प्रोजेक्ट परख (तैयारी उड़ान की)
वर्ग : XII विषय :- अर्थशास्त्र Set-5
पूर्णांक : 80 कुल समय: 3 घंटे 15 मिनट
01. इस प्रश्न-पुस्तिका में दो भाग-A तथा भाग B है।
02. भाग-A में 30 अंक के बहुविकल्पिक प्रश्न तथा भाग B में 50 अंक के विषयनिष्ट प्रश्न है।
03. परीक्षार्थी को अलग से उपलब्ध कराई गई उत्तर पुस्तिका में उत्तर देना है।
04. भाग- A इसमें 30 बहुविकल्पिक प्रश्न हैं जिनके 04 विकल्प (A,B,C, तथा D) है। परीक्षार्थी को उत्तर पुस्तिका में सही उत्तर लिखना है। सभी प्रश्न अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का है। गलत उत्तर के लिए कोई अंक काटा नहीं जायेगा।
05. भाग-B इस भाग में 03 खण्ड खण्ड A, B तथा C है। इस भाग में अतिलघु उत्तरीय, लघु उत्तरीय तथा दीर्घ उत्तरीय प्रकार के विषयनिष्ट प्रश्न है। कुल प्रश्न की संख्या 22 है।
खण्ड A- प्रश्न संख्या 31-38 अति लघु उत्तरीय है। किन्हीं 06 प्रश्नो के उत्तर दे। प्रत्येक प्रश्न 02 अंक का है।
खण्ड B- प्रश्न संख्या 39-46 लघु उत्तरीय है। किन्हीं 06 प्रश्नो के उत्तर दे। प्रत्येक प्रश्न 03 अंक का है। प्रत्येक
प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दे।
खण्ड C- प्रश्न संख्या 47-52 दीर्घ उत्तरीय है। किन्हीं 04 प्रश्नो के उत्तर दे। प्रत्येक प्रश्न 05 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दे।
06. परीक्षार्थी यथासम्भव अपने शब्दों में ही उत्तर दे।
खण्ड-क सभी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उतर दें।
1. उपयोगिता के क्रमवाचक विश्लेषण का प्रतिपादन किसने किया था?
(a)
एडम स्मिथ
(b)
मार्शल
(c) हिक्स और एलेन
(d)
कीन्स
2. उपभोक्ता की आय बढ़ने से किस प्रकार की वस्तु की माँग घटती है?
(a) घटिया वस्तु
(b)
पूरक वस्तु
(c)
सामान्य वस्तु
(d)
इनमें से कोई नहीं।
3. उत्पादन फलन को व्यक्त करता है-
(a)
Qx = Dx
(b) Qx = f(L,K,N,T,E)
(c)
Qx = Px
(d)
इनमें से कोई नहीं।
4. किस बाजार में AR = MR होता है?
(a) पूर्ण प्रतियोगिता
(b)
एकाधिकार
(c)
एकाधिकार प्रतियोगिता
(d)
अल्पाधिकार
5. " पूर्ति अपने लिए माँग का सृजन स्वयं कर लेती है।" यह
किसने कहा ?
(a)
एडम स्मिथ
(b)
हिक्स
(c)
मार्शल
(d) जे. बी. से
6. निम्नलिखित में से किस कर को कागजी कर कहा जाता है?
(a)
आयकर
(b)
निगम कर
(c) संपति कर
(d)
सीमा शुल्क
7. अर्थशास्त्र की भाषा में निवेश शब्द से क्या अभिप्राय है?
(a)
शेयर का क्रय
(b)
जमीन का क्रय
(c)
बीमा योजना में मुद्रा खर्च करना
(d) पूँजीगत वस्तुओं के स्टॉक में वृद्धि
8. वस्तुओं और सेवाओं के अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के संतुलन को क्या
कहा जाता है?
(a)
बाजार संतुलन
(b)
उपभोक्ता संतुलन
(c) व्यापार संतुलन
(d)
भुगतान संतुलन
9. सामान्यत एक औसत उत्पाद वक्र का आकार होता है?
(a)
एक सरल रेखा
(b)
'U' आकार का
(c) अतिपरवलीय
(d)
उल्टे 'U' आकार का
10. निम्नलिखित चित्र प्रदर्शित करता है-
(a)
बेलोचदार माँग
(c) पूर्णतः बेलोचदार माँग
(b)
पूर्णतः लोचदार माँग
(d)
अधिक लोचदार माँग
11. आर्थिक महामंदी किस वर्ष में उत्पन्न हुई?
