Class 12 ECONOMICS HAZARIBAG /RAMGARH Pre Board Examination Answer Key – 2024

Class 12 ECONOMICS HAZARIBAG /RAMGARH Pre Board Examination Answer Key – 2024

 Class 12 ECONOMICS HAZARIBAG /RAMGARH Pre Board Examination Answer Key – 2024

HAZARIBAG /RAMGARH PRE BOARD ECONOMICS

Closs -12 [निर्धारित समय: 3 घण्टे [पूर्णक: 80]

सामान्य निर्देश

i) परीक्षार्थी यथा संभव अपने शब्दो में ही उत्तर दें।

ii) प्रश्न सं. 1 से 30 तक बहुविकल्पीय प्रश्न है, जिनमें प्रत्येक का 1 अंक है।

iii) प्रश्न सं. 31 से 38 तक अतिलघु उत्तरीय है, जिनमें प्रत्येक का 2 अंक है। इनमे किन्ही 6 प्रश्नों का उत्तर दे।

iv) प्रश्न सं. 39 से 46 तक लघु उत्तरीय है। जिनमें प्रत्येक का 3 अंक है। इनमें किन्ही 6 प्रश्नों का उत्तर दे।

v) प्रश्न सं. 47 से 52 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है। प्रत्येक का 5 अंक निर्धारित है। इनमे किन्ही चार प्रश्नों का उत्तर दे।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. पूर्ण प्रतियोगिता में क्या स्थिर रहता है?

A. AR

B. MR

C. AR तथा MR दोनों

D. इनमें से कोई

2. सरकार के राजस्व आय का एक श्रोत निम्न में से कौन सा है

A. विनिवेश

B. विदेशी कर्ज

C. घरेलू कर्ज

D. सरकारी निवेश से लाभांश

3. अन्य बाते समान रहने पर किसी वस्तु की कीमत में 5% की वृद्धि होने से उस वस्तु की पूर्ति की मात्रा में 6% वृद्धि हो जाती है। तो पूर्ति की कीमत लोच क्या होगा।

A. 3

B. 0.83

C. 1.2

D. 2

4. निम्न चित्र प्रदर्शित करता है-

A.  बेलोचदार मांग

B. अधिक लोचदार मांग

C.  पूर्णतः लोचदार मांग

D.  पूर्णतः बेलोचदार मां

5. निम्न से कौन सा वक्र उत्पाद अक्ष के समांतर होता है।

A. कुल स्थिर लागत वक्र

B. औसत परिवर्ती लागत वक्र

C. सीमांत लागत वक्र

D. औसत लागत वक्र

6. एक सरल रेखा मांग वक्र के मध्य बिन्दु पर मांग की कीमत लोच होती है।

A. शून्य

B. एक

C. एक से अधिक

D. एक से कम

7. प्रवाह के अन्तर्गत निम्न में कौन-सा शामिल है?

A. उपभोग

B. निवेश

C. आय

D. उपर्युक्त सभी

8. केन्द्रीय बैंक का मुख्य कार्य है।

A. नोट जारी करना

B. बैंकों का बैंक

C. साख नियंत्रण करना

D. उपर्युक्त सभी।

9. असंतुलित बज में -

A. आय > व्यय

B. आय < व्यय

C. A और B दोनो

D. इनमें से कोई नही

10. अदृश्य मदों के अन्तर्गत निम्न में किसे शामिल किया जाता है।

A. बैंकिंग

B. जहाजरानी

C. सूचना

D. इनमे से सभी

11. यदि किसी अर्थव्यवस्था में MPC का मान 0.4 है तो MPS का मान क्या होगा?

