Class 12 History Hazaribag Pre Board Examination Answer Key – 2025-26

Class 12 History Hazaribag Pre Board Examination Answer Key – 2025-26

 Class 12 History Hazaribag Pre Board Examination Answer Key – 2025-26

प्री-टेस्ट परीक्षा (2025-26)

कक्षा- 12 विषय :- इतिहास पूर्णाक :- 80 समय :- :- 3 घंटे

सामान्य निर्देश

परीक्षार्थी यथा संभव अपने शब्दो में उत्तर दें

सभी प्रश्न अनिवार्य है।

कुल प्रश्नों की संख्या 52 है।

प्रश्न 01 से 30 तक बहुविकल्पिक प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिये गये है। सही विकल्प का चयन किजिये। प्रत्येक प्रश्न के लिए 01 अंक निर्धारित है।

प्रश्न 31 से 38 तक अतिलघु उत्तरीय प्रश्न है, जिसमें से किन्हीं 06 प्रश्नों का उत्तर देना है। प्रत्येक प्रश्न का मान 02 अंक निर्धारित है।

प्रश्न 39 से 46 तक लघु उत्तरीय प्रश्न है, जिसमें से किन्हीं 06 प्रश्नों का उत्तर अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 03 अंक निर्धारित है।

प्रश्न 47 से 52 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है। किन्हीं 04 प्रश्नों का उत्तर देना है। प्रत्येक प्रश्न का मान 05 अंक निर्धारित है।

खण्ड (क)

(1) मोहनजोदड़ों में स्थित सबसे बड़ा भवन कौन सा था ?

(क) स्नानागार

(ख) विधान सभा भवन

(ग) मंदिर

(घ) अन्नगार

(2) मौर्य काल मे पाटलिपुत्र किस यूनानी यात्री ने देखा था ?

(क) होनसांग

(ख) फाह्यान

(ग) मेगास्थनिज

(घ) मार्कोपोलो

(3) विक्रमादित्य की उपाधि किस गुप्त शासक ने धारण की थी ?

(क) चन्द्रगुप्त ।

(ख) समुद्रगुप्त

(ग) चन्द्रगुप्त II

(घ) स्कंदगुप्त

(4) 'गोत्र' शब्द का संबंध किससे है ?

(क) कृषि

(ख) व्यापार

(ग) युद्ध

(घ) विवाह

(5) साँची का स्तुप किसने बनवाया ?

(क) चन्द्रगुप्त मौर्य

(ख) सम्राट अशोक

(ग) हर्ष

(घ) कनिष्क

(6) रिहला नामक पुस्तक किस यात्री ने लिखा था ?

(क) फाह्नान

(ख) होनसांग

(ग) इब्नबतूता

(घ) इल्सिंग

(7) बंगाल के प्रसिद्ध संत कौन थे ?

(क) गुरुनानक

(ख) कबीर

(ग) चैतन्य

(घ) रामदेव

(8) विजयनगर साम्राज्य द्वारा असैनिक और सैनिक सेवा के लिए दिय जानेवाला भूमिदान कहलाता था ?

(क) जागीर

(ख) विष्टि

(ग) इक्ता

(घ) अमरन

(9) विजयनगर साम्राज्य पतन का प्रमुख्य कारण बनी प्रसिद्ध लड़ाई कौन सी थी ?

(क) रायचुर का युद्ध

(ख) पानीपत का युद्ध

(ग) तालीकोटा का युद्ध

(घ) खानवा का युद्ध

(10) अकबर के राज में राजस्व व्यवस्था किसके हाँथ में था ?

(क) बीरबल

(ख) मानसिंह

(ग) बैरम खाँ

(घ) टोडरमल

(11) 1857 विद्धोह का प्रमुख कारण क्या था ?

(क) सैनिक असंतोष

(ख) धार्मिक हस्तक्षेप

(ग) आर्थिक शोषण

(घ) उपर्युक्त सभी

(12) 1857 के विद्धोह को किस इतिहासकार में भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा ?

(क) वी०डी० सावरकर

(ख) आर०सी० मजूमदार

(ग) के०एम० पाणिकर

(घ) जेम्समिल

(13) कृष्णदेव राय किस वंश से संबंधित थे ?

(क) संगम वंश

(ख) सालूव वंश

(ग) तुलुवा वंश

(घ) आरवीडू वंश

(14) ब्रिट्रिश शासनकाल में भारत में धनप्रवास का सिद्धांत किसने प्रतिपदादित किया था ?