(a) 1929
(b)
1932
(c)
1936
(d)
1945
12. समष्टि अर्थशास्त्र का जनक किसे कहा जाता है?
(a)
एडम स्मिथ
(b)
रॉबिन्स
(c)
मार्शल
(d) जे. एम. कीन्स
13. वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रवाह में वृद्धि हुए बिना मौद्रिक प्रवाह
में वृद्धि होने से अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव होगा?
(a) मुद्रा स्फीति
(b)
मुद्रा संकुचन
(c)
रोजगार का ह्रास
(d)
मंदी
14. राष्ट्रीय आय को जनसंख्या से भाग करने पर क्या प्राप्त होता है?
(a) प्रति व्यक्ति आय
(b)
निजी आय
(c)
वैयक्तियक आय
(d)
वैयक्तियक प्रयोज्य आय
15. भारत में एक रुपया का नोट कौन जारी करता है?
(a)
भारतीय रिजर्व बैंक
(b) भारत सरकार का वित मंत्रालय
(c)
भारतीय स्टेट बैंक
(d)
इनमें से कोई नहीं।
16. व्यापारिक बैंक के प्राथमिक कार्य में से कौन है?
(a)
जमाएँ स्वीकार करना
(b)
ऋण देना
(c)
साख निर्माण
(d) उपर्युक्त सभी
17. केन्सियन विचारधारा के अंतर्गत आय के संतुलन का निर्धारक निम्न
में से कौन है?
(a)
सामूहिक माँग
(b)
सामूहिक पूर्ति
(c) a और b दोनों
(d)
इनमें से कोई नहीं।
18. सीमांत उपभोग प्रवृति 1 हो तो गुणक क्या होगा?
(a)
0
(b)
1
(c)
0 और 1 के बीच
(d) अनन्त
19. बजट शब्द की उत्पति हुई?
(a) फ्रेंच शब्द
(b)
अंग्रेजी शब्द
(c)
संस्कृत शब्द
(d)
लैटिन शब्द
20. अर्थव्यवस्था में विनिमय दर कौन निश्चित करता है?
(a)
सरकार
(b)
विश्व बैंक
(c) माँग तथा पूर्ति
(d)
वित मंत्री
21. उत्पादन संभावना वक्र का ढाल गिरता है-
(a) बाएं से दाएं
(b)
दाएं से बाएं
(c)
नीचे से ऊपर
(d)
ऊपर से नीचे
22. आर्थिक समस्या मूलतः किस तथ्य की समास्या है?
(a)
फर्म चयन की
(b) चुनाव की
(c)
उपभोक्ता चयन की
(d)
साधनों का आवंटन
23. जब कुल उपयोगिता घटने लगता है तो सीमांत उपयोगिता -
(a)
धनात्मक
(b) ऋणात्मक
(c)
शून्य
(d)
अनन्त
24. कॉफी के मूल्य में वृद्धि होने से चाय की मांग क्या होगी?
(a) बढ़ती है
(b)
घटती है
(c)
स्थिर रहती है
(d)
इनमें से कोई नहीं।
25. पैमाने के प्रतिफल की अवस्थाएँ होती है-
(a)
2
(b)
4
(c)
5
(d) 3
26. एक फर्म अपने स्थिर साधनों को किस अवधि में नहीं बदल सकती
(a)
कभी भी
(b)
दीर्घकाल में
(c) अल्पकाल में
(d)
उपरोक्त सभी।
27. फर्म के संतुलन की प्रथम शर्त है-
(a) MC = MR
(b)
MR = TR
(c)
MR = AR
(d)
AC=AR
28. वस्तु की पूर्ति के निर्धारक घटक कौन-से है?
(a)
वस्तु की कीमत
(b)
संबंधित वस्तुओं की कीमत
(c)
उत्पादन साधनों की कीमत
(d) उपर्युक्त सभी
29. निम्नलिखित में किसने कीमत निर्धारण प्रकिया में समय तत्व पर विचार
प्रस्तुत किया?
(a)
जे. के. मेहता
(b) मार्शल
(c)
वालरस
(d)
रिकार्डो
30. एकाधिकार की विशेषता है-
(a)
विक्रेताओं की अधिक संख्या
(b)
फर्म का स्वतंत्र प्रवेश तथा छोड़ना
(c) एक विक्रेता तथा अधिक क्रेता
(d)
अधिक विक्रेता तथा एक क्रेता
खण्ड ख अति लघु उत्तरीय प्रश्न- 2x6=12
31. सकल राष्ट्रीय उत्पाद से आप क्या समझते
है?