A. 0.4

B. 0.6

C. 2.5

D. 4

12. GNP और NNP में क्या संबंध है?

A. GNP = NNP - घिसावट

B. NNP = GNP +घिसावट

C. NNP = GNP - घिसावट

D. GNP = GDP + घिसावट

13. MPC का मान क्या होगा ?

A. 1

B. 0

C. 0 से अधिक 1 से कम

D. अनंत ()

14. अन्य बाते समान रहने पर साधनों की कीमतों के बढ़ने से संतुलन कीमत पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

A. संतुलन कीमत बढ़ेगी

B. संतुलन कीमत घटेगी

C. संतुलन कीमत स्थिर रहेगी

D. इनमे से कोई नही।

15. अति अल्पकाल में पूर्ति होगी -

A. पूर्णतः लोचदार

B. पूर्णतः बेलोचदार

C. लोचदार

D. इनमे से कोई नहीं।

16. एक सरल रेखा मांग वक्र के मध्य बिन्दु पर मांग की कीमत लोच होती है।

A. शून्य

B. एक

C. एक से अधिक

D. एक से कम

17. बाजार संतुलन को निम्न में किस स्थिति से दर्शाया जाता है?

A. D = S

B. D-S = 0 

`C.\frac DS=1`

D. इनमे से सभी

18. फर्मो के मुक्त प्रवेश तथा निकास की स्थिति में बाजार कीमत सदैव किसके बराबर होता है।

A. न्युनतम सीमांत लागत

B. कुल स्थिर लागत

C. न्युनतम औसत लागत

D. औसत परिवर्ती लागत

19. निम्न में कौन सही है।

A. TVC = TC-TFC

B. TC=TFC-TVC

C. TFC = TVC+TC

D. TC = TVC x TFC

20. उपयोगिता की माप की जा सकती है।

A. मुद्रा के द्वारा

B. वस्तुओं के विनिमय द्वारा

C. वस्तु के वजन द्वारा

D. इनमें से कोई नहीं

21. उत्पादन संभावना वक्र का ढाल गिरता है।

A. बाये से दाये

B. दाये से बाये

C. ऊपर से नीचे

D. नीचे से ऊपर

22. तटस्थता वक्र का झुकाव होता है?

A. दाये से बाये

B. बाये से दाये

C. A और B दोनों

D. इनमें से कोई नहीं।

23. गुणक का निम्न में कि सूत्र द्वारा व्यक्त किया जा सकता है

`A.K=\frac{\Delta S}{\Delta I}`

`B.K=\frac{\Delta Y}{\Delta I}`

C. K = I-S

D. इनमें से कोई नहीं।

24. "मुद्रा वह है, जो मुद्रा का कार्य करे।" किस अर्थशास्त्री का कथन है?

A. हार्टले विदर्भ

B. हॉट्रै

C. प्रो. थॉमस

D. कीन्स

25. किस परिस्थिति में मुद्रा की पूर्ति में कमी आती है।

A. बैंक दर में कमी

B. नकद आरक्षित अनुपात

C. RBI द्वारा प्रतिभूतियो का क्रय

D. इनमे से सभी

26. राजस्व व्यय एवं राजस्व प्राप्तियो के अन्तर को क्या कहा जाता है।

A. प्राथमिक घाटा

B. राजस्व घाटा

C. राजकोषीय घाटा

D. व्यापार घाटा

27 NNPMP = ?

A.  GNPMP - घिसावट

B. GNPMP + घिसावट

C. GNPMP + अप्रत्यक्ष कर

D. इनमें से कोई नहीं।

28. निम्न में किस विधि से GDP की गणना की जा सकती है।

A. मूल्य वृद्धि विधि

B. विधि

C. व्यय विधि

D. इनमें से सभी

29. अवस्फीति अंतराल में-

A. मांग में तेजी से वृद्धि होती है।

B. पूर्ति में तेजी से वृद्धि होती है

C. पूर्ति एवं मांग दोनों बराबर होते हैं

D. इनमें से सभी

30. मुद्रा प्रति का नियमन कौन करता है

A. भारत सरकार

B. रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया

C. व्यवसायिक बैंक

D. योजना आयोग

(अतिलघु उतरीय प्रश्न) किन्ही बँक 6 प्रश्नों का उत्तर दो

31. सीमांत लागत और औसत लागत को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - सीमांत लागत - एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने से लागत में जितनी वृद्धि होती है उसे उस इकाई विशेष की सीमांत लागत कहा जाता है।

औसत लागत -कुल उत्पादन लागत को उत्पादित इकाइयों से भाग लेकर औसत लागत ज्ञात किया जाता है।

32. समष्टि अर्थशास्त्र की दृष्टि से चार क्षेत्रको का नाम लिखिए।

उत्तर - घरेलू क्षेत्र, व्यवसाय क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र, विदेशी क्षेत्र।

