। गैर-ह्रास मूल को उद्योग जैसे सूती वस्त्र उद्योग इनके कच्चे माल के स्त्रोत अथवा बाजार कहीं भी स्थापित किये जा सकते हैं। इससे परिवहन व्यय में कोई अन्तर नहीं आता है।

2. शक्ति के साधनः कोयला, पेट्रोलियम, जल विद्युत, प्राकृतिक गैस वे परमाणु ऊर्जा प्रमुख शक्ति संसाधन हैं। लौह-इस्पात उद्योग कोयले की खदानों के समीप स्थापित होते हैं। एल्युमिनियम उद्योग सस्ते जल विद्युत उत्पादक क्षेत्रों में स्थापित होते हैं। जल विद्युत तारों से सम्प्रेषण व पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस में पाइपलाइन सुविधाजनक है। अतएव उद्योगों में विकेन्द्रीकरण की प्रवृत्ति बढ़ रही है।

3. परिवहन व संचार के साधनंः परिवहन लागत का औद्योगिक इकाई की अवस्थिति में महत्वपूर्ण स्थान होता है। संचार साधनों का महत्त्व भी औद्योगिक विकास में सहायक है। अतएव इनकी सुलभता औद्योगीकरण को प्रभावित करती है।

4. बाजारः बाजार उद्योगों के स्थानीयकरण का प्रमुख कारक है। अधिक क्रय शक्ति तथा सघन आबादी उद्योगों के लिए। वृहद् बाजार उपलब्ध कराती हैं।

5. कुशल श्रमिकः यद्यपि वर्तमान समय में मशीनीकरण का बोलबाला है किन्तु उद्योगों में कुशल श्रमिकों की प्राप्ति उनकै स्थानीयकरण को प्रभावित करती है।

6. पूँजी: पूँजी उद्योगों की स्थापना में एक महत्वपूर्ण कारक है। विकासशील देशों में पूँजी की कमी के कारण आशातीत औद्योगिक विकास नहीं हो पाया है।

7. जलापूर्तिः कुछ ऐसे उद्योग हैं जिनमें जल की पर्याप्त आवश्यकता होती है। जैसे-कागज उद्योग, चमड़ा उद्योग आदि। ऐसे उद्योग किसी स्थायी जल स्त्रोत के समीप ही स्थापित किये जाते हैं।

8. जलवायुः उपयुक्त एवं स्वास्थ्यप्रद जलवायु श्रमिकों की कार्यक्षमता बढ़ाती है। इसके अलावा कुछ उद्योग ऐसे हैं। जिनके लिए विशिष्ट जलवायु आवश्यक होती है। जैसे-वस्त्र उद्योग के लिए आर्द्र जलवायु व सिनेमाउद्योग के लिए स्वच्छ, आकाश व सूर्यप्रकाश वाली जलवायु आदि।

9. उच्च तकनीकी: उच्च तकनीकी के द्वारा विनिर्माण की गुणवत्ता को नियंत्रित करने, अपशिष्टों के निस्तारण व प्रदूषण बचाव सम्भव है। अतः इसका अहम् योगदान रहता है। इन सभी कारकों के अलावा सरकारी नीतियाँ, सस्ती भूमि, राजनीतिक स्थिरता, बैंकिंग व बीमा सम्बन्धी सुविधाएँ भी। उद्योगों के स्थानीयकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कारक हैं।

19. आप उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण से क्या समझते हैं? इन्होंने भारत के औद्योगिक विकास में किस प्रकार से योगदान दिया है?