उत्तर- किसी दिन के नागरिकों द्वारा 1 वर्ष में उत्पादित
अंतिम वस्तुओं सेवाओं का मौद्रिक मूल्य उस देश सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है, चाहे
वह उत्पादन भारत में रह रहे भारतीयों द्वारा किया जाए अथवा विदेशों में रह रहे, उसे
सकल राष्ट्रीय उत्पाद में शामिल किया जाता है। GNP = GDP (X-M)
X = देशवासियों द्वारा विदेश में अर्जित आय
Y = विदेशियों द्वारा देश में अर्जित आय
32. वस्तु विनिमय प्रणाली में क्या कठिनाईयाँ
होती थी?
उत्तर- वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाई
1. आवश्यकताओं के दोहरे संयोग
2. मूल्य संचय का अभाव
3. वस्तु के विभाजन की कठिनाई
4. मूल्य के समान मापदंड का अभाव
5. हस्तांतरण का अभाव
33. किसी वस्तु की पूर्ति को प्रभावित करने
वाले कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
1. वस्तु की कीमत
2. उत्पादन साधनों की
3. प्रोद्योगिकी परिवर्तन
34. खुली अर्थव्यवस्था से आप क्या समझते है?
उत्तर- खुली अर्थव्यवस्था एक ऐसी अर्थव्यवस्था हैं जिसमें
अन्य राष्ट्रों के साथ वस्तुओं और सेवाओं तथा वित्तीय परिसंपतियों का भी व्यापार किया
जाता है।
35. माँग की कीमत लोच का सूत्र लिखें।
उत्तर- मांग की लोंच = (-) मांग में प्रतिशत परिवर्तन / मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन
`=(-)\frac{\Delta Q}{\Delta P}\times\frac PQ`
36. एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में श्रम
की इष्टतम मात्रा किस प्रकार निर्धारित होता है?
उत्तर-
एक पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में श्रम बाजार में श्रम की माँग फर्म द्वारा की जाती
है। फर्म से अभिप्राय श्रमिकों के कार्य के घंटों से है न कि श्रमिकों की संख्या से।
प्रत्येक फर्म का मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ प्राप्त करना है। फर्म को अधिकतम लाभ तभी
प्राप्त होता है जब मजदूरी श्रम की सीमांत आगम उत्पादकता के बराबर होती है।
खण्ड – ग लघु उत्तरीय प्रश्न- 3 x 6 =18
37. सम सीमांत उपयोगिता नियम की व्याख्या करें।
उत्तर- सम सीमांत उपयोगिता नियम के अनुसार जब एक उपभोक्ता एक से अधिक वस्तुओं का उपभोग करता है तो उसे अपनी सीमित आय से अधिकतम संतुष्टि उस बिंदु पर प्राप्त होगी जहाँ वह अपनी आय को विभिन्न वस्तुओं पर इस प्रकार व्यय करे कि प्रत्येक वस्तु से प्राप्त सीमांत उपयोगिता एंव उनके कीमत का अनुपात आपस में बराबर हो जाए। इसे शोसेन का द्वितीय नियम भी कहतें हैं। अतः कुल संतुष्टि उपयोगिता एंव उनके कीमत का अनुपात एक दूसरे के बराबर हो। अर्थात्
`\frac{MU_x}{P_x}=\frac{MU_y}{P_y}=\frac{MU_z}{P_z}=\frac{MU_n}{P_n}`
38. बाजार माँग के निर्धारक तत्वों को बतायें।
उत्तर- बाजार माँग के निर्धारक तत्व-
1.
उपभोक्ता की संख्या
2.
उपभोक्ता की आय
3.
जलवायु और मौसम
4.
रूचि, फैशन और रीति-रिवाज
5.
जनसंख्या
39. एकाधिकार की विशेषताओं को लिखें।
उत्तर- एकाधिकार की विशेषताएँ-
1.
एकाधिकार की स्थिति में केवल एक ही उत्पादक या विक्रेता होता है।
2.
एक विक्रेता होने के फलस्वरूप पूर्ति के ऊपर विक्रेता का पूर्ण नियंत्रण होता है।
3.
एकाधिकारी द्वारा उत्पादित वस्तु की कोई दूसरी वस्तु नजदीकी स्थानापन्न नहीं होती है,
अर्थात् जहाँ पर फर्म द्वारा उत्पादित वस्तु एंव बाजार में बेची जाने वाली अन्य वस्तुओं
के बीच माँग की तिर्यक लोच शून्य होती है।
4.
एकाधिकारी उद्योग में अन्य फर्में प्रविष्ट नहीं हो सकती है।
5.