(क) एडम स्मिथ

(ख) दादा भाई नौरोजी

(ग) महात्मा गाँधी

(घ) जॉन मार्शल

(15) साहित्यलहरी के रचनाकार कौन है ?

(क) तुलसीदास

(ख) कबीर

(ग) सुरदास

(घ) नानकदेव

(16) मुगल चित्रकारी किसके शासनकाल में चरमोत्कर्ष पर था ?

(क) बाबर

(ख) अकबर

(ग) शाहजहाँ

(घ) जहाँगीर

(17) ब्रिट्रिशकाल में पहला हिल स्टेशन बना कौन था ?

(क) शिमला

(ख) दार्जलिंग

(ग) नैनीताल

(घ) मनाली

(18) नील विद्धोह किस वर्ष हुआ था ?

(क) 1857

(ख) 1860

(ग) 1875

(घ) 1905

(19) किस प्रणाली में किसानों से सीधा कर वसुला जाता था ?

(क) महलवाडी

(ख) स्थायी बन्दोबस्त

(ग) रैयतवाड़ी

(घ) जागीरदारी

(20) जीतल क्या था ?

(क) शस्त्र

(ख) सिक्का

(ग) उपाधि

(घ) वाद्य यंत्र

(21) औपनिवेशिक काल में बॉम्बे किस उद्योग का प्रमुख केन्द्र था ?

(क) जूट

(ख) नील

(ग) कपास

(घ) चाय

(22) दिल्ली दरबार का आयोजन 1911 में किसके सम्मान में हुआ था ?

(क) लार्ड कर्जन

(ख) किंग जार्ज पंचम

(ग) क्वीन विक्टोरिया

(घ) लॉर्ड हार्डिंग

(23) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अधिवेशन के अध्यक्ष कौन थे ?

(क) डब्ल्यू०सी० बनर्जी

(ख) दादाभाई नौरोजी

(ग) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी

(घ) गोपाल कृष्ण गोखले

(24) स्वदेशी आन्दोलन किस घटना के प्रतिउत्तर में शुरु हुआ था ?

(क) रॉलेक्ट एक्ट

(ख) बंगाल विभाजन

(ग) जालियावाला बाग हत्याकाण्ड

(घ) भारत विभाजन

(25) महात्मा गाँधी किस तारीख को भारत पहुँचे थे ?

(क) 02 अक्टूबर 1915

(ख) 09 अक्टुबर 1915

(ग) 09 जनवरी 1915

(घ) 01 जुलाई 1915

(26) हुमाँयुनामा के रचनाकार कौन है ?

(क) अलबिरुनी

(ख) हुमायूँ

(ग) बाबर

(घ) गुलबदन बेगम

(27) भारतीय संविधान की आठवी अनुसूची में कितनी भाषाएँ शामिल है ?

(क) 14

(ख) 21

(ग) 22

(घ) 24

(28) भारतीय संविधान किस प्रकार का है ?

(क) संघीय

(ख) एकात्मक

(ग) संघात्मक + एकात्मक

(घ) तानाशाही

(29) किस विदेशी यात्री ने भारत के सतीप्रथा का वर्णन किया है ?

(क) बर्नियर

(ख) इब्नबतुता

(ग) अलबिरुनी

(घ) शाहजहाँ

(30) दशराज्ञ युद्ध किस नदी के किनारे हुआ था ?

(क) परुसणी (रावी)

(ख) गंगा

(ग) सरयू

(घ) यमुना

खण्ड (ख)

(31) सिन्धु घाटी सभ्यता की खास उपलब्धि क्या थी ?

उत्तर- सिन्धु घाटी सभ्यता की सबसे खास उपलब्धि इसकी नगर नियोजन प्रणाली थी। यहाँ की सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं और जल निकासी की व्यवस्था अत्यंत आधुनिक थी।

(32) गुप्त साम्राज्य किसके लिए प्रसिद्ध था ?

उत्तर- गुप्त साम्राज्य को भारतीय इतिहास का 'स्वर्ण युग' कहा जाता है। यह काल कला, साहित्य, विज्ञान, गणित और वास्तुकला में हुई अभूतपूर्व प्रगति के लिए प्रसिद्ध है।

(33) मेगास्थनीज किसके दरबार में आया और कौन सी पुस्तक की रचना की ?