33. खुली अर्थव्यवस्था से क्या समझते हैं।

उत्तर - जब किसी भी देश का अन्य देशों से आर्थिक संबंध स्थापित हो जाता है, तो उसे खुली अर्थव्यवस्था कहा जाता है।

34. सरकारी बजट को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - किसी सरकार के वार्षिक आय और व्यय का विवरण, सरकारी बजट कहलाता है।

35. व्यष्टि अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - सूक्ष्म अर्थशास्त्र आर्थिक विश्लेषणों की वह शाखा है जो व्यक्तिगत इकाई के आर्थिक व्यवहार का अध्ययन है, न कि इकाइयों के समूह का।

36. एकाधिकार का अर्थ लिखिए।

उत्तर - जिसमें किसी विशेष उत्पाद का केवल एक विक्रेता होता है।

37. वास्तविक प्रवाह क्या है?

उत्तर - उत्पादन के साधनों का परिवार से व्यावसायिक फर्मों की ओर तथा व्यावसायिक फर्मों से उपभोग हेतु वस्तुओं व सेवाओं का परिवार की ओर प्रवाह वास्तविक प्रवाह कहलाता है।

38. अल्पकाल एवं दीर्घकाल क्या है।

उत्तर - अल्पकाल - यह एक ऐसी समयावधि है जो स्थिर साधनों में परिवर्तन लाने के लिए आवश्यक समय से कम होती है।

दीर्घकाल - यह एक ऐसी समयावधि है जिसमें उत्पादक आवश्यकता अनुसार उत्पादन के समस्त साधनों में परिवर्तन कर सकता है।

(लघु उतरीन प्रश्न) किन्ही 6 प्रश्नों का उतर है।

39. सीमांत उपयोगिता किसे कहते है। जब सीमांत उपयोगिता शून्य होता है तो कुल उपयोगिता पर क्या प्रभाव पडता है।

उत्तर - किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग बढ़ाने पर कुल उपयोगिता में जितन वृद्धि होती है उसे वस्तु की सीमांत उपयोगिता कहते हैं।

     MU = TUn - TUn-1

जब सीमांत उपयोगिता शून्य होती है तब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है

40. सरकारी बजट के तीन उद्देश्यों को लिखिए।

उत्तर- सरकारी बजट एक वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान सरकार की प्राप्तियों (आय) तथा सरकार के व्यय के अनुमानों का विवरण होता है।

                                      सरकारी बजट के उद्देश्य

(1) आय तथा संपत्ति का पुनः वितरण :- संपत्ति और आय का समान बटवारा सामाजिक न्याय का प्रतीक है जो कि भारत जैसे किसी भी कल्याणकारी राज्य का मुख्य उद्देश्य होता है।

(2) संसाधनों का पुनः आवंटन :- अपनी बजट संबंधी नीति द्वारा देश की सरकार संसाधनों का आवंटन इस प्रकार करती है जिससे अधिकतम लाभ तथा सामाजिक कल्याण के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके

(3) आर्थिक स्थिरता :- अर्थव्यवस्था में तेजी और मंदी के चक्र चलते हैं। सरकार अर्थव्यवस्था को इन व्यापार चक्रो से सुरक्षित रखने के लिए सदा वचनबद्ध होती हैसरकार आर्थिक स्थिरता की स्थिति को प्राप्त करने का प्रयत्न करती है

41. यदि अर्थव्यवस्था में निवेश व्यय में 600 करोड़ की वृद्धि की जाती है। यदि सीमांत उपभोग प्रवृत्ति 0.6 है तो आ और उपभोग व्यय में होने वाली कुल व्यय वृद्धि ज्ञात कीजिए।

उत्तर- MPC = 0.6 , ΔI = 600 करोड़ रु. , ΔY =?  , ΔC = ?

                                         ΔY = K ΔI

`\therefore K=\frac1{1-MPC}`

`=\frac1{1-0.6}=\frac{10}{0.4}=2.5`

आय में वृद्धि (Y) = KI = 2.5 (600 ) = 1500 करोड़ रु.