एकाधिकारी में फर्म तथा उद्योग में अन्तर नहीं रहता है क्योंकि एकाधिकार में एक ही
फर्म होती है जो उत्पादन करती है। इस प्रकार फर्म ही उद्योग है और उद्योग ही फर्म है।
6.
एकाधिकारी की स्थिति में मूल्य-विभेद संभव हो सकता है अर्थात् एकाधिकारी ऐसी स्थिति
में होता है जो कि अपनी उत्पादित वस्तु की विभिन्नता इकाइयों को अलग-अलग उपभोक्ताओं
को अलग-अलग मूल्य पर बेच सकता है।
40. व्यापार शेष तथा भुगतान शेष में अंतर स्पष्ट
करें।
उत्तर- व्यापार शेष-
1.
व्यापार शेष से अभिप्राय वस्तुओं के निर्यात और आयात की मात्रा के अंतर से है।
2.
व्यापार से इसमें केवल दृश्य मदें शामिल होती है।
3.
यह संकीर्ण अवधारणा है क्योंकि यह भुगतान शेष के खाते का एक हिस्सा है।
4.
भुगतान शेष अनुकूल होने पर भी व्यापार शेष प्रतिकूल हो सकता है।
भुगतान
शेष-
1.
यह एक लेखा विवरण है जो दिए गए समय अंतराल में एक देश के निवासियों तथा शेष विश्व के
मध्य सभी आर्थिक सौदों का विवरण है।
2.
भुगतान शेष में दृश्य मदें, अदृश्य मदें एकतरफा हस्तांतरण तथा पूर्जी हस्तांतरण शामिल
होते है।
3.
विस्तृत अवधारणा है और इसमें व्यापार शेष शामिल हैं।
4.
अनुकूल भुगतान शेष होने पर भी प्रतिकुल व्यापार शेष प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
41. एक सरकारी बजट में प्राथमिक घाटा 500 करोड़
है तथा ब्याज का भुगतान में 200 करोड़ है। राजकोषीय घाटा कितना है?
उत्तर- प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा
- ब्याज का भुगतान
500
करोड़ = राजस्व घाटा - 200 करोड़
राजकोषीय
घाटा = 500 करोड़ + 200 करोड़
=
700 करोड़
42. अल्पकालीन सीमांत लागत वक्र 'U' आकार का
क्यों होता है?
उत्तर- अल्पकालीन औसत लागत वक्र U
आकार का होता है।
इसके
दो कारण है-
पहला,
उत्पादन में परिवर्तनशील अनुपात के नियम का लागू होना। इस नियम के अनुसार जैसे-जैसे
उत्पादन के साधनों को बढ़ाया जाता है प्रारंभ में उत्पादन तेजी से बढ़ता है अपने अधिकतम
स्तर को प्राप्त करने के बाद उत्पादन में कमी आने लगती है। जिसके कारण प्रारंभ में
SAC वक्र गिरती है।
दूसरा,
SAC वक्र, औसत परिवर्तनशील लागत (AVC) तथा औसत स्थिर (AFC) लागत का योग होता है। प्रारंभ
में AVC तथा AFC दोनों वक्र गिरतें है AFC में लगातार कमी होती है जबकि AVC अपनी न्यूनतम
को प्राप्त करने के बाद बढ़ने लगती है। यही कारण है कि पहले SAC वक्र गिरता है अपनी
न्यूनतम बिंदु को प्राप्त करने के बाद बढ़ने लगता है। अतः इसका आकार अंग्रेजी के
'U' अक्षर के समान होता है।
इसे
निम्न रेखा चित्र द्वारा स्पष्ट कर सकते है-
खण्ड घ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
किन्ही 4 प्रश्नों के उतर दें। 5x4=20
43. व्यवसायिक बैंकों के कार्यों का वर्णन
करें।
उत्तर- व्यावसायिक बैंक के कार्य-
1. जमा स्वीकार करना- जनता से जमा स्वीकार करना व्यापारिक बैंकों का सबसे प्रमुख