उत्तर- मेगास्थनीज यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था, जो चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था। उसने 'इंडिका' नामक पुस्तक की रचना की, जिसमें मौर्यकालीन प्रशासन और समाज का वर्णन मिलता है।

(34) बौद्ध धर्म के तीन रत्न कौन से है ?

उत्तर- बौद्ध धर्म के तीन रत्न (त्रिरत्न) निम्नलिखित हैं:

1. बुद्ध (ज्ञान प्राप्त गुरु)

2. धम्म (बुद्ध की शिक्षाएँ)

3. संघ (बौद्ध भिक्षुओं का समुदाय)

(35) खानकाह से क्या समझते है ?

उत्तर- खानकाह एक सूफी संस्थान या मठ होता था जहाँ सूफी संत निवास करते थे और अपने शिष्यों को आध्यात्मिक शिक्षा देते थे। यह सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र हुआ करता था।

(36) यात्रियों के विवरण से हमें क्या जानकारी मिलती है ?

उत्तर- विदेशी यात्रियों के विवरण से हमें उस समय के तत्कालीन समाज, राजनीति, आर्थिक स्थिति, रीति-रिवाजों और न्याय व्यवस्था की निष्पक्ष जानकारी मिलती है, जो अक्सर स्थानीय दरबारी इतिहासकारों के लेखन में छूट जाती थी।

(37) विजयनगर के स्थापत्य कला का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण कौन सा है ?

उत्तर- विजयनगर स्थापत्य कला का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण हम्पी स्थित विट्ठल स्वामी मंदिर और विरुपाक्ष मंदिर हैं। यहाँ के नक्काशीदार स्तंभ और विशाल गोपुरम विश्व प्रसिद्ध हैं।

(38) संथाल विद्रोह के प्रमुख्य नेता कौन-कौन थे ?

उत्तर- 1855-56 में हुए संथाल विद्रोह के प्रमुख नेता चार भाई थे:

सिद्धू, कान्हू, चाँद और भैरव

खण्ड (ग)

(39) मोहनजोदड़ों का क्या अर्थ है, इसकी दो विशेषताएँ बताऐं ?

उत्तर- मोहनजोदड़ों का शाब्दिक अर्थ है — “मृतकों का टीला। यह नाम स्थानीय सिंधी भाषा से लिया गया है।

मोहनजोदड़ों की दो प्रमुख विशेषताएँ

1. उन्नत नगर योजना- मोहनजोदड़ों में सड़कें एक-दूसरे को समकोण पर काटती थीं, नगर को स्पष्ट रूप से ऊपरी नगर (गढ़) और निचले नगर में विभाजित किया गया था।

2. उत्कृष्ट जल-निकास व्यवस्था- यहाँ की नालियाँ पक्की ईंटों से बनी, ढकी हुई थीं और प्रत्येक घर से नालियों का सीधा संबंध था, जो उस समय की अत्यंत विकसित तकनीक को दर्शाता है।

(40) महाजनपद किसे कहते है ?

उत्तर- 'जनपद' का अर्थ वह स्थान है जहाँ 'जन' (लोग) अपना 'पद' (पैर) रखते हैं या बस जाते हैं। जब ये जनपद अपनी शक्ति, सीमा और प्रभाव में बड़े हो गए, तो उन्हें महाजनपद कहा जाने लगा।

(41) जाति और वर्ग में क्या अन्तर है ?

उत्तर- जाति जन्म पर आधारित एक बंद और स्थिर सामाजिक व्यवस्था है, जो वंशानुगत होती है और इसमें सामाजिक गतिशीलता मुश्किल है (जैसे अंतर्विवाह),

जबकि वर्ग शिक्षा, आय, धन और व्यवसाय पर आधारित एक खुली और गतिशील व्यवस्था है, जहाँ सामाजिक स्थिति बदल सकती है और गतिशीलता संभव है;

जाति धार्मिक व सामाजिक रीति-रिवाजों से बंधी है,

जबकि वर्ग मुख्य रूप से आर्थिक और व्यक्तिगत उपलब्धियों से।

(42) भक्ति आन्दोलन के दो विशेषताऐ लिखें ?