उत्तर- भारत में नई औद्योगिक नीति की घोषणा 1991 ई० में की गई जिसके अंतर्गत औद्योगिक विकास के क्षेत्र में उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीति अपनाई गई है

i. उदारीकरण (Liberalisation) इसका अर्थ है उद्योगों पर से प्रतिबंध हटाना। नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत औद्यौगिक लाइसेंस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। केवल सुरक्षा, सामरिक तथा पर्यावरणीय सरोकार से संबंधित केवल छः उद्योगों को इस व्यवस्था के लाभ से वंचित रखा गया है ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय उद्योग प्रतिस्पर्धा प्राप्त कर सकें।

ii. निजीकरण (Privatisation) – इसका अर्थ है उद्योगों की स्थापना में सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी कम करके निजी/ व्यक्तिगत भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए। इस नीति के अंतर्गत 1956 ई० से सार्वजनिक सेक्टर के अधीन सुरक्षित उद्योगों की संख्या 17 से घटाकर 4 कर दी गई है। देहली संपत्ति (Threshold) की सीमा समाप्त कर दी गई है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की अनुमति दे दी गई।

iii. वैश्वीकरण (Globalisation) - इसका अर्थ है देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना। इस व्यवस्था में समानता तथा पूँजी सहित सेवाएँ, श्रम व संसाधन एक देश से दूसरे देश में स्वतंत्रता पूर्वक पँहुचाए जा सकते हैं। नई औद्योगिक नीति के मुख्य उद्देश्यों के संदर्भ में इस नीति के लाभों को देखा जाना चाहिए जिनमें -

1. अब तक प्राप्त किए गए लाभ को बढ़ाना,

2. इसमें विकृति अथवा कमियों को दूर करना,

3. उत्पादकता और लाभकारी रोज़गार में स्वपोषित वृद्धि को बनाए रखना,

4. अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता प्राप्त करना। धीरे- धीरे ही सही, भारत अपनी नई औद्योगिक नीति के द्वारा औद्योगिकी विकास के पथ पर अग्रसर होता दिखाई पड़ रहा है।

20. भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय सुझाइए।

उत्तर- भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय

भू-निम्नीकरण, जिसमें भूमि की उत्पादकता और उर्वरता कम हो जाती है, आधुनिक समय की गंभीर समस्याओं में से एक है। इसे रोकने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं।

1. वृक्षारोपण और वनों का संरक्षण: वनों की कटाई रोककर और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके मिट्टी का कटाव रोका जा सकता है।

2. मिट्टी संरक्षण तकनीकः समोच्च खेती, पट्टीदार खेती और बहाव को नियंत्रित करने वाली तकनीकों को अपनाना प्रभावी है।

3. चराई पर नियंत्रणः पशुओं की अनियंत्रित चराई को रोकने के लिए नियोजित चराई प्रणाली लागू की जानी चाहिए।

4. जल संरक्षणः जल का प्रबंधन और रेनवाटर हार्वेस्टिंग से भू-क्षरण कम किया जा सकता है।

5. टिकाऊ खेती: जैविक खाद, फसल चक्र और मिट्टी परीक्षण आधारित कृषि पद्धतियों को अपनाना आवश्यक है।

6. आधुनिक तकनीक का उपयोगः रिमोट सेंसिंग और GIS तकनीक से प्रभावित क्षेत्रों का आकलन और समाधान किया जा सकता है।

7. सामाजिक जागरूकताः समुदाय को इस समस्या के प्रति जागरूक करना और सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना जरूरी है।

इन उपायों से न केवल मिट्टी का कटाव रोका जा सकता है, बल्कि पर्यावरण का संतुलन भी बना रहता है। इन उपायों को स्थानीय और वैश्विक स्तर पर लागू करके स्थायी विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।

21. सेवा सेक्टर में पर्यटन के महत्व को स्पष्ट कीजिए तथा पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्याा करें।

उत्तर- सेवा क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक प्रमुख स्रोत है और रोजगार सृजन में सहायक है। होटल, ट्रांसपोर्ट, गाइड, और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करता है।

पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारकः

1. भौगोलिक कारकः प्राकृतिक सुंदरता, जलवायु, और स्थलाकृति पर्यटन को आकर्षित करने वाले मुख्य तत्व हैं। जैसे कश्मीर, हिमालय और केरल।