कार्य है। बैंक निम्नांकित प्रकार के जमा स्वीकार करता है-
(क) सावधि जमा खाता (fixed
deposite account)- इस
खाते में जमा एक निश्चित समय के लिए ही किया जाता है। सामान्यतया 6 माह से 5 वर्ष के
लिए जमा स्वीकार किए जाते है। इस जमा पर ब्याजदर अन्य जमाओं से अधिक होता है।
(ख) चालू खाता- चालू खाता वे खाते होते है जिनमें जमा राशि का जमाकर्ता
अपनी इच्छानुसार जब चाहें तब धन निकाल सकता है। ये बैंक के माँग जमा होते है।
(ग) बचत बैंक खाता- बचत बैंक खाते में स्वीकार किये गए रुपयों पर जमा की राशि
निकासी की राशि तथा निकासी की संख्या पर कुछ प्रतिबंध होता है। इसमें ब्याज की दर कम
होती है।
(घ) गृह बचत खाता- अल्प बचत को प्राप्त करने का यह सबसे प्रभावपूर्ण तरीका
है। इसके अन्तर्गत घरों में गुल्लक रख दिए जाते है जिसमें लोग अपनी अल्प बचतें डालतें
जातें है। निश्चित समय के बाद गुल्लक खोलकर बैंक में रुपया जमा कर दिया जाता है।
2. ऋण देना - बैंक विभिन्न प्रकार के जमाओं के माध्यम से जनता से जमा स्वीकार
करते है तथा ऋणों, अग्रिमों अधिविकर्षों तथा नकद साख के रूप में लोगों को उधार देते
है। बैंक ऋण देते समय लाभदेयता, तरलता तथा सुरक्षा के सिद्धान्त का पालन करता है। बैंक
प्रायः निम्नांकित प्रकार के ऋण देता है-
(क) सामान्य ऋण या प्रत्यक्ष ऋण
प्रत्यक्ष ऋण- वे ऋण हैं जो
बैंक उत्पादकों तथा व्यापारियों को किसी प्रतिभूति के आधार पर देता है।
(ख) माँग पर मुद्रा- ऐसे ऋण जो बहुत ही अल्प समय के लिए प्रतिभूतियों की आड़ में दिए
जाते है जिन्हें बैंक अल्प सूचना पर निकाल सकता है माँग पर मुद्रा या के नाम से जाने
जाते है।
(ग) नकद साख- नकद साख के अंतर्गत बैंक निश्चित प्रतिभूति के बदले ऋण देता
है।
(घ) बैंक अधिविकर्ष- यह एक विशिष्ट प्रकार का ऋण है जो बैंक अपने विश्वसनीय ग्राहकों
को प्रदान करता है। इसके अंतर्गत बैंक अपने ग्राहकों को उनके द्वारा खातें में जमा
राशि से अधिक निकासी गयी राशि पर बैंक ब्याज देता है।
3. साख मुद्रा का सृजन- बैंक केवल मुद्रा के जमाकर्ता ही नहीं बल्कि साख मुद्रा
के सृजक भी है। बैंक का यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। बैंक ऋण प्रदान करने की
प्रक्रिया में साख मुद्रा का सृजन करते है।
4. विदेशी मुद्रा का क्रय-विक्रय- व्यापारिक बैंक सामान्यतया विदेशी मुद्राओं का क्रय विक्रय
भी करता है। कहीं-कहीं यह कार्य विदेशी विनिमय बैंकों द्वारा या देश के केन्द्रीय बैंक
द्वारा सम्पादिल किये जाते है।
5. अभिकर्ता संबंधी कार्य- बैंक
अपने ग्राहकों के लिए उनके स्थान पर कुछ सेवाएं कार्य करते है। इस सेवाओं को अभिकर्ता
संबंधी कार्य करते है। इन कार्यों को पूरा करने के लिए बैंक अपने ग्राहकों से कुछ कमीशन
प्राप्त करता है।
44. माँग की रेखा नीचे दाहिनी ओर क्यों गिरती
है?