`MPC=\frac{\Delta C}{\Delta Y}`

ΔC = ΔY (MPC)

 उपभोग व्यय में वृद्धि (ΔC) = 1500 (0.6) = 900 करोड़ रु.

 आय में वृद्धि = 1500 करोड़ रु.  ;  

उपभोग व्यय में वृद्धि = 900 करोड़ रु.

42 मुद्रा के किन्ही तीन मुख्य कार्यों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- प्रो. किनले ने मुद्रा के कार्यो को निम्नलिखित तीन वर्गो में विभाजित किया है -

(A) प्राथमिक या मुख्य कार्य :- इसे आधारभूत अथवा मौलिक कार्य भी कहते हैं।

मुद्रा के मुख्य कार्य दो है -

1. विनिमय का माध्यम :- वस्तु विनिमय प्रणाली की एक मुख्य कठिनाई यह थी कि उनमें आवश्यकताओ के दोहरे संयोग का अभाव पाया जाता था। मुद्रा ने इस कठिनाई को दूर कर दिया है। आज किसी वस्तु को बेचकर मुद्रा प्राप्त कर ली जाती है और उस मुद्रा से आवश्यकतानुसार बाजार में वस्तुएं खरीदी जाती हैअर्थात मुद्रा विनिमय का माध्यम है।

2. मूल्य का मापक :- मुद्रा लेखे की इकाई के रूप में मूल्य का मापदंड करती है लेखे की इकाई से अभिप्राय यह है कि प्रत्येक वस्तु तथा सेवा का मूल्य मुद्रा के रूप में मापा जाता है। मुद्रा के द्वारा सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य अथवा कीमतों को मापा जा सकता है तथा व्यक्त किया जा सकता है

(B) गौण अथवा सहायक कार्य :- इस श्रेणी में उन कार्यों को सम्मिलित करते हैं जो प्राथमिक कार्यों के सहायक हैइसमें निम्न कार्य है -

1. स्थगित भुगतानो का मान :- जिन लेन-देनका भुगतान तत्काल न करके भविष्य के लिए स्थगित कर दिया जाता है उन्हें स्थगित भुगतान कहा जाता हैमुद्रा को स्थगित भुगतानका मान इसलिए माना गया है क्योंकि - () अन्य किसी वस्तु की तुलना में इसका मूल्य स्थिर रहता है (ख) इसमें सामान्य स्वीकृति का गुण पाया जाता है () अन्य वस्तुओं की तुलना में यअधिक टिकाऊ है () स्थगित भुगतानो के मान के रूप में कार्य करके मुद्रा पूंजी निर्माण में सहायक होती है

2. मूल्य का संचय :- मुद्रा के मूल्य संचय से अभिप्राय यह है कि मुद्रा को वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए खर्च करने का तुरंत कोई विचार नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आय का कुछ भाग भविष्य के लिए बचाता हैइसे ही मूल्य का संचय कहा जाता है। मुद्रा के रूप में मूल्य का संचय करना सरल होता है क्योंकि () मुद्रा को सब लोग स्वीकार कर लेते हैं (ख) मुद्रा के मूल्य में अधिक कमी या वृद्धि नहीं होती है () मुद्रा का संग्रह सरलता से किया जा सकता है () मुद्रा के रूप में बचत करने में बहुत कम स्थान की आवश्यकता होती है

3.  मूल्य का हस्तांतरण :- मुद्रा मूल्य के हस्तांतरण का कार्य करती है, क्योंकि इसके माध्यम से कोई व्यक्ति अपनी क्रय शक्ति दूसरे को दे सकता है अथवा एक स्थान पर अपनी अचल संपत्ति को बेच कर दूसरे स्थान पर संपत्ति खरीद सकता है

(C) आकस्मिक कार्य :- मुद्रा के आकस्मिक कार्य निम्नलिखित है

(a) सामाजिक आय का वितरण (b) साख निर्माण का आधार (c) अधिकतम संतुष्टि का माप (d) राष्ट्रीय आय का वितरण (e) शोधन क्षमता की गारंटी (f) पूंजी की तरलता में वृद्धि।