2. सांस्कृतिक कारकः ऐतिहासिक धरोहर, धार्मिक स्थल और सांस्कृतिक परंपराएं पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। जैसे आगरा का ताजमहल और वाराणसी।

3. आर्थिक कारकः यात्रा का खर्च, गंतव्य पर आवास की लागत और सेवाओं की उपलब्धता पर्यटन की मांग को प्रभावित करती है।

4. सुविधा और आधारभूत ढांचाः अच्छी सड़कें, हवाईअड्डे, होटल, और स्थानीय परिवहन का मजबूत नेटवर्क पर्यटन को बढ़ावा देता है।

5. सामाजिक और राजनीतिक स्थितिः किसी क्षेत्र की सुरक्षा, स्थिरता, और शांति पर्यटकों के आगमन को सीधे प्रभावित करती है।

6. पर्यावरणीय स्थितिः प्रदूषण, स्वच्छता और प्राकृतिक आपदाएं भी पर्यटन को प्रभावित करती हैं।

इस प्रकार पर्यटन का सेवा क्षेत्र में न केवल आर्थिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है।

22. भारत में परिवहन के प्रमुख साधन कौन-कौन से हैं? इनके विकास को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।

उत्तर- व्यक्ति और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाली सेवा या सुविधा को परिवहन कहते हैं। इससे देश का सांस्कृतिक सामाजिक और नैतिक विकास का प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ता है। परिवहन के प्रमुख साधन के अंतर्गत स्थल परिवहन, जल परिवहन और वायु परिवहन आते हैं। स्थल परिवहन के अंतर्गत सड़क, रेलवे और पाइपलाइन आते हैं। जल परिवहन के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग और महासागरीय मार्ग आते हैं। वायु में चलने वाले यान, वायु परिवहन के अंतर्गत आते हैं।

परिवहन के विकास को प्रभावित करने वाले कारक निप्रलिखित हैं

(क) भौतिक कारक

भारत में प्राकृतिक विविधता पाई जाती है। देश के समतल भागो में सड़क और रेल मार्ग का विकास अधिक हुआ है जबकि पर्वतीय दलदली, बाढ़ प्रभावित, भूमि अपरदित क्षेत्रों में परिवहन का विकास कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है। अतः इन क्षेत्रों में सीमित विकास ही संभव हुआ है। सुदूर दुर्गम क्षेत्रों में परिवहन का अल्प विकास हुआ है।

(ख) जलवायु

भारत का पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्रों में तथा अधिक वर्षा वाले पूर्वोत्तर क्षेत्रों तथा पश्चिमी घाट के असमतल व पर्वतीय क्षेत्रों में सीमित स्तर पर ही स्थल यह परिवहन मार्गों का विकास हो पाया है।

(ग) आर्थिक कारक

देश में आर्थिक रूप से सपत्र क्षेत्रों में सड़क व रेल मार्ग का उच्च घनत्व पाया जाता है जबकि आर्थिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों में स्थलीय परिवहन मार्गों का घनत्व न्यूनतम है। नगरीय और औद्योगिक विकसित क्षेत्रों में परिवहन की बेहतर सुविधा पाई जाती है, जबकि पिछड़े क्षेत्रों में परिवहन का विकास बहुत कम दिखाई पड़ता है।

(घ) प्रशासनिक कारक

अच्छी प्रशासनिक सुविधाओं वाले राज्य में परिवहन के तंत्र का विकास अधिक एवं बेहतर गुणों वाली पाई जाती है। परिवहन को प्रभावित करने वाले कुछ अन्य कारकों के अंतर्गत जनसंख्या घनत्व, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक तथा राजनीतिक कारक का भी प्रभाव पड़ता है।

23. दिए गए विश्व के चित्र पर निम्नांकित जगहों को चिन्हित करें।

a. स्वेज नहर

b. श्रीलंका

c. न्यूजीलैण्ड

d. बंगाल की खाड़ी

e. ग्रीनलैण्ड

Class 12 Geography Jac Model Paper Solution 2024-25

Geography












































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