उत्तर- भक्ति आन्दोलन के दो विशेषताऐ-

1. एक ईश्वर में आस्था- एक ईश्वर है वह सर्वशक्तिमान है।

2. बाह्य आडंबरओं का विरोध- भक्ति आंदोलन के संतों ने कर्मकांड का खंडन किया। सच्ची भक्ति से मोक्ष ईश्वर की प्राप्ति होती है।

(43) स्थायी बन्दोबस्ती किसे कहते है ?

उत्तर- स्थायी बन्दोबस्त एक भूमि प्रबन्ध था। इसे 1793 ई० में लार्ड कार्नवालिस ने बंगाल में लागू किया था। बाद में इसे बिहार, उड़ीसा, बनारस तथा उत्तरी भारत में लागू कर दिया गया। इसके अनुसार ज़मींदारों को सदा के लिए भूमि का स्वामी बना दिया गया। उनके द्वारा सरकार को दिया जाने वाला लगान निश्चित कर दिया गया। वे लगान की निश्चित राशि सरकारी खज़ाने में जमा करवाते थे, परन्तु किसानों से वे मनचाहा लगान वसूल करते थे। यदि कोई ज़मींदार लगान नहीं दे पाता था तो सरकार उसकी ज़मीन का कुछ भाग बेच कर लगान की राशि पूरी कर लेती थी।

(44) गाँधी जी ने असहयोग आन्दोलन क्यों प्रारम्भ किए ?

उत्तर- गांधीजी ने असहयोग आंदोलन 1920 में स्वराज (स्वशासन) प्राप्त करने, रौलट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड जैसे ब्रिटिश दमन के खिलाफ विरोध करने, तथा तुर्की के खलीफा के साथ हो रहे अन्याय (खिलाफत आंदोलन) का समर्थन करने के लिए शुरू किया था, जिसमें ब्रिटिश सरकार के साथ सभी तरह के असहयोग (बहिष्कार, सरकारी नौकरियों का त्याग) के अहिंसक तरीके से ब्रिटिश शासन को कमजोर करना और अंततः समाप्त करना मुख्य उद्देश्य था।

(45) 1857 विद्रोह के असफलता के दो कारण लिखे ?

उत्तर- 1857 विद्रोह के असफलता के दो कारण-

(i) योग्य नेतृत्व का अभाव विद्रोह मुगल बादशाह - बहादुरशाह के नेतृत्व में हुआ, परंतु उसमें नेतृत्व करने की क्षमता नहीं थी। विद्रोह के अन्य नेताओं में भी आपसी तालमेल नहीं था, वे एक साथ योजना बनाकर युद्ध नहीं करते थे तथा उनमें कुशल सेनापति के गुणों का अभाव था। अतः वे अँगरेज सेनापतियों का सामना नहीं कर सके।

(ii) समय से पूर्व विद्रोह आरंभ- बिना किसी निश्चित योजना के निर्धारित समय के पूर्व ही विद्रोह शुरू हो गया। इससे विद्रोह योजनाबद्ध रूप से नहीं हो सका। एक अंग्रेज इतिहासकार ने लिखा कि "यदि पूर्व निश्चय के अनुसार एक तारीख को सारे भारत मैं स्वाधीनता का युद्ध शुरू होता तो भारत में एक भी अंग्रेज जीवित न बचता।”

(46) संविधान में 'धर्मनिरपेक्षता' का क्या महत्व है ?

उत्तर- यह राज्य को किसी विशेष धर्म का पक्ष लेने से रोकता है, सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता और समानता की गारंटी देता है, और विविधतापूर्ण भारत में सांप्रदायिक सद्भाव, अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और सभी समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करता है, जिससे एक समावेशी और मजबूत लोकतंत्र बनता है, जहाँ राज्य सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करता है और किसी का भी वर्चस्व नहीं होता है।

खण्ड-(घ)

(47) मोहनजोदड़ों और हड़प्पा के नगर नियोजन की विशेषताओं को समझाऐ ?