43. समग्र मांग के घटकों को लिखिए।

उत्तर- समग्र मांग के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं -

1. निजी उपभोग व्यय (C) :- इसमें देश के गृहस्थो/परिवारो द्वारा एक लेखा वर्ष में, सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए की गई मांग को शामिल किया जाता है।

2. निजी निवेश मांग (I) :- इससे अभिप्राय निजी निवेशकर्ताओं द्वारा पूंजी पदार्थों की खरीद पर करने वाले व्यय से है।

3 सरकारी व्यय (G) :- इसमें सरकारी उपभोग में व्यय तथा सरकारी निवेश व्यय दोनों शामिल होते हैं। सरकारी उपभोग व्यय से अभिप्राय है सैन्य/सुरक्षा प्रयोग के लिए वस्तुओं के उपभोग की खरीद पर खर्च/सरकारी निवेश व्यय से अभिप्राय है सड़कों,डैमो तथा पुलो के निर्माण पर किया जाने वाला व्यय।

4. शुद्ध निर्यात (X - M ) :- विदेशियों द्वारा हमारी वस्तु के लिए किए गए व्यय को अर्थव्यवस्था में कुल व्यय (समग्र मांग) मे जोड़ा जाता है, जबकि आयात पर किए जाने वाले व्यय को घटाया जाता है। अतः X - M (शुद्ध निर्यात) को समग्र मांग (AD) में जोड़ा जाता है।

44. यदि MPC का मान 0.75 है तो गुक का मान ज्ञात कीजिए।

उत्तर- MPC = 0.75

`\therefore K=\frac1{1-MPC}`

`=\frac1{1-0.75}=\frac{1}{0.25}=4`

45. व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र में अन्तर बताइऐ

उत्तर :

व्यष्टि

समष्टि

1. इसमें व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों जैसे एक फर्म, एक उपभोक्ता आदि की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

1. इसमें पूरी अर्थव्यवस्था को एक इकाई मानकर इसकी आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

2. माइक्रो (Micro) शब्द ग्रीक शब्द माइक्रस से बना है जिसका अर्थ होता है छोटा या सूक्ष्म।

2 अँग्रेज़ी भाषा का मैक्रो (Macro) शब्द भी ग्रीक शब्द मेक्रोज से बना है जिसका अर्थ होता है विशाल अथवा व्यापक।

3. व्यष्टि का मुख्य उद्देश्य संसाधनों के सर्वोत्तम बंटवारे से होता है।

3. समष्टि का मुख्य उद्देश संसाधनों के पूर्ण रोजगार व विकास से होता है।

4. इसकी मुख्य समस्या कीमत निर्धारण है।

4. इसकी मुख्य समस्या आय व रोजगार का निर्धारण है।

5. इसका मुख्य उपकरण मांग व पूर्ति है।

5. इसका मुख्य उपकरण अर्थव्यवस्था की सम्रग मांग व सम्रग पूर्ति है।

6. व्यष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणा को समझना सरल होता है।

6. समष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणा को समझने में कठिनाई होती है ।

7. व्यष्टि अर्थशास्त्र में आवंटन बहुत जरूरी काम होता है ।

 7. इसमें आवंटन को स्थिर माना जा सकता है ।

46. मांगी गई मात्रा में परिवर्तन तथा मांग में परिवर्तन में अन्तर बताइये।

मांगी गई मात्रा

मांग में परिवर्तन

यह केवल कीमत में परिवर्तन के कारण होती है

यह कीमत के अतिरिक्त अन्य निर्धारक तत्व में परिवर्तन होने के कारण होती है

यह कीमत में कमी होने के कारण होती है।

यह उपभोक्ता की आय में वृद्धि,प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में वृद्धि, पूरक वस्तुओं की कीमत में कमी तथा उपभोक्ता की वस्तु के लिए रुचि में वृद्धि आदि के कारण होती है।

यह एक मांग वक्र के ऊपर के बिंदु A से नीचे के बिंदु B की ओर संचन द्वारा प्रकट होती है

 

यह मांग वक्र DD के दायी ओर खिसकाव  D1D द्वारा प्रकट होती है।


दीर्घ उतरीन प्रश्न किन्ही चार प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