उत्तर- माँग वक्र की ढाल ऋणात्मक होती
है अर्थात् यह वक्र बाएं से दाएं नीचे गिरती है जिसका अर्थ है कि कीमत कम होने पर अधिक
वस्तुएँ खरीदी जाती है और अधिक होने पर कम वस्तुएँ खरीदी जाती है।
माँग
वक्र की ढाल ऋणात्मक होने या माँग की रेखा के दाहिनी ओर गिरने के निम्न कारण है-
(क) आय प्रभाव- किसी
वस्तु की कीमत में कमी होती है तो उसकी पूर्व की मात्रा को क्रय करने पर उपभोक्ता को
पहले से कम व्यय करना पड़ता है। इससे उपभोक्ता की वास्तविकता आय बढ़ जाती है जिससे
वह वस्तु की अधिक मात्रा को क्रय कर सकता है।
(ख) प्रतिस्थापन प्रभाव- जब
किसी वस्तु की कीमत में कमी होती है तो वह अन्य वस्तु की तुलना में सस्ती हो जाती है।
सामान्यतः उपभोक्ता महँगी वस्तु की जगह वस्तु की प्रतिस्थापित करता है जिससे वस्तु
की माँगी गई मात्रा बढ़ जाती है तथा कीमत बढ़ने पर माँग घट जाती है।
(ग) घटती सीमांत उपयोगिता का नियम-
एक उपभोक्ता किसी वस्तु के लिए उतनी ही कीमत देना चाहता है जितना उस वस्तु से सीमांत
उपयोगिता प्राप्त होती है। जब उपभोक्ता वस्तु की अगली इकाई खरीदेगा तो उससे मिलने वाली
सीमांत उपयोगिता कम होगी तो वह उस वस्तु की अगली इकाई को तभी खरीदेगा जब उसे उसके लिए
कम कीमत देनी पड़े। अतः कीमत में कमी से माँग बढ़ेगी।
(घ)
वस्तु के वैकल्पिक प्रयोग- वस्तु के वैकल्पिक प्रयोग
किए जा सकते है। जब वस्तु महँगी होती है तो उसका प्रयोग केवल अधिक उपयोगी कार्य के
लिए ही किया जाता है जैसे कम कीमत होती है उसका उपयोग अन्य कम उपयोगी कार्यों के लिए
भी किया जाता है जिससे उसकी माँग बढ़ती जाती है।
(ड़) उपभोक्ता की संख्या- जब
वस्तु की कीमत बढ़ती है तो उपभोक्ता की संख्या कम हो जाती है क्योंकि वस्तु कुछ उपभोक्ताओं
की पहुँच से बाहर हो जाता है इसी प्रकार जब वस्तु की कीमत घटती है तो नए उपभोक्ता बाजार
में जुड़ जाते है अतः कीमत में कमी से माँग बढ़ जाती है।
45. गुणक क्या है? यह MPC से किस प्रकार संबंधित
है? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर- कीन्स द्वारा प्रतिपादित आय,
उत्पादन एंव रोजगार सिद्धान्त का एक महत्वपूर्ण अंग है।
गुणक
का सिद्धान्त, कीन्स के अनुसार जब अर्थव्यवस्था में स्वतंत्र निवेश किया जाता है तब
आय में जो वृद्धि होती है वह स्वतंत्र निवेश से कई गुणा अधिक होती है। निवेश की तुलना
में आय में जितनी गुणा की वृद्धि होती है उसे ही निवेश गुणक कहतें है।
अर्थात्
K = ΔΥ/ΔΙ
या
ΔΥ = Κ.ΔΙ
इस
प्रकार गुणक आय में परिवर्तन से निवेश में परिवर्तन का अनुपात है या यह वह अंक है जिसे
निवेश में परिवर्तन से गुणा करके आय में हुई वृद्धि को प्राप्त किया जा सकता है। गुणक
और MPC के बीच संबंध-
गुणक
की माप MPC पर निर्भर करती है।
`K=\frac1{1-MPC}`
इसे हम निम्न रूप से स्पष्ट कर सकते हैं
चूंकि K = ΔΥ/ΔΙ -----(1)
हम जानते हैं
Y
= C + I
इसलिए ΔY = ΔC + ΔI -----(2)
समीकरण (1) में (2) का मान रखने पर
`K=\frac{\Delta Y}{\Delta Y-\Delta C}`
समीकरण के दाहिने भाग को ΔY से भाग देने पर
`K=\frac{\frac{\Delta Y}{\Delta Y}}{{\frac{\Delta Y}{\Delta Y}}-{\frac{\Delta C}{\Delta Y}}}`
`K=\frac1{1-MPC}` (क्योंकि ΔΥ/ΔC = MPC)
`K=\frac1{MPS}` (क्योंकि MPC + MPS =1)
इस प्रकार स्पष्ट है कि गुणक का मान MPC पर निर्भर करता है
MPC का मान जितना अधिक होगा गुणक का मान भी उतना ही अधिक होगा। MPC का मान 0 से 1 के
बीच होता है। अतः गुणक का मान भी 1 से अनंत के बीच होगा। MPC का गुणक से सीधा संबंध
है जबकि MPC से इसका संबंध उल्टा है।
46. एकाधिकार तथा पूर्ण प्रतियोगिता की तुलनात्मक
स्थिति का व्याख्या करें।
उत्तर-
तुलना का आधार |
पूर्ण प्रतियोगिता |
एकाधिकार |
1. फर्मों की संख्या |
अत्याधिक |
एक |
2.
प्रवेश संबंधी सुविधा |
स्वतंत्र |
प्रवेश पूर्ण वर्जित |
3.
वस्तु का स्वभाव |
पूर्ण सहजातीय |
स्वतंत्र वस्तु नजदीकी स्थानापन्न |
4.