उत्तर- सिंधु घाटी सभ्यता के शहर जीवन की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

1. नगर योजना और निर्माण: सिंधु घाटी सभ्यता में नगरों का विन्यास बहुत उन्नत था। मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, कालीबंगा आदि नगरों में सड़कें जाल की तरह समकोण पर काटती थीं, जिससे शहर आयताकार खंडों में विभक्त थे। नगरों में दुर्ग होते थे जहां शासक वर्ग रहता था और उसके नीचे सामान्य लोगों के लिए ईंटों के मकान बनते थे। नगरों में जल निकासी की विशेष व्यवस्था थी, जहाँ सड़कों के दोनों किनारों पर नालियाँ पक्की और ढकी होती थीं, जिनमें मेनहोल भी बनाए गए थे। हर घर में स्नानागार और आंगन की सुविधा होती थी।

2. सामाजिक जीवन: समाज मुख्य रूप से वर्गहीन और मातृप्रधान था। सामाजिक जीवन व्यवस्थित और समृद्ध था। समाज में व्यापारी, योद्धा, श्रमिक और विद्वान जैसे वर्ग रहते थे। परिवार मजबूत और समाज शांतिप्रिय था।

3. आर्थिक जीवन: कृषि प्रमुख व्यवसाय था। गेहूँ, जौ, चावल, मटर आदि फसल उगाते थे और भेड़, गाय समेत विभिन्न जानवर पालते थे। व्यापार भी उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था। अनेक नगरों में बड़े अन्न भंडार मिले हैं, जो कृषि और खाद्य भंडारण को दर्शाते हैं।

4. आवास और सार्वजनिक सुविधाएँ: मकान पक्की ईंटों से बनाए गए थे, जिनमें शौचालय और स्नान की व्यवस्था थी। नगरों में बड़े स्नानागार और बाजार भी थे। सुरक्षा के लिए शहरों के चारों ओर दीवारें थीं।

5. धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन: लोग मातृदेवी या उर्वरता की देवी की पूजा करते थे। मिट्टी की मूर्तियाँ और कला कार्य पाए गए हैं। कला, शिल्प और सांस्कृतिक जीवन में भी यह सभ्यता अत्यंत विकसित थी।

इस प्रकार, सिंधु घाटी सभ्यता के शहर जीवन में उन्नत नगर नियोजन, स्वच्छता, व्यापक सामाजिक और आर्थिक संगठन तथा समृद्ध सांस्कृतिक परंपराएँ थीं, जो इसे प्राचीन विश्व की सबसे विकसित सभ्यताओं में से एक बनाती हैं।

 (48) अशोक के धम्म नीति का विश्लेषण कीजिए ?

उत्तर- अशोक के धम्म से जुड़ी विशेषताएँ और उनके महत्व को समझने के लिए हमें उनके समय की संदर्भिक जानकारी की आवश्यकता होती है। अशोक एक प्राचीन भारतीय सम्राट थे जो मौर्य वंश के राजा थे। अशोक का धर्म नीति उनके साम्राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में शांति और सामाजिक समर्थन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण था।

अशोक के धम्म की कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

1. अहिंसा और शांति के प्रति प्रतिबद्धता: अशोक ने अपने धर्म के माध्यम से अहिंसा और शांति के महत्व को प्रमोट किया। उन्होंने अपने साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में धर्मशास्त्रों की स्थापना की, जिसमें अहिंसा, संतुलन, और सहिष्णुता के सिद्धांतों का पालन किया जाता था।

2. सामाजिक न्याय और समर्थन: अशोक ने अपने साम्राज्य में सामाजिक न्याय को प्रमोट किया और गरीबों, असहायों, और विपन्न लोगों के लिए समर्थन के प्रोग्राम प्रारंभ किए। उन्होंने धर्मशास्त्रों की रचना की जिनमें समाज के विभिन्न वर्गों को समानता और न्याय के सिद्धांतों का उल्लेख किया गया।

3. पर्यावरण का सम्मान: अशोक ने अपने साम्राज्य में पर्यावरण के प्रति सम्मान को बढ़ाया। उन्होंने वन्य जीवन की संरक्षण के लिए नियम बनाए और वृक्षारोपण के प्रोग्राम शुरू किए।

4. आंतरिक और बाह्य शांति की प्रचारक: अशोक ने अपने साम्राज्य के बाहर भी शांति को प्रमोट किया। उन्होंने धर्म और शांति के सन्देश को सभी समृद्ध और विदेशी राज्यों तक पहुंचाया और अपने शांतिप्रिय नीतियों के माध्यम से संबंधों को सुदृढ़ किया।

अशोक के धर्म के सिद्धांतों और उनके नीतियों के माध्यम से, उन्होंने भारतीय समाज में धर्म, न्याय, और शांति के महत्व को प्रमोट किया और समर्थन किया। उनके धर्म के नीतियों का अध्ययन आज भी लोगों को प्रेरित करता है और उनके संदेश में बुद्धिमत्ता, सामर्थ्य, और सामाजिक समर्थन की भावना को स्थापित करता है।

(49) गौतम बुद्ध के जीवनी एवं उपदेशों का वर्णन करें ?