47. मांग की कीमत लो को परिभाषित कीजिए। मांग की कीमत लोच को a. प्रतिस्थापक वस्तु की उपलब्धता तथा b. वस्तु का वैकल्पिक प्रयोग किस प्रकार प्रभावित करते है। स्पष्ट कीजिए

उत्तर- "किसी वस्तु के मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन के फलस्वरुप उसकी मांग मात्रा में जो प्रतिशत परिवर्तन होता है, उसे मांग की लोच कते हैं"

a. प्रतिस्थापक वस्तुओं की उपलब्धता :- यदि किसी वस्तु की प्रतियोगी वस्तु आसानी से बाजार में मिल जाती है तो उस वस्तु की कीमत में थोड़ी सी वृद्धि से ही उपभोक्ता प्रतियोगी वस्तुओं का प्रयोग करने लगते हैं अर्थात वस्तु की मांग पर कीमत परिवर्तन का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है अर्थात वस्तु की मांग लोचदार होती है।

b. वस्तु का वैकल्पिक प्रयोग :- यदि वस्तु के प्रयोग की संख्या अधिक होती है तो कीमत परिवर्तन का मांग पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है अतः वस्तु की मांग अधिक लोचदार होती है।

48. पैमाने के प्रतिफल से क्या समझते है। इनके प्रकारों का वर्णन करें।

उत्तर:- पैमाने का प्रतिफल दीर्घकालीन उत्पादन फलन को प्रदर्शित करता है।साधनों के पैमाने में परिवर्तन के फलस्वरुप उत्पादन में जो परिवर्तन होता है उसे पैमाने का प्रतिफल कहते हैं।

उत्पादन के साधनों के निरपेक्ष इकाई में इस प्रकार वृद्धि की जाए कि साधनों का अनुपात स्थिर रहे तो इसका अर्थ होता है कि पैमाने में वृद्धि की गई है।

इस रेखा चित्र में  OR  उत्पादन की रेखा है। यह बताता है कि इसके प्रत्येक बिंदु पर साधन का अनुपात स्थिर रहता है।                  

`\frac{AK_1}{OK_1}=\frac{BK_2}{OK_2}`

अर्थात सभी साधनों को X गुना बढ़ाया जाए तो साधनों का अनुपात स्थिर होगा

  पैमाने के प्रतिफल के नियम

(1) पैमाने का वृद्धिमान प्रतिफल :- उत्पादन के सभी साधनों को जिस अनुपात में बढ़ाया जाता है उत्पादन में अगर उससे अधिक अनुपात में वृद्धि हो तो उसे पैमाने का विद्धिमान प्रतिफल कहा जाता है।

 Y = f ( a, b, c.........)

जहां , Y = उत्पादन f = फलन a,b,c............= साधन

Xα.y = f(na,nb,nc...........)                                                                             

अगर वस्तु α >1 हो तो यह पैमाने का वृद्धिमान प्रतिफल प्रदर्शित करेगा। रेखा चित्र में हर अगले सम उत्पाद वक्र (IQ) के बीच की दूरी क्रमशः घटती जाती है जो दर्शाता है कि साधन जिस अनुपात में बढ़ता है उत्पादन उससे  अधिक अनुपात में बढ़ता है।

 BC < AB < OA

   पैमाने के वृद्धिमान प्रतिफल के कारण :-

a. तकनीकी बचत 

b. श्रम संबंधी बचत 

c. वित्तीय बचत

d. विपणन मितव्ययिता

e. शोध,प्रयोग एवं विज्ञापन से लाभ

(2) पैमाने के स्थिर प्रतिफल :- जिस अनुपात में साधनों को बढ़ाया जाता है ठीक उसी अनुपात में उत्पादन में वृद्धि होती है तो इसे पैमाने का स्थिर प्रतिफल करते हैं।

  Xα.y = f(na,nb,nc...........) 

