Project PARAKH Class-12th History Model Set-3 Questions-cum-Answer Booklet (2024-25)

Project PARAKH Class-12th History Model Set-3 Questions-cum-Answer Booklet (2024-25)

 Project PARAKH Class-12th History Model Set-3 Questions-cum-Answer Booklet (2024-25)

 प्रोजेक्ट परख (तैयारी उड़ान की)

Class 12 विषयः- इतिहास

Set-3 मॉडल प्रश्न पत्र

वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा-2025

सामान्य निर्देश

परीक्षार्थी यथा संभव अपने शब्दो में उत्तर दें।

सभी प्रश्न अनिवार्य है। कुल प्रश्नों की संख्या 52 है।

खण्डवार निर्देश को ध्यान में रखकर अपने उत्तर दें।

खण्ड क- बहुविकल्पीय प्रश्न

इस खंड में कुल 30 प्रश्न है। सभी प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प है सही विकल्प का चयन करें। प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित हैं।

1. निम्न में से कौन सा स्थल भोगवा नही के तट पर है ?

(क) हड़प्पा

(ख) मोहन जोदड़ो

(ग) मोहन जोदडो

(घ) कालीबंगा

2. हडप्पा सभ्यता की खोज का जनक किसे माना जाता है ?

(क) कनिंघम

(ख) राखलदास बनर्जी

(ग) दया राम साहनी

(घ) लाल एंव आययर

3. सिंधु घाटी का एक मात्र बंदरगाह का स्थल कौन सा है ?

(क) हड़प्पा

(ख) लोथल

(ग) मोहनजोदड़ो

(घ) काली गंगा

4. बोद्ध साहित्य के अनुसार महाजनपदो की संख्या कितनी थी ?

(क) 13

(ख) 14

(ग) 15

(घ) 16

5. अशोक के अभिलेख को सर्वप्रथम किसने पढ़ा था ?

(क) जॉन मार्शल

(ख) जैम्स प्रिंसेप

(ग) कनिंघम

(घ) मैंके

6. निम्न मे से कौन सा रचना मेगास्थनीज का है ?

(क) मृच्छकाटिकम

(ख) चरक संहिता

(ग) इंडिका

(घ) रेहल्ला

7. महाभारत का युद्ध कितने दिनो तक चला था ?

(क) 18

(ख) 16

(ग) 8

(घ) 28

8. हीन यान महायान किस धर्म से संबंधित है ?

(क) बौद्ध

(ख) जैन

(ग) इसाई

(घ) सनातन

9. साँची का स्तूप किस राज्य में है ?

(क) आंध्र प्रदेश

(ख) उत्तर प्रदेश

(ग) बिहार

(घ) मध्य प्रदेश

10. गौतम बुद्ध का जन्म कहाँ हुआ था ?

(क) लुम्बिनी

(ख) कुरु क्षेत्र

(ग) कौशल

(घ) पावापुरी

11. थेरवाद किस धर्म से संबंध है ?

(क) जैन

(ख) बौद्ध

(ग) इस्लाम

(घ) हिन्दू

12. पुराणो की संख्या कितनी है ?

(क) 10

(ख) 12

(ग) 17

(घ) 18

13. अल-बरुणी किसके साथ भारत आया था ?

(क) मो० गजनवी

(ख) मो० बिनतुगलक

(ग) मो० गौरी

(घ) सिकन्दर

14. इब्नबतूता ने किस पुस्तक की रचना की ?

(क) किताब-उल-हिन्द

(ख) रेहला

(ग) बाबरनामा

(घ) आइन-ए-अकतरी

15. पीर का क्या अर्थ है ?

(क) गुरु

(ख) ईश्वर

(ग) उलेमा

(घ) मौलवी

16. सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती का दरगाह कहाँ है ?

(क) दिल्ली

(ख) पटना

(ग) अजमेर

(घ) मेरठ

17. अलवार संप्रदाय का अराध्य देव कौन है ?

(क) राम

(ख) शिव

(ग) विष्णु

(घ) महावीर

18. हरिहर किस वंश से संबंधित है ?

(क) संगम

(ख) सुलुत

(ग) तुलुत

(घ) अरविड

19. अमुक्ता मल्याद की रचना किसने किया था ?

(क) बुक्का-।

(ख) हरिहर -1

(ग) रामराय

(घ) कृष्ण देवराय

20. हर्षचरित की रचना किसने किया था ?