उत्तर- महात्मा बुद्ध की जीवनी -

महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ई. पू. में कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी ग्राम में हुआ था। इनके पिता शुद्धोधन शाक्य कुल के क्षत्रिय वंश के राजा थे जिनकी राजधानी कपिलवस्तु थी बुद्ध के जन्म के सातवें दिन ही इनकी माता महामाया का देहांत हो गया तथा इनकी मौसी महा प्रजापति गौतमी ने इनका लालन-पालन किया। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। गौतम बुद्ध बचपन से ही चिंतनशील थे, उनकी इन गतिविधियों को देखते हुए 16 वर्ष की आयु में गौतम बुद्ध का विवाह राजकुमारी यशोधरा से हो गई। उनसे एक पुत्र राहुल भी हुआ। गौतम बुद्ध की विचारशील प्रवृत्ति को विलासिता से परिपूर्ण वैवाहिक जीवन भी बदल ना सका। गौतम बुद्ध के जीवन में चार दृश्यों का गहरा प्रभाव पड़ा

1. एक वृद्ध व्यक्ति

2. एक रोग ग्रस्त व्यक्ति

3. एक मृत व्यक्ति

4. एक सन्यासी

जहां प्रथम तीन दृश्यों को देखकर दुःखमय जीवन के प्रति गौतम बुद्ध के मन में गहरा आघात पहुंचा वहीं चौथे दृश्य ने उन्हें दुख निरोध का मार्ग दिखाया।

29 वर्ष की आयु में गौतम बुद्ध ने गृह त्याग दिया, गृह त्याग के बाद ज्ञान की खोज में गौतम बुद्ध ने अलार कलाम एवं रूद्रक रामपुत्र जैसे आचार्य से शिक्षा प्राप्त की। कठोर तपस्या के बाद गौतम बुद्ध को बोधगया में निरंजना नदी के किनारे एक पीपल वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई। ज्ञान प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया। 80 वर्ष की आयु में 483 ई. पू. गौतम बुद्ध की मृत्यु कुशीनगर में हुई।

महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं

बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य

1. दुःख - गौतम बुद्ध के अनुसार समस्त संसार दुःख से भरा है यहां जन्म, मरण, वृद्धावस्था अप्रिय का मिलन, प्रिय का वियोग एवं इच्छित वस्तु का प्राप्त ना होना आदि सभी दुःख है।

2. दुःख समुदाय- समुदाय का अर्थ है कारण । गौतम बुद्ध के अनुसार संसार में दुःखों का कोई ना कोई कारण अवश्य है, उन्होंने समस्त दुःखों का कारण इच्छा बतलाया है।

3. दुःख निरोध- निरोध का अर्थ है दूर करना । गौतम बुद्ध ने दु:ख निरोध या दुःख निवारण के लिए इच्छा का उन्मूलन आवश्यक बताया है।

4. दु:ख निरोध मार्ग- गौतम बुद्ध के अनुसार संसार में प्रिय लगने वाली वस्तु का त्याग ही दुःख निरोध मार्ग है।

दुःख का विनाश करने के लिए गौतम बुद्ध ने जिस सिद्धांत का प्रतिपादन किया उसे अष्टांगिक मार्गे कहा जाता है।

अष्टांगिक मार्ग गौतम बुद्ध द्वारा प्रतिपादित दुःख निरोध हेतु आठ मार्ग निम्नलिखित हैं

1. सम्यक दृष्टि- चार आर्य सत्य की सही परख

2. सम्यक वाणी - धर्म सम्मत एवं मृदु वाणी का प्रयोग

3. सम्यक संकल्प- भौतिक वस्तु एवं दुर्भावना का त्याग

4. सम्यक कर्म - अच्छा काम करना

5. सम्यक अजीव- सदाचारी जीवन जीते हुए ईमानदारी से जीविका कमाना

6. सम्यक व्यायाम - शुद्ध विचार ग्रहण करना, एवं अशुद्ध विचारों को त्यागते रहना।

7. सम्यक स्मृति- अपने कर्मों के प्रति विवेक तथा सावधानी को सदैव स्मरण रखना।

8. सम्यक समाधि- लोभ, द्वेष, आलस, बीमारी एवं अनिश्चय की स्थिति से दूर रहने का उपाय करना ही सम्यक समाधि है।

(50) 1857 विद्रोह के असफल होने के मुख्य कारणों का विश्लेषण कीजिए ?