अगर वस्तु α =1 हो तो यह पैमाने का स्थिर प्रतिफल प्रदर्शित करेगा। 

चित्र में हर अगले सम उत्पाद वक्र की दूरी समान रहती है जो दर्शाता है कि जिस अनुपात में साधन लगता है उत्पादन उसी अनुपात में होता है

  OA=AB=BC

पैमाने के स्थिर प्रतिफल के कारण :-

A. आंतरिक एवं बाह्य बचत आंतरिक एवं बाह्य हानियों के बराबर होता है

B. एक फार्म के विस्तार से कुछ सीमा तक पैमाने के बढ़ते प्रतिफल की अवस्था के बाद पैमाने के स्थिर प्रतिफल की एक म्बी अवस्था होती है

C. कॉब-डग्लस उत्पादन फलन :- कॉब-डग्लस के अनुसार अधिकांश उद्योगों पर लंबे समय तक पैमाने के स्थिर प्रतिफल लागू होता है।

Q = K LC1-a 

= K (gL)(gC)1-a

= K gaLg1-aC1-a

= ga+1-a K LC1-a

= g (KLa C1-a)

= g (Q)

इस प्रकार साधनों को g गुणा बढ़ाने से उत्पादन भी g गुणा बढ़ता है जो पैमाने के स्थिर प्रतिफल को दर्शाता है।

(3) पैमाने का ह्रासमान प्रतिफल :- जिस अनुपात में साधनों में वृद्धि की जाती है उसे कम अनुपात में जब उत्पादन में वृद्धि होती है तो उसे पैमाने का ह्रासमान प्रतिफल कहते हैं।

  Xα.y = f(na,nb,nc...........) 

अगर वस्तु α < हो तो यह पैमाने का स्थिर प्रतिफल प्रदर्शित करेगा। 

चित्र में हर अगले सम उत्पाद वक्रो की दूरी क्रमशः बढ़ती जाती है। जो दर्शाता है कि जिस अनुपात में साधनों को लगाया जाता है उत्पादन उससे कम अनुपात में बढ़ता है

 OA<AB<BC

ह्रासमान प्रतिफल के कारण :-

A. पैमाने का घटता हुआ प्रतिफल

B. प्राकृतिक साधनों की स्थिर मात्रा

C. आंतरिक एवं बाह्य हानियां

49. सीमांत उत्पाद और औसत उत्पाद में संबंध की व्याख्या कीजिए

औसत उत्पादन (AP) :- परिवर्तन साधन के प्रति इकाई उत्पादन को औसत उत्पादन कहा जाता है

AP = `\frac{TP}L`

सीमांत उत्पादन (MP) :- परिवर्तनशील साधन की एक अतिरिक्त इकाई और लगाने से कुल उत्पादन में जो वृद्धि होती है, उसे सीमांत उत्पादन कहते हैं।

MP = TPn – TPn-1   or , `\frac{\Delta TP}{\Delta L}`

प्रथम अवस्था में कुल उत्पादन बढ़ता है और औसत उत्पादन भी बढ़ता है तथा सीमांत उत्पादन बढ़ता हैइसलिए इस अवस्था को उत्पत्ति वृद्धि नियम या लागत ह्रास नियम भी कहते हैं

दूसरी अवस्था में कुल उत्पादन घटती हुई दर से बढ़ता है ; औसत उत्पादन अधिकतम होकर धीमी गति से बढ़ता है तथा सीमांत उत्पादन तीव्र गति से घटता है और शून्य हो जाता हैइसलिए इसे उत्पत्ति मता नियम या लागत समता नियम कते हैं

तीसरी अवस्था में कुल उत्पादन घटता है, औसत उत्पादन घटता है तथा सीमांत उत्पादन ऋणात्मक हो जाता हैइसलिए इसे उत्पत्ति ह्रास नियम या लागत वृद्धि नियम भी कहते हैं

50 निम्न आंकड़ों से शुद्ध मूल्य वृद्धि की गणना कीजिए।

(a) विक्रय - 2000 करोड़

(b) कच्चे माल का क्रय - 250 करोड़

(c) प्रारम्भिक स्टॉक - 80 करोड़

(d) अंतिम स्टॉक - 400 करोड़

(e) अचल पूंजी का उपभोग - 50 करोड़

उत्तर - शुद्ध मूल्य वृद्धि = विक्रय + अंतिम स्टॉक - प्रारंभिक स्टॉक - कच्चे माल का क्रय - अचल पूंजी का उपभोग