(क) वाणभट

(ख) हर्षवर्द्धन

(ग) कनिष्क

(घ) मेगस्थानीज

21 संथाल विद्रोह कब हुआ था ?

(क) 1853

(ख) 1855

(ग) 1857

(घ) 1859

22. दामिन-ए-कोह क्या है ?

(क) उपधि

(ख) जागीर

(ग) भूमि

(घ) मटूआ

23. 1857 ई0 के विद्रोह किस तिथि को निर्धारित थी ?

(क) 28 मई

(ख) 21 मई

(ग) 30 जून

(घ) 05 मार्च

24. सहायक संधि किसने प्रारंभ किया था ?

(क) रावर्ट क्लाईव

(ख) डलहौजी

(ग) वारेन हेस्टिंग्स

(घ) बेलेजली

25. चौरी-चौरा कांड कब हुआ था ?

(क) 05 जनवरी 1922

(ख) 06 फरवरी 1922

(ग) 07 फरवरी 1922

(घ) 04 फरवरी 1922

26. महात्मा गाँधी का राजनीतिक गुरु कौन थे ?

(क) लोमान्य तिलक

(ख) लाला लाजपत राय

(ग) गोपाल कृष्ण गोखले

(घ) KM मुंशी

27. असहयोग आंदोलन किस वर्ष हुआ था।

(क) 1920-22

(ख) 1922-24

(ग) 1924-26

(घ) 1926-28

28. प्रथम गोलमेज सम्मेलन कब हुआ था।

(क) 1930

(ख) 1931

(ग) 1932

(घ) 1933

29. संविधान सभा में कूल कितने सदस्य थे।

(क) 289

(ख) 389

(ग) 489

(घ) 465

30. प्रारुप समिति का अध्यक्ष कौन थे ?

(क) डा० राजेन्द्र प्रसाद

(ख) पं० जवाहर लाल नेहरु

(ग) महात्मा गाँधी

(घ) डा० भीमराव अंबेदकर

खण्डः-ख अति लघुउत्तरीय प्रश्न

किन्ही छः प्रश्नो का उत्तर दें 2X6=12

31. सिंधु घाटी सभ्यता का भौगोलिक आकार कैसा था ?

उत्तर- त्रिभुजाकार था

32. कालीबंगा किस राज्य में है?

उत्तर- राजस्थान

33. अशोक का अभिलेख पहली बार कब पढा गया था ?

उत्तर- 1837 ई० में

34. भारत छोडो आंदोलन कब प्रारंभ हुआ था ?

उत्तर- 08 अगस्त 1942 को

35. नालंदा विश्व विद्यालय किस राज्य में है ?

उत्तर- बिहार राज्य में

36. संथाल विद्रोह का नायक कौन था ?

उत्तर- सिददू कान्हु

37. अमरावती का स्तूप किस राज्य में है ?

उत्तर- आंध्रप्रदेश

38. विजयनगर साम्राज्य किस नदी के बीच था ?

उत्तर- कृष्णा और तुंगभुद्रा नदी के दोआब में

खण्डः- ग लघुउत्तरीय प्रश्न

किन्ही छः प्रश्नो का उत्तर दें 3X6=18

39. हड़प्पा सभ्यता कांस्युगीन थे कैसे ?

उत्तर- पहली बार कांसे के प्रयोग का प्रमाण सिंधु घाटी सभ्यता में मिला है सिंधु घाटी सभ्यता में मिला है सिंधुघाटी सभ्यता के कई वस्तुओं का निर्माण कांसा से ही किया जाता था। इसलिए इसे कांस्ययुगीन सथ्यता भी कहा जाता है।

40. त्रिपीटक से क्या समझाते है ?

उत्तर- त्रिपीटक का शाब्दिक अर्थ होता है तीन पीटार अर्थात् तीन टोकरी। यह बौद्ध धर्म का प्रमुख ग्रंथ है। इसके अंतर्गत सुत पीटर विनय पीटक तथा अभिधम्म पीटक शामिल है

41. सगुण धारा क्या है ?

उत्तर- भक्ति आंदोलन आगे के दो भाग थे - सगुण तथा निगुर्ण धारा। सगुण धारा में साकार एवं मुर्त ईश्वर की उपासना होती है।

42. हीन यान और महायान में मुख्य अंतर क्या है ?