उत्तर- 1857 के विद्रोह में विद्रोहियों को आरंभिक सफलता तो मिली, परंतु शीघ्र ही वे पराजित होने लगे। दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, झाँसी, कालपी और अन्य स्थानों पर अँगरेजों ने कब्जा जमा लिया। दिसंबर 1858 तक विद्रोह को पूरी तरह दबा दिया गया। इस तरह विद्रोह असफल हो गया जिसके कारण इस प्रकार है-

(i) योग्य नेतृत्व का अभाव विद्रोह मुगल बादशाह - बहादुरशाह के नेतृत्व में हुआ, परंतु उसमें नेतृत्व करने की क्षमता नहीं थी। विद्रोह के अन्य नेताओं में भी आपसी तालमेल नहीं था, वे एक साथ योजना बनाकर युद्ध नहीं करते थे तथा उनमें कुशल सेनापति के गुणों का अभाव था। अतः वे अँगरेज सेनापतियों का सामना नहीं कर सके।

(ii) समय से पूर्व विद्रोह आरंभ- बिना किसी निश्चित योजना के निर्धारित समय के पूर्व ही विद्रोह शुरू हो गया। इससे विद्रोह योजनाबद्ध रूप से नहीं हो सका। एक अंग्रेज इतिहासकार ने लिखा कि "यदि पूर्व निश्चय के अनुसार एक तारीख को सारे भारत मैं स्वाधीनता का युद्ध शुरू होता तो भारत में एक भी अंग्रेज जीवित न बचता।”

(iii) विद्रोह का अनुपयुक्त समय- विद्रोह का समय क्रांतिकारियों के लिए अनुपयुक्त था। उस समय तक लगभग पूरा भारत अँगरेजी सत्ता के अधीन हो चुका था। अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति भी अँगरेजों के अनुकूल थी। अतः, अंग्रेजों ने अपनी सारी शक्ति विद्रोह के दमन में लगा दी।

(iv) विद्रोह का निश्चित उद्देश्य नहीं- विद्रोह में भाग लेनेवाले नायकों का एकसमान उद्देश्य नहीं था। अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए वे इसमें भाग ले रहे थे। यह निश्चित नहीं किया गया था कि क्रांति की सफलता के बाद क्या व्यवस्था होगी। अतः, विद्रोही पूरे मनोयोग से विद्रोह में भाग नहीं ले सके।

(v) संगठन एवं योजना का अभाव- विद्रोहियों में संगठनात्मक दुर्बलता थी। विभिन्न क्षेत्रों के क्रांतिकारी एवं उनके नेता अपनी-अपनी योजनानुसार अलग- अलग कार्य करते रहे। इसके विपरीत अँगरेजों ने योजनाबद्ध रूप से विद्रोह का दमन किया।

(vi) विद्रोहियों के सीमित साधन- अँगरेजों की तुलना में विद्रोहियों के साधन अत्यंत सीमित थे। उनके पास पर्याप्त धन, रसद, गोला-बारूद और प्रशिक्षित सैनिकों का सर्वथा अभाव था। उनके पास आवागमन के साधनों एवं गुप्तचर व्यवस्था का भी अभाव था।

(vii) विद्रोह का सीमित स्वरूप- विद्रोह के स्थानीय एवं सीमित स्वरूप ने भी इसकी विफलता में योगदान दिया। क्रांति का केंद्रबिंदु उत्तरी और मध्य भारत के कुछ भाग ही थे। बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, पंजाब, कश्मीर, उड़ीसा, पश्चिम और दक्षिण भारत में इसका व्यापक प्रभाव नहीं था। दिल्ली को केंद्र बनाने से विद्रोह उतना अधिक नहीं फैल सका जितना फैल सकता था। फलतः विद्रोहों की अत्यधिक, स्थानबद्ध प्रकृति के कारण अँगरेज उनसे एक-एक कर निबटने में कामयाब रहे।

(51) इब्ननतुता के भारतीय समाज के बारे में विचारों का वर्णन करें ?