शुद्ध मूल्य वृद्धि = 2000 + 400 - 80 - 250 - 50

शुद्ध मूल्य वृद्धि = 2100 - 380

शुद्ध मूल्य वृद्धि = 1720 करोड़

51. मांग की लोच को प्रभावित करने वाले कारको कर वर्णन करें।

उत्तर :- मांग की लोच को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है -

1. प्रतिस्थापक वस्तुओं की उपलब्धता :- यदि किसी वस्तु की प्रतियोगी वस्तु आसानी से बाजार में मिल जाती है तो उस वस्तु की कीमत में थोड़ी सी वृद्धि से ही उपभोक्ता प्रतियोगी वस्तुओं का प्रयोग करने लगते हैं अर्थात वस्तु की मांग पर कीमत परिवर्तन का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है अर्थात वस्तु की मांग लोचदार होती है।

2. वस्तु की प्रकृति :- अनिवार्य वस्तु की मांग बेलोचदार होती है। इसके विपरीत विलासिता की मांग लोचदार होती है।

3. आदतें तथा फैशन :- जब उपभोक्ता एक बार विशेष वस्तु के उपभोग के लिए आदत बना लेते हैं तो वह निश्चित मात्रा तक कीमत परिवर्तन की ओर ध्यान नहीं देते जिस तरह तंबाकू, शराब आदि तो इन वस्तुओं की मांग बहुत कम लोचशील होती है। इसी प्रकार जिन वस्तुओं का फैशन प्रचालित हो जाता है वह भी कम लोचशील होती हैं।

4. उपभोक्ता स्वभाव :- यदि उपभोक्ता किसी वस्तु के उपभोग का आदि हो जाता है तो कीमत परिवर्तन का मांग पर प्रभाव बहुत कम होता है। इसलिए वैसी वस्तुओं की मांग बेलोचदार होती है।

5. वस्तु के प्रयोग की संख्या :- यदि वस्तु के प्रयोग की संख्या अधिक होती है तो कीमत परिवर्तन का मांग पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है अतः वस्तु की मांग अधिक लोचदार होती है।

52. पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की परिभाषा दीजिए तथा इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर :- बोल्डिग के शब्दों में," पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु के बहुत से क्रेता तथा विक्रेता होते हैं। विक्रेता समरूप वस्तु को एक समान कीमत पर बेचते हैं। फर्म द्वारा कीमत निर्धारित नहीं की जाती बल्कि उद्योग द्वारा निर्धारित होती है।"

विशेषताएं

1. फर्मो या विक्रेताओं की अधिक संख्या :- किसी वस्तु को बेचने वाले विक्रेताओं की संख्या इतनी अधिक होती है कि किसी एक फर्म द्वारा पूर्ति में की  जाने वाली वृद्धि या कमी का बाजार की कुल पूर्ति पर बहुत ही कम प्रभाव पड़ता है। अतएव  कोई अकेला फर्म वस्तु की कीमत को प्रभावित नहीं कर सकती।

2.  क्रेताओ की अधिक संख्या :- क्रेताओं की संख्या  बहुत अधिक होती है। इसलिए कोई एक क्रेता कीमत को प्रभावित करने के योग नहीं होता।

3.  एक सामान या समरूप वस्तुएं :- पूर्ण प्रतियोगिता की दूसरी शर्त यह है कि सभी विक्रेता एक जैसी ही इकाइयां बेचते उनमें रुप, रंग, गुण या किस्म में  किसी भी प्रकार का अंतर नहीं होता। सभी वस्तुएं समरूप होती है।

4.  फर्मों का स्वतंत्र प्रवेश व छोड़ना :-  पूर्ण प्रतियोगिता की अवस्था में किसी उद्योग में कोई भी फर्म प्रवेश कर सकती है अथवा पुरानी फर्म उस उद्योग को छोड़ सकती है।

5.  पूर्ण ज्ञान :-  क्रेता और विक्रेताओं को कीमत की पूरी - पूरी जानकारी होती है।

6.  पूर्ण गतिशीलता :-  उत्पादन के साधन पूर्णतया गतिशील होते हैं। एक क्रेता उसी फर्म से वस्तुएं खरीदेगा जहां वे सस्ती मिलेगी तथा एक साधन वही अपनी सेवाएं बेचेगा जहां उसे अधिक कीमत मिलेगी।

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