उत्तर- हीनयान- व्यक्तिगत ज्ञान एवं निर्वाण की प्राप्ति पर ध्यान केन्द्रीत है।

महायान- महायान महायान बौद्ध धर्म बौधित्सत पर बल देते है।

43. गोपुरम से क्या समझते है ?

उत्तर- दक्षिण भारतीय मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार को गोपुरम कहा जाता है।

44. 1857 ई0 के विद्रोह का तत्कालीक कारण क्या है ?

उत्तर- रॉयल एनफील्डस राइफल्स में प्रयुक्त होने वाली गाय एवं सुअर चर्बी युक्त कारतुस था। इसे दाँत से छिलकर निकालना पड़ता था।

45. सूफीमत क्या है ?

उत्तर- हिन्दु धर्म भक्ति आंदोलन की तरह ही इस्लाम में सुफी मत का उदय हुआ। यह इस्लाम का एक रहस्य वादी पंथ है। सादगी भरा जीवन व्यतीत का ईश्वर की आराधना पर जोर देते थे।

46. चैत्य क्या है ?

उत्तर- वौद्ध भिक्षुओ के शवदाह के बाद शरीर के कुछ अवशेषो को टीलो पर सुरक्षित रख दिए जाते थे। अंतिम संस्कार से जुडे ये टीले ही चैत्य कहा जाता है।

खण्ड-घ दीर्घउत्तरीय प्रश्न

किन्ही चार प्रश्नों का उत्तर दें 5x4=20

47. मोहन जोदड़ो की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें ?

उत्तर- मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के तरकाना जिले में स्थित था। सिंधी भाषा में मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ है मृतको का टीला। मोहनजोदड़ो की खुदाई से निम्नलिखित विशेषताएँ प्रकट हुई जो निम्नलिखित है :-

(I) मोहनजोदडो एक विशाल शहर था जो 125 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ था। यह शहर दो भागो में विभक्त था शहर के पश्चिम में एक दुर्ग था जो ऊँचाई में स्थित था एवं पूर्व में बीचे एक नगर बस हुआ था।

(II) दुर्ग की संरचना कच्ची ईटों के चबूतरे पर बनाई गई थी, इसमें बड़े-बड़े भवन थे जो संभवतः प्रशासनिक अथवा धार्मिक केन्द्रों के रूप में कार्य करते थे ।

(III) दुर्ग के चारो ओर ईटो की बनी दीवार थी जो दुर्ग को निचले शहर से विभाजित करती थी।

(IV) निचले शहर का क्षेत्र दुर्ग की अपेक्षा कही अधिक बड़ा था जिसमें सामान्य जनता निवास करती थी। निचले शहर को भी दीवार से चारो और से बेरा गया था।

(V) प्रायः सभी बड़े मकानो में रसोइघर स्नानागार, शौचालय और कुएँ होते थे।

(VI) घर की दरवाजे और खिड़कियाँ प्रायः सड़क की ओर नहीं खुलती थी। उस समय के घरों में गोपनीयता का विशेष ध्यान रखा जाता था।

सुव्यवस्थित सड़के एवं नालियाँ :-

(1) सड़के पूर्व से पश्चिम एवं उत्तर से दक्षिण की तरफ बनी होती थी और एक दूसरे को समकोण पर काटती एवं शहर को आयाताकार भागो में विभाजित करती थी।

(II) नालियाँ पकी ईटों से बनी तथा ढकी हुई होती थी, उसमें थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हटाने वाले पत्थर लगे होते थे ताकि नालियों की सफाई की जा सके।

विशाल स्नागार, अन्नागार एवं भवन :-

(I) मोहनजोदड़ो का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सार्वजनिक भवन विशाल स्नानागार है। इसका जलाशय दुर्ग के टीले में स्थित था। इसकी संरचना अनोखी है तथा धार्मिक संबंधी अनुष्ठानों में इसका प्रयोग किया जाता था।

(II) मोहन जोदडो की अन्य महत्वपूर्ण विशेषता दुर्ग में मिलने वाला विशाल अन्नागार है। विशाल अन्नानगर के दक्षिण में ईटो के चबूतरे की कई कतारे थी।

(III) मोहनजोदड़ो की दुर्ग क्षेत्र में विशाल स्नाननगर की तरफ एक लंबा भवन मिले हैं। विद्वानों के अनुसार यह भवन किसी उच्च अधिकारी का निवास स्थान रहा होगा।