उत्पादन तथा मूल्य निर्धारण |
केवल उत्पादन समायोजन मूल्य निर्धारण नहीं |
दोनों उत्पादन तथा मूल्य निर्धारण |
5.
पूर्ति वक्र तथा लागत वक्र का स्वरूप |
लागत वक्र U आकार, पूर्ति वक्र विलक्षण तथा निर्धारण अल्पकाल में MC से
संबंधित |
लागत वक्र U आकार, पूर्ति वक्र MC से नहीं संबंधित अनिवार्य |
6.
आय वक्र स्वरूप AR,MR तथा e के
बीच संबंध |
AR
तथा आधार अक्ष के समानांतर AR,MR
तथा e के बीच संबंध नही |
AR
तथा नीचे गिरते हुए, AR,MR तथा e के बीच संबंध MR
= AR (1-1/e) |
7.
संस्थिति की स्थिति तुलना का आधार |
दीर्घकालीन संस्थिति की स्थिति में AR = MR = AC = MC |
दीर्घकाल में MR = MC पर AR इससे अधिक |
8.
लाभ की स्थिति |
अल्पकाल में असामान्य, सामान्य लाभ तथा हानि की स्थिति
दीर्घकाल में केवल सामान्य लाभ |
अल्पकाल में असामान्य, सामान्य लाभ तथा हानि की स्थिति,
दीर्घकाल में असामान्य लाभ स्थिति |
9. मूल्य, उत्पादन क्षमता तथा उपभोक्ता के शोषण |
दीर्घकाल में उत्पादन AC के न्यूनतम बिंदु पर, निष्क्रिय
उत्पादन क्षमता का अभाव, साधनों का अनुकूलतम पूर्ण शोषण, उपभोक्ता की दृष्टि से उतम |
दीर्घकाल में उत्पादन AC के न्यूनतम बिंदु से बायीं ओर,
निष्क्रिय उत्पादन क्षमता, मूल्य अपेक्षाकृत ऊँचा तथा उत्पादन कम इसलिए उपभोक्ता
का शोषण |
47. जीडीपी (GDP) से राष्ट्रीय आय की गणना
आप कैसे करेगे। व्याख्या कीजिए।
उत्तर- जीडीपी (GDP)- एक देश के घरेलू सीमा के अंदर
एक लेखा वर्ष में सभी उत्पादकों चाहे वे देश के निवासी हो या गैर निवासी के द्वारा
जितनी भी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन होता है उनके बाजार कीमत के योग को सकल
घरेलू उत्पाद कहा जाता है।
राष्ट्रीय आय- एक देश के घरेलू सीमा के अंदर एक वित्त वर्ष में सभी उत्पादकों
द्वारा उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य तथा विदेशों से प्राप्त शुद्ध
साधन आय का योग राष्ट्रीय आय कहलाता है।
GDP की सहायता से राष्ट्रीय आय की गणना तीन विधियों से हो
सकती है-
(क) आय विधि -
GDP = कर्मचारियों का परिश्रमिक + परिचालन अधिशेष + स्वनियोजितों
की आय + घिसावट शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
राष्ट्रीय आय = GDP + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
(ख) उत्पाद विधि –
GDP = बाजार कीमत पर प्राथमिक क्षेत्र का सकल मूल्यवृद्धि
+ द्वितीय क्षेत्र का सकल मूल्य वृद्धि + तृतीय क्षेत्र का सकल मूल्य वृद्धि
राष्ट्रीय आय = GDP + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
– घिसावट शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(ग) व्यय विधि -
GDP = निजी अंतिम उपभोग व्यय + सरकारी अंतिम उपभोग व्यय
+ सकल घरेलू स्थिर पूँजी निर्माण + शुद्ध निर्यात
राष्ट्रीय आय = GDP + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
- घिसावट व्यय - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
इस प्रकार राष्ट्रीय आय की गणना में GDP एक महत्वपूर्ण पक्ष
है।
48. सरकारी बजट क्या है? इसके क्या उद्देश्य
है?