उत्तर- इब्न बतूता (1333–1342 ई.) मोरक्को का प्रसिद्ध यात्री था। वह मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में भारत आया और अपने अनुभवों को रिहला नामक पुस्तक में लिखा। उसके विवरण से तत्कालीन भारतीय समाज की स्पष्ट तस्वीर मिलती है।

भारतीय समाज पर इब्न बतूता के प्रमुख विचार

1. जाति व्यवस्था- उसने भारत में कठोर जाति-प्रणाली का उल्लेख किया और बताया कि ऊँच-नीच का भेद समाज में गहराई से व्याप्त था।

2. स्त्रियों की स्थिति- उसने सती प्रथा, पर्दा प्रथा तथा स्त्रियों की सीमित स्वतंत्रता का वर्णन किया, साथ ही कुछ क्षेत्रों में स्त्रियों के सामाजिक सम्मान का भी उल्लेख किया।

3. अतिथि-सत्कार- भारतीय समाज को उसने अतिथि-प्रिय बताया। यात्रियों और विद्वानों को सम्मान एवं दान दिया जाता था।

4. धार्मिक सहिष्णुता- भारत में विभिन्न धर्मोंहिंदू, बौद्ध और इस्लामके सह-अस्तित्व की चर्चा की, हालाँकि धार्मिक आडंबरों की आलोचना भी की।

5. न्याय व्यवस्था- उसने दिल्ली सल्तनत की कठोर दंड व्यवस्था का उल्लेख किया, विशेष रूप से अपराधियों को दी जाने वाली सजाओं का।

6. आर्थिक एवं सामाजिक जीवन- उसने भारत को समृद्ध देश बतायायहाँ के बाज़ार, व्यापार, कृषि और हस्तशिल्प की प्रशंसा की।

(52) भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए ?

उत्तर- भारतीय संविधान के निर्माण में कुल 2 वर्ष 11 माह एवं 18 दिन लगे। इसके निर्माण हेतु संविधान सभा के कुल 11 अधिवेशन एवं 165 बैठक हुई। संविधान में कुल 395 अनुच्छेद एवं 8 अनुसूचियों को शामिल किया गया।

भारतीय संविधान की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

(1) यह लिखित, निर्मित एवं विश्व का विशालतम संविधान है।

(2) संविधान की प्रस्तावना में प्रभुत्व सम्पन्न, लोकतंत्रात्मक, पन्थनिरपेक्ष एवं समाजवादी गणराज्य की स्थापना की बात कही गई है।

(3) संविधान द्वारा भारत में संसदीय शासन प्रणाली की स्थापना की गई है।

(4) राज्य के लिए नीति-निर्देशक तत्वों का समावेश किया है।

(5) नागरिकों के मूल अधिकार एवं कर्त्तव्यों को दिया गया है।

(6) भारतीय संविधान लचीलेपन एवं कठोरता का अद्भुत मिश्रण है।

(7) वयस्क मताधिकार का प्रावधान किया गया है।

(8) एकल नागरिकता का प्रावधान किया गया है।

(9) स्वतन्त्र न्यायपालिका की स्थापना की गई है।

(10) भारत के एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना की बात की गई है।

भारतीय संविधान में समय-समय पर आवश्यकतानुसार संशोधन करने का प्रावधान है। वर्तमान में भारतीय संविधान में 450 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ तथा 22 भाग हैं। भारत के संविधान का स्रोत भारतीय जनता है।

Model Question Solution 




















12th इतिहास (History) MVVI Objective Question

12th JAC History Model Paper Solution 2022-23

12th History Set -3 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023

12th History  Set -2 Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023

12th History Koderma PROJECT RAIL 2.0 MODEL QUESTION PAPER-2023 SET -1

12th History Model Set-5 2022-23

12th History Model Set-4 2022-23

12th History Model Set-3 2022-23

12th History Model Set-2 2022-23

12th History Model Set-1 2022-23

History MODEL (Mock) TEST 2022 

History Model Question Solution Set-1 Term-2 (2021-22)

History Model Question Solution Set-2 Term-2 Exam. (2021-22)

History Model Question Solution Set-3 Term-2 Exam. (2021-22)

History Model Question Solution Set-4 Term-2 (2021-22)

History Model Question Solution Set-5 Term-2 (2021-22)

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