कुशल एवं व्यवस्थित नागरिक प्रबंध :-

मोहन जोदड़ो का नागरिक प्रबंध अत्यधिक कुशल एवं व्यवस्थित था। परंतु यह कहना कठिन है कि सिधु घाटी सभ्यता के शासक कौन थे, संभव है कि वे राजा थे या पुरोहित अथवा व्यापारी। संभव है कि नगरपालिका का शासन प्रबंध था। किन्तु इतना निश्चित है कि मोहनजोदड़ो का नागरिक प्रबंध कुशल हाथो में था। उनका प्रशासन अत्यधिक कुशल एवं उतरदाई था।

48. कलिंग युद्ध का अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर- अशोक अपने शासन के आठवे वर्ष में कलिंग (उड़ीसा) पर आक्रमण किया जिसमें एक लाख व्यक्ति मारे गये, 1.5 लाख बंदी बनाए गए तथा कई गुणा घायल हुए। जिसमें अशोक का हृदय परिवर्तन हुआ।

जिसके फलस्वरुप निम्नलिखित प्रभाव पड़े :-

(I) उसे युद्ध से घृणा हो गई तथा जीवन भर युद्ध न करने की प्रतिज्ञा की।

(II) भीषण रक्तसंहार देखकर बौद्ध भिक्षु उपगुप्त के प्रभाव से बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया।

(III) कलिग युद्ध के बाद अशोक शांतिवादी बन गया। तथा राज्य विस्तार की नीति का परित्याग कर दिया उसने दिग्विजय के स्थान पर धर्म विजय अपना लक्ष्य बनाया।

(IV) इस युद्ध के बाद अशोक शांतिवादी हो गया। संयन, विचारो की पवित्रता, दया, दान, सत्य, सेवा, श्रृद्धा, आदि पर बल दिया गया।

(V) अशोक देवनाय प्रियदस्सी की उपाधी कारण किया तथा राज्य में युद्धघोष के स्थान पर धम्मघोष प्रारंभ हो गया।

49. वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था पर अल-बरुणी का विवरण दे ?

उत्तर- अलबरूनी ने अपनी रचित पुस्तक किताब-उल- हिन्द में भारतीय सामाजिक व्यवस्था का चित्रण किया है। उन्होने भारतीय रीति रिवाज खान-पान, वेशभुषा, त्योहार इत्यादि का विस्तृत वर्णन किया है उक्त पुस्तक के 9 वें अध्याय में भारतीय जाति एवं वर्ण व्यवस्था के बारे में बतलाया है।

अलबरूनी के अनुसार भारतीय समाज चार वणों में बँटा हुआ था जो क्रमशः ब्राहण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शुद्र थे। ब्राह्मणों की उत्पति ब्रह्म शरीर के सिर, क्षत्रियों की उत्पति भुजाओं, वैश्य की उत्पत्ति जंघे एवं शुद्र की उत्पति पैर से मानी जाती है उक्त सभी वर्णों में ब्राहणों की स्थिति सर्वोच्च एवं अन्य वर्णों की क्रमागत रूप से सामाजिक स्थिति निम्न होती थी समाज के सबसे निचले पायदान पर शुद्र थे। वर्ण व्यवस्था कई जातियों एवं उपजातियों में बटी हुई थी। जाति व्यवस्था में छुआ-छुत की स्थिति भी पाई जाती थी समाज में वर्ण एवं जाति के अलावा अन्य सामाजिक समूह भी थे जिसकी स्थिति शुद्रो से भी निम्न थी। अलवरुनी ने उन्हें अंत्यज नाम दिया। के तहत आठ जातियाँ धुनियाँ, मोची मदारी, टोकरी बनाने वाले, नाविक, आखेटक एवं जुलाहे थे। इनके अलावा भी समाज में डोम, चांडाल जैसे समूह के जो अहुत माने जाते थे तथा समाज से बाहर रहकर कार्य करते थे।

इस प्रकार अल-बरुनी ने तत्कालीन समय में मौजुद्ध भारतीय सामाजिक व्यवस्था के तहत असमानता एवं एक इसरे के बीच संबंधें को दर्शाया है।

50. भक्ति आंदोलन की प्रमुख विशेषताओं को लिखे ?