उत्तर- बजट सरकार की प्रत्याशित आय तथा प्रत्याशित व्यय का
ऐसा ब्यौरा है जो वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के अनुमानों को प्रकट करता
है। इसमें बीतें वर्ष की उपलब्धियों तथा कमियों से संबंधित रिपोर्ट भी सम्मिलित होती
है। अन्य शब्दों में सरकारी बजट एक वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान सरकार की अनुमानित
आय और व्ययों का विवरण होता है।
सरकारी बजट का उद्देश्य निम्नलिखित है-
(क) आय की असमानताओं को दूर की जा सकती है इसके अंतर्गत निम्नलिखित आय को अपनाया जा सकता है
1. अमीरों की आय पर प्रगतिशील कर प्रणाली का प्रयोग करके
अधिक कर लगाकर तथा उससे प्राप्त आय को गरीबों के कल्याण पर खर्च करके आय असमानता को
दूर की जा सकती है।
2. अमीरों के द्वारा प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं पर अधिक
कर लगाकर अमीरों की प्रयोज्य आय कम की जा सकती है।
3. गरीबों को आर्थिक सहायता देकर शिक्षा एंव स्वास्थ्य सेवाएं
मुक्त देकर और सस्ती दर पर राशन उपलब्ध कराकर आय में विषमता कम की जा सकती है।
4. सार्वजनिक व्यय द्वारा भी आय एंव संपति की समानता लाने
में सहायता मिल सकती है और इस व्यय के लिए राजस्व अमीरों पर प्रत्यक्ष एंव अप्रत्यक्ष
करों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
(ख) संसाधनों का कुशल आबंटन-
संसाधनों का कुशल वितरण
को पूर्ण रूपेण बाजार की शक्तियों पर नहीं छोड़ा जा सकता इसीलिए देश के विभिन्न क्षेत्रों
का प्राथमिकताओं के अनुसार सामाजिक और आर्थिक संतुलन विकास करना बजट का एक महत्वपूर्ण
उद्देश्य है। इसके लिए कर नीति और आर्थिक सहायता की नीति बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध हो
सकती है।
1. वांछनीय वस्तुओं पर आर्थिक सहायता दी जा सकती है जैसे
शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन आदि अनुपातों सरकारी क्षेत्र द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराया जा
सकता है।
2. अवांछनीय वस्तुओं पर उच्च दर पर कर लगाया जा सकता है और
पूर्ति में भी कमी की जा सकती है। जैसे- सिगरेट, शराब, तंबाकू आदि।
(ग) आर्थिक स्थिरता कर आर्थिक सहायता-
सार्वजनिक व्यय के माध्यम
से सरकार समग्र माँग को नियंत्रित करके मंदी व तेजी अथवा स्फीती अपस्फीती पा सकती है
जिससे आर्थिक स्थिरता लाई जा सकती है यह इस प्रकार किया जाता है-
1. स्फीती के समय सरकार अपने व्यय में कमी करती है और करों
में वृद्धि होती है इससे समग्र माँग कम हो जाती है। समग्र माँग कम होने से स्फीती अंतराल
समग्र हो जाता है। कीमत नियंत्रित हो जाती है तो स्फीतीकारी स्थिति स्थिरता में आ जाती
है।
2. अपस्थिति के समय सरकार अपने व्यय में वृद्धि और करों में
कमी करती है। इससे समग्र माँग बढ़ जाती है। समग्र माँग बढ़ने से अपस्फीती अंतराल समाप्त
हो जाता है। कीमतें नियंत्रित हो जाती है और अपस्फीतीकारी स्थिति समाप्त हो जाती है।
(घ) सार्वजनिक उद्यमों का प्रबंधन- ऐसे बहुत उद्यम है जो निजी क्षेत्रकों द्वारा चलाए जा सकते है। सार्वजनिक उद्यमों को सरकार द्वारा चलाए जाते है क्योंकि ये उद्यम सामाजिक कल्याण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते है परंतु ये लाभ नहीं देते। जैसे- रेलवे, प्रशासनिक सेवा आदि। सरकारी बजट का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य इन सार्वजनिक उद्यमों को ठीक ढंग से प्रबंधित करता है।
Model Question Solution 
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Economics Model Paper 2021 Solution/JAC Board Jharkhand
व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय स्मरण रखें (Remember an Introduction to Microeconomics)
आय/उत्पादक का संतुलन स्मरण रखे (Remember an Revenue/ Producer’s Equilibrium)
अधिमाँग-सरकारी बजट-विनिमय दर-भुगतानशेष-स्मरण रख (Remember an Excess Demand-Budget-Exchange-Balance)
उत्पादन फलन/ लागत स्मरण रखें (Remember an Production Function/ Cost)
पूर्ति/बाजार/बाजार संतुलन स्मरण रखे (Remember an Supply/ Market/Market Equilibrium)
Economics Model Question Solution Set-1Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-2Term-1 Exam.
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Economics Model Question Solution Set-4 Term-1 Exam.
Economics Model Question Solution Set-5 Term-1 Exam.
12th JAC Economics Model Paper Solution 2022-23
Economics Model Question Solution Set-1 Term-2 Exam. (2021-22)
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