उत्तर- वह आंदोलन जिसमें धार्मिक भेदभाव एवं कुरुतियों को दूर कर एकता एवं सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया उसे ही भक्ति आंदोलन कहा जाता है।

भक्ति आंदोलन की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है।

(I) बाह्य आडंबरी का विरोध इस आंदोलन के तहत अनावश्यक कर्मकांडो पर रोक लगाकर धर्म को सरल बनाने पर जोर दिया गया जिससे सभी लोग जुड़ सके।

(II) एक ईश्वर में विश्वास एक ही ईश्वर है और वह सर्वशक्तिमान है इस पर जोर दिया गया।

(III) गृहस्थ जीवन पर जोर लोगों में यह जागरूकता फैलाई गई कि सन्यास के द्वारा ही ईश्वर की प्राप्त नहीं बल्कि गृहस्थ जीवन में भी रहकर भक्ति की जा सकती है।

(IV) हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर समाज में व्याप्त धार्मिक विरोध को देखते हुए संतो ने लोगो में यह जागरूकता फैलाई कि राम-रहीम में कोई अंतर नहीं है।

(V) मानव सेवा पर जोर इस आंदोलन के तहत मानव सेवा को सर्वोपरी बताया गया तथा कहा गया कि इससे मुक्ति मिल सकती है।

इस प्रकार भक्ति आंदोलन ने समाजिक सदभावना को बढ़ाने स्थानीय भाषाओं के द्वारा लोगो को जागरुकता फैलाने में अहम भूमिका निभाई

51. संथाल विद्रोह के कारणों को वर्णन करें ?

उत्तर- संथाल विद्रोह आदिवासी विद्रोह में सबसे शक्तिशाली व महत्वपूर्ण माना जाता था है। इस विद्रोह का प्रारंभ 30 जून 1855 को हुआ था। संथाल विद्रोह को हुल विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है। है। इसका प्रभाव क्षेत्र संथाल परगना, भागलपुर एवं वीरभूम को माना जाता है। इस विद्रोह के कारणों को निम्न शीर्षको से आवद्ध किया जा सकता है :-

(I) जमीन हडपना :- संथाल शांतिपूर्ण तरिके से पहाड़ों में रहते थे एवं अपना जीवन यापन खेती तथा वन उत्पादो से करते थे। अंग्रेजो भू-नीतियों (जैसे स्थायी बंदोबस्त) ने संथालो को भूमिहीन कर दिया जिस कारण से विद्रोह का जन्म हुआ ।

(II) वन नीतियो में परिवर्तन- स्थानीय आदिवासी वन एवं वन उत्पाद का बिना किसी रोकटोक के उपयोग करते थे। परंतु अंग्रेज ने इस पर भी अनावश्यक हस्तक्षेप कर अपने अधीन का कर लिया था।

(III) इसाई धर्म का प्रचार- इसाई धर्म का प्रचार भी अंग्रेजो ने बड़े पैमाने पर किये। प्रलोभन एवं दबाव के द्वारा इसाई धर्म में आदिवासियो को परिवर्तित किये। इसका रोष भी आदिवासी समूह में जिस कारण विद्रोह होना निश्चित हुआ।

(IV) तात्कालिक कारण- इसी समय अंग्रेज अधिकारियो ने भागलपुर बर्द्धमान के बीच रेल लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया। संथाल लोगो से बेगारी करवाता था इस कारण से भी संथाल लोगो ने अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह किया।

52. भारत छोड़ो आंदोलन के प्रभाव को संक्षिप्त में वर्णन करें ?

उत्तर- भारत छोड़ो आंदोलन गांधी जी के नेतृत्व में 8 अगस्त 1942 ई० को प्रारंग हुआ था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अंतिम महान संघर्ष था। जिसका व्यापक प्रभाव भारतीय राजनीतिक पर पड़ा। भारत छोड़ो आंदोल के प्रभावों को निम्न प्रकार से वर्णन किया जा सकता है:-

 (I) सरकार की दमन कारी कार्यवाहियो से जनता नाराज हो उठी थी। जनता अंग्रेजो के विरुद्ध हो गया था।

(II) किसान, मजदूर, महिला, छात्र-छात्रा सभी ने भाग लेकर आंदोलन को जन आंदोलन बनाया।

(III) यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को अंतराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में सफल रहा।

(IV) इस आंदोलन के बाद ब्रिटिश सरकार को यह अहसास हो गया कि अब भारत में अधिक दिनों तक टिके रहना मुश्किल है।

(V) इस आंदोलन के समय ही समांतर सरकार का गठन हुआ।

Model Question Solution 















12th इतिहास (History) MVVI Objective